गर्भाशय को स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं ये योगासन, ऐसे करें अभ्यास
क्या है खबर?
कई महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान कई तरह की समस्याओं का एक साथ सामना करना पड़ जाता है और इसका मुख्य कारण है गर्भाशय का स्वस्थ न होना।
ऐसे में अगर गर्भवती महिलाएं यह सोच रही हैं कि गर्भाशय को स्वस्थ कैसे रखा जाए तो बता दें कि इसके लिए योग की मदद ली जा सकती है।
आइए आज गर्भवती महिलाओं के लिए कुछ ऐसे योगासनों के अभ्यास का तरीका जानते हैं जो गर्भाशय को स्वस्थ रखने में सहायक हैं।
#1
बद्धकोणासन
बद्धकोणासन के लिए पहले योगा मैट पर अपने दोनों पैरों को आगे की ओर फैलाकर बैठ जाएं और फिर पैरों को मोड़कर अपने दोनों तलवों को आपस में मिला लें।
इसके बाद दोनों हाथों से तलवों को पकड़ लें और अपने दोनों घुटनों को आराम-आराम से तितली की पंखों की तरह ऊपर-नीचे करें।
इस दौरान सामान्य गति से सांस लेते रहें और कुछ सेकंड के बाद आसन को धीरे-धीरे छोड़ दें।
#2
अंजनेयासन
अंजनेयासन के लिए पहले दोनों पैरों को एक दूसरे से दूर फैला लें।
अब दाहिने पैर के पंजे को बाहर की तरफ घुटने से मोड़ते हुए बैठें। इसके बाद सांस भरते हुए अपने दोनों हाथों को एक साथ सिर के ऊपर ले जाएं और सांस छोड़ते हुए अपने ऊपरी शरीर को पीठ के पीछे मोड़ने की कोशिश करें।
कुछ देर इसी मुद्रा में बने रहें और फिर धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं। अब इस प्रक्रिया को विपरीत दिशा से दोहराएं।
#3
पश्चिमोत्तानासन
पश्चिमोत्तानासन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले जमीन पर दंडासन की मुद्रा में बैठ जाएं। अब सांस लेते हुए अपने दोनों हाथों को ऊपर की ओर उठाएं और कमर को बिल्कुल सीधा रखें।
इसके बाद सांस छोड़ते हुए और पेट को अंदर की ओर ले जाते हुए आगे की ओर झुककर अपने दोनों तलवों को पकड़ लें।
इस मुद्रा में एक मिनट तक रुके रहें और फिर धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में आ जाएं।
#4
सेतुबंधासन
सेतुबंधासन करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर पीठ के बल सीधे लेट जाएं।
अब अपने पैरों को घुटनों से मोड़ें और अपने दोनों हाथों को एड़ियों के करीब लाने की कोशिश करें।
इसके बाद अपने कूल्हे और पैरों को धीरे-धीरे ऊपर की ओर उठाएं और कुछ सेकंड इसी मुद्रा में रहें। फिर धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आ जाएं।
कुछ देर विश्राम के बाद इस योगासन का दोबारा अभ्यास करें।