रूमेटाइड अर्थराइटिस के जोखिम को कम करने में सहायक हैं ये योगासन, ऐसे करें अभ्यास
क्या है खबर?
रूमेटाइड अर्थराइटिस एक तरह का अर्थराइटिस है, जिससे ग्रस्त व्यक्ति के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता स्वस्थ कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाने लगती है।
इससे शरीर के जोड़ वाले हिस्सों में सूजन और तेज दर्द शुरू हो जाता है, इसलिए समय रहते इस बीमारी का उपचार जरूरी है।
आइए आज आपको कुछ ऐसे योगासनों के अभ्यास का तरीका बताते हैं, जिनसे रूमेटाइड अर्थराइटिस के जोखिमों को कम करने में काफी मदद मिल सकती है।
#1
कपोतासन
सबसे पहले योगा मैट पर घुटने के बल खड़े हो जाएं, फिर अपने हाथों को सामने की ओर से ऊपर उठाकर शरीर को वक्र का आकार देते हुए पीछे की ओर ले जाएं और अपनी हथेलियों को जमीन पर रखें।
अब इसी मुद्रा में रहते हुए अपने सिर को एडियों के बीच रखने की कोशिश करें। इसके बाद अपने दोनों हाथों से पैरों की एडियों को पकड़ें।
अपनी क्षमतानुसार इस मुद्रा में बने रहने के बाद धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।
#2
सेतुबंधासन
सेतुबंधासन करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर पीठ के बल सीधे लेट जाएं।
अब अपने पैरों को घुटनों से मोड़ें और अपने दोनों हाथों को एड़ियों के करीब लाने की कोशिश करें।
इसके बाद अपने कूल्हे और पैरों को धीरे-धीरे ऊपर की ओर उठाएं।
अब कुछ सेकंड इसी मुद्रा में रहें और फिर धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आ जाएं। कुछ देर विश्राम के बाद इस योगासन का दोबारा अभ्यास करें।
#3
बालासन
बालासन के अभ्यास के लिए पहले वज्रासन की मुद्रा में बैठें और फिर गहरी सांस लेते हुए हाथों को ऊपर उठाएं। अब सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे आगे की ओर झुकें और माथे को जमीन से सटाएं।
इस अवस्था में दोनों हाथ सामने, माथा जमीन से टिका हुआ और छाती जांघों पर रहेगी।
कुछ सेकंड इसी मुद्रा में रहकर सामान्य रूप से सांस लेते रहें और फिर सांस लेते हुए वापस वज्रासन की मुद्रा में आएं और सामान्य हो जाएं।
#4
पवनमुक्तासन
सबसे पहले योगा मैट पर पीठ के बल लेट जाएं और फिर दोनों पैरों को धीरे-धीरे घुटनों से मोड़ते हुए छाती के पास ले आएं।
अब दोनों हाथों को घुटनों पर रखते हुए उंगलियों को आपस में कस लें। इसके बाद सिर और कंधों को जमीन से उठाते हुए नाक को दोनों घुटनों को बीच लगाने का प्रयास करें।
कुछ सेकंड के लिए इसी मुद्रा में बने रहने की कोशिश करें और फिर धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।