कोरोना वायरस: रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मददगार हैं ये योगासन, देखें वीडियो
दुनियाभर में फैला कोरोना बहुत खतरनाक है जो उन लोगों को जल्द ही अपनी चपेट में ले रहा है, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है। जानकारी के मुताबिक, बहुत कम समय में यह वायरस किसी को भी अपना शिकार बना सकता है। ऐसे में इस वायरस से बचने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने वाले योगासनों का अभ्यास मददगार साबित हो सकता है। आइए रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने वाले योगासनों के बारे में जानें।
रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए नियमित रूप से करें इस योगासन का अभ्यास
इस आसन के अभ्यास के लिए सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं व दोनों पैरों को एक दूसरे से कुछ दूरी पर रखते हुए हाथों को सिर के ऊपर उठाते हुए दोनों हाथों की हथेलियों को मिला दें। फिर दाएं पैर को मोड़ते हुए तलवे को बाएं जांघ पर टिका दें। इसके बाद बाएं पैर पर संतुलन बनाते हुए हथेलियां, सिर और कंधे को सीधा व एक ही सीध में रखें। कुछ देर इसी स्थिति में रहकर सामान्य हो जाएं।
रोग क्षमता को बढ़ाने वाला सबसे असरदार योगासन
मत्स्यासन रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में बहुत असरदार आसन है। मत्स्यासन करने के लिए दण्डासन की मुद्रा में बैठकर दाएं पैर को बाएं पैर पर रखें। फिर अपने हाथों का सहारा लेते हुए पीछे की ओर अपनी कोहनियां टिकाकर लेट जाएं। अब पीठ और छाती को ऊपर की ओर उठाएं व घुटनों को जमीन पर टिकाकर ही रखें। फिर अपने हाथों से पैर के अंगूठे पकड़ें और गहरी सांस लेते रहे। इस आसन को पांच मिनट तक करके छोंड़ दें।
शारीरिक विकास के साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक
यह योगासन रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में बहुत मददगार साबित हो सकता है। इस आसन को करने के लिए सबसे पहले जमीन पर बिल्कुल सीधे खड़े हो जाइए। फिर अपने हाथों को जितना ऊंचा हो सके उतना ऊंचा उठाएं। इसके बाद सांस लेते हुए धीरे-धीरे पूरे शरीर को खींचें व खिंचाव को पैर की उंगलियों से लेकर हाथ की उंगलियों तक महसूस करें। इस स्थिति में कुछ समय रहने के बाद धीरे-धीरे पहले वाली स्थिति में आ जाएं।
इस योगासन का नियमित अभ्यास रोग प्रतिरोधक क्षमता को जल्द करता है दुरूस्थ
इस आसन के अभ्यास के लिए अपने हाथों को अपने कंधों के नीचे रखकर पेट के बल लेट जाएं। अब अपने हाथों पर दबाव डालते हुए अपने शरीर को जहां तक संभव हो सके, उठाने की कोशिश करें। पांच बार सांस लें और आराम करें, फिर से आसान को दोहराएं। भुजंगासन का नियमित अभ्यास करने से हृदय मजबूत बनता है। साथ ही यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को दुरूस्थ करके उसको बढ़ाने में कारगर साबित हो सकता है।