स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी हैं तिल, जानिए फायदे
तिल का सेवन स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी साबित हो सकता है, क्योंकि ये विटामिन, कैल्शियम, आयरन, मैग्निशियम, फाइबर, कॉपर, जिंक, प्रोटीन आदि जैसे पोषक तत्वों से भरपूर हैं। तिल खाने से शारीरिक और मानसिक कमजोरी के साथ तनाव दूर होता है। इसी तरह तिल कई तरह की छोटी-बड़ी बीमारियों से भी राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं। आइए तिल का सेवन करने से शरीर को होने वाले फायदों के बारे में जानें।
सूखी खांसी के साथ दर्द से राहत दिलाते हैं तिल
सर्दी हो या सर्दी का जाता मौसम, कई लोग इसकी चपेट में आ ही जाते हैं और परिणामस्वरूप खांसी, जुकाम आदि समस्याओं को झेलना पड़ जाता है। ऐसे में कुछ लोगों की खांसी जल्दी जाने का नाम ही नहीं लेती है, खासकर सूखी खांसी। लेकिन तिल के साथ थोड़ी सी मिश्री खाने से इससे राहत मिल सकती है। इसके अलावा, अगर आपके कहीं दर्द है तो उस जगह पर तिल का तेल गर्म करके लगाने से राहत मिलती है।
डायबिटीज के लक्षणों को सामान्य करने में सहायक
तिल में मौजूद पोषक तत्व, डायबिटीज को भी कम करने के लिए जाने जाते हैं। इसी वजह से ये टाइप-2 डायबिटीज से पीड़ित रोगियों की विभिन्न तरह की डायबिटीज की दवा के प्रभाव को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं। दरअसल, तिल दवा की कार्यक्षमता में सुधार और शरीर में इंसुलिन और ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करते हैं, जिससे डायबिटीज के लक्षणों को सामान्य करने में मदद मिलती है।
हड्डियों के विकास के लिए जरूरी हैं तिल
35 की उम्र के बाद हड्डियों का विकास धीरे-धीरे रुकने लग जाता है, जिस वजह से हड्डियों के टूटने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में जो लोग इस समस्या से जूझ रहे हैं उनके लिए काले तिल का सेवन फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि इसमें कैल्शियम और जिंक पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है, जोकि हड्डियों को मजबूत रखते हैं। हड्डियों के विकास के लिए नियमित रूप से केवल आधी मुट्ठी काले तिल का सेवन जरूर करें।
कैंसर के तमाम रूपों के लक्षणों को कम करने में मददगार हैं तिल
तिल में फाइटेट नामक यौगिक सम्मिलित होते हैं जो एक एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करके कैंसर की वजह बनने वाले मुक्त कणों के प्रभाव को कम करता है। तिल कैंसर के कई रूपों के साथ-साथ हृदय की बीमारियों और समय से पहले बुढ़ापे जैसी कई अन्य समस्याओं को कम करने के लिए प्रभावी माने जाते हैं। बता दें कि तिल ल्यूकेमिया, स्तन, फेफड़े, अग्नाशय, कोलोरेक्टल और प्रोस्टेट जैसे कैंसर के रूपों को कम करने के लिए भी सक्षम हैं।