उज्जायी प्राणायाम: बेहद लाभदायक है यह प्राणायाम, जानिए इसके अभ्यास का तरीका और महत्वपूर्ण बातें
अस्वस्थ जीवनशैली के कारण लोगों को न जानें कितनी तरह की समस्याओं से जूझना पड़ता है, लेकिन अगर जीवनशैली में कुछ बदलाव किए जाएं और नियमित तौर पर कुछ प्राणायामों का अभ्यास किया जाए तो इन समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है। स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद माने जाने वाले ऐसे ही प्राणायामों में शामिल है उज्जायी प्राणायाम। इसका अभ्यास करना आसान है और इससे कई फायदे मिलते हैं। चलिए फिर उज्जायी प्राणायाम से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें जानते हैं।
उज्जायी प्राणायाम के अभ्यास का तरीका
सबसे पहले योगा मैट पर पद्मासन की स्थिति में बैठ जाएं और अपनी जीभ को ऊपर तालु से टच करते हुए मुंह के अंदर की ओर मोड़ लें। इसके बाद अपनी दोनों आंखों को बंद करें और गले से आवाज निकालते हुए सामान्य रूप से सांस लें। फिर धीरे-धीरे सांस को गहरा कर लें। ऐसा 10-20 मिनट तक करने के बाद धीरे-धीरे अपनी दोनों आंखों को खोलें और सामान्य हो जाएं।
अभ्यास के दौरान बरतें ये सावधानियां
1) अगर आपको ज्यादा देर बैठने में परेशानी होती है तो आप यह प्राणायाम लेटकर या खड़े होकर भी कर सकते हैं। 2) कम रक्तचाप या अस्थमा से ग्रसित लोगों को उज्जायी प्राणायाम का अभ्यास नहीं करना चाहिए क्योंकि उन्हें इससे फायदे की बजाय नुकसान ज्यादा हो सकता है। 3) हृदय और पुरानी कब्ज से पीड़ित लोगों को भी इस प्राणायाम का अभ्यास नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे उनकी समस्या बढ़ सकती है।
उज्जायी प्राणायाम से मिलने वाले फायदे
1) अगर आपको थायराइड की समस्या है तो आपके लिए रोजाना उज्जायी प्राणायाम का अभ्यास करना लाभकारी हो सकता है। 2) यह प्राणायाम ध्यान केंद्रित करने की शक्ति और सकारात्मक दृष्टिकोण को बढ़ाता है। 3) इस प्राणायम के रोजाना अभ्यास से कोलेस्ट्रॉल भी नियंत्रित रहता है। 4) यह प्राणायाम मोतियाबिंद, साइनस, गठिया और माइग्रेन जैसी समस्याओं से काफी हद तक राहत दिला सकता है। इसके अलावा यह दिल के दौरे के खतरे को भी कम करता है।
प्राणायाम के अभ्यास से जुड़ी महत्वपूर्ण टिप्स
1) अगर आप पहली बार उज्जायी प्राणायाम का अभ्यास करने वाले हैं तो आपको शुरुआत में गले से सांस लेने में समस्या हो सकती है। इससे बचने के लिए इस प्राणायाम के अभ्यास से पहले ऐसे प्राणायाम या योगासनों का अभ्यास करें जो शरीर का तापमान बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। 2) शुरुआत में यह प्राणायाम धीरे-धीरे करने की कोशिश करें। ऐसा करने से आपको इस प्राणायाम को करने से कोई समस्या नहीं होगी।