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भ्रामरी प्राणायाम: बेहद लाभदायक है यह प्राणायाम, जानिए इसके अभ्यास का तरीका और महत्वपूर्ण बातें

भ्रामरी प्राणायाम: बेहद लाभदायक है यह प्राणायाम, जानिए इसके अभ्यास का तरीका और महत्वपूर्ण बातें

लेखन अंजली
Mar 06, 2021
06:45 am

क्या है खबर?

प्राणायाम स्वास्थ्य के लिए बेहद ही लाभदायक माना जाता है क्योंकि यह न सिर्फ शरीर को सेहतमंद बनाता है, बल्कि मन और दिमाग को शांत रखने में भी मदद करता है। ऐसे कई प्राणायाम हैं जिन्हें रोजाना करने की सलाह दी जाती है और इन्हीं में से एक है भ्रामरी प्राणायाम। इस प्राणायाम के नियमित अभ्यास से कई तरह के स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं। चलिए फिर भ्रामरी प्राणायाम के अभ्यास का तरीका और इससे जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण बातें जानते हैं।

अभ्यास

भ्रामरी प्राणायाम के अभ्यास का तरीका

सबसे पहले योगा मैट पर पद्मासन की स्थिति में बैठ जाएं। अब अपने दोनों हाथों को कोहनियों से मोड़कर अपने कानों के पास लाएं और अंगूठों से अपने दोनों कानो को बंद करें। अब हाथों की तर्जनी उंगलियों को माथे पर और मध्यमा, अनामिका और कनिष्का उंगली को बंद आंखों के ऊपर रखें। अब मुंह बंद करें और नाक से सांस लेते हुए ओम का उच्चारण करें। कुछ मिनट बाद धीरे-धीरे आंखों को खोलें और प्राणायाम को छोड़ दें।

सावधानियां

अभ्यास के दौरान बरतें ये सावधानियां

1) अगर आपको कान, आंख और सिर से संबंधित कोई समस्या है तो इस प्राणायाम का अभ्यास डॉक्टरी सलाह के बाद ही करें। 2) पीठ और घुटने में दर्द होने पर इस प्राणायाम का अभ्यास न करें क्योंकि हो सकता है कि इससे आपका दर्द बढ़ जाए। 3) इस प्राणायाम का अभ्यास करते समय नाक से ही सांस लें और मुंह से सांस लेने का प्रयास न करें। 4) इस प्राणायाम का अभ्यास करते समय खाली पेट रहें।

फायदे

भ्रामरी प्राणायाम के फायदे

अगर आप रोजाना भ्रामरी प्राणायाम का अभ्यास करते हैं तो इससे आप चिंता और क्रोध से मुक्त रह सकते हैं। इसके अलावा इस प्राणायाम का निरंतर अभ्यास करने से आपकी बुद्धि भी तेज होगी और आत्मविश्वास बढ़ेगा। वहीं अगर आपको हाइपरटेंशन की शिकायत है तो इस प्राणायाम का अभ्यास अवश्य करें। इस प्राणायाम का किडनी और पाचन तंत्र आदि पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है और सिर दर्द में भी राहत मिलती है।

विशेष टिप्स

प्राणायाम के अभ्यास से जुड़ी विशेष टिप्स

1) अगर आप पहली बार इस प्राणायाम का अभ्यास करने जा रहे हैं तो सबसे पहले इसकी प्रक्रिया को अच्छी तरह से समझ लें और इसके बाद ही इसका अभ्यास करें। 2) संभव हो सके तो इस प्राणायाम का अभ्यास किसी योग शिक्षक की निगरानी में ही करें। 3) अगर आप रोजाना प्राणायाम का अभ्यास नहीं करते हैं तो इस प्राणायाम के शुरूआती दिनों में सांस पर ज्यादा दबाव न डालें।