मूत्राशय से जुड़ी समस्याओं को दूर कर सकते हैं ये योगासन, जानिए अभ्यास का तरीका
मूत्राशय से जुड़ी समस्या होने पर न सिर्फ मूत्र त्यागने में तकलीफ होती है, बल्कि चलने-फिरने और उठने-बैठने में भी तेज दर्द होने लगता है। अगर आपको मूत्राशय से जुड़ी कोई समस्या है तो आपके लिए डॉक्टरी इलाज के साथ-साथ कुछ योगासनों का नियमित अभ्यास फायदेमंद साबित हो सकता है। आइए आज हम आपको ऐसे कुछ योगासनों के बारे में बताते हैं जो जननेन्द्रियों की मांसपेशियों में रक्त संचार बढ़ाकर मूत्राशय की समस्याओं को दूर कर सकते हैं।
सुप्त वज्रासन
इसके लिए सबसे पहले योगा मैट पर वज्रासन की मुद्रा में बैठ जाएं। अब सांस लेते हुए शरीर को पीछे की तरफ ले जाएं और हाथों को जमीन पर टिका लें। इसके बाद जितना हो सके, सिर को उतना पीछे की तरफ झुकाने की कोशिश करें। ऐसा करने पर पीठ जमीन से ऊपर उठ जाएगी और शरीर का भार कोहनी और कंधे पर होगा। कुछ सेकंड इसी मुद्रा में बने रहने की कोशिश करें और फिर धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।
सेतुबंधासन
इस योगासन के लिए सबसे पहले योगा मैट पर पीठ के बल सीधे लेट जाएं। अब अपने पैरों को घुटनों से मोड़ें और अपने दोनों हाथों से एड़ियों को पकड़ लें। इसके बाद अपने कूल्हे और पैरों को धीरे-धीरे ऊपर की ओर उठाएं। अब कुछ सेकंड इसी मुद्रा में रहें और फिर धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आ जाएं। कुछ देर विश्राम के बाद इस योगासन का दोबारा अभ्यास करें।
उत्तानासन
उत्तानासन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। अब सांस छोड़ते हुए और कमर से मुड़ते हुए नीचे झुकें। ध्यान रहें कि आपके घुटने बिल्कुल सीधे हों और पैर एक−दूसरे के समानांतर हों। इसके बाद अपने हाथों से अपने पंजों को छूने की कोशिश करें। कुछ देर इसी मुद्रा में बने रहने के बाद धीरे−धीरे सामान्य अवस्था में आ जाएं। इस प्रक्रिया को तीन से चार बार दोहराएं।
मलासन
सबसे पहले योग मैट पर अपने दोनों पैरों को घुटनों से मोड़कर और कंधे की सीध से बाहर की तरफ फैलाकर बैठ जाएं। ध्यान रहे कि बैठते समय कमर का ऊपरी भाग सीधा होना चाहिए। इस अवस्था में आने के बाद शरीर मल त्यागने वाली मुद्रा में दिखाई देने लगेगा। अब अपने दोनों हाथों को नमस्कार मुद्रा में जोड़ लें। कुछ मिनट इसी मुद्रा में रहने की कोशिश करें और फिर आसन को छोड़ दें।