भेकासन: जानिए इस योगासन के अभ्यास का तरीका, इसके फायदे और अन्य अहम बातें
भेकासन दो शब्दों (भेक और आसन) के मेल से बना है। इसमें भेक का अर्थ मेंढक होता है, वहीं आसन का मतलब मुद्रा है। इस योगासन के नियमित अभ्यास से शरीर को कई सारे फायदे मिल सकते हैं। हालांकि अगर आपको इस योगासन के बारे में कुछ भी नहीं पता है तो आइए आज आपको इसके अभ्यास का तरीका, इसके फायदे और इससे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें बताते हैं।
भेकासन के अभ्यास का तरीका
सबसे पहले योगा मैट पर पेट के बल सीधे लेट जाएं। अब अपने दोनों घुटनों को ऊपर की तरफ मोड़ें और नितंब के किनारों पर लेकर आएं। फिर हाथों से अपने पंजों को पकड़ने की कोशिश करें। इसके बाद अपने सिर और सीने को भी ऊपर की तरफ उठाएं और लंबी गहरी सांस लेते रहें। इस दौरान आपकी नजरें सामने की ओर होनी चाहिए। इस मुद्रा में कुछ देर तक बने रहें और फिर धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।
अभ्यास के दौरान जरूर बरतें ये सावधानियां
अगर आपके घुटनों में चोट लगी है या आपको घुटनों से जुड़ी कोई समस्या हो तो इस योगासन का अभ्यास न करें। पीठ के निचले हिस्से में दर्द होने पर भी यह आसन न करें। इस आसन का अभ्यास करते समय घुटनों पर अधिक दबाव न डालें क्योंकि इससे घुटने के टिश्यू प्रभावित हो सकते हैं जो कि सही नही है। अगर इस योगासन का अभ्यास करते समय किसी भी अंग में दर्द महसूस हो तो तुरंत अभ्यास छोड़ दें।
भेकासन के नियमित अभ्यास से मिलने वाले फायदे
यह आसन फेफड़ों की कार्यक्षमता को बढ़ाकर सांस की गति को संतुलित रखता है। इस आसन के अभ्यास से किडनी के ऊपर स्थित एड्रेनल ग्लैंड नामक ग्रंथि सक्रिय हो जाती है। इस आसन से अग्नाशय की कार्यक्षमता में भी सुधार होता है। इससे पाचन तंत्र पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इस योगासन से पूरे शरीर की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है और इससे शरीर के लचीलेपन को भी बढ़ावा मिलता है।
भेकासन के अभ्यास से जुड़ी विशेष टिप्स
अगर आप पहली बार इस योगासन का अभ्यास करने जा रहे हैं तो सबसे पहले इसकी प्रक्रिया को अच्छी तरह से समझ लें और इसका अभ्यास किसी योग शिक्षक की निगरानी में ही करें। इस आसन को करते समय शरीर में अधिक तनाव पैदा न करें। इसके अलावा अगर आप इस योगासन का अभ्यास करते समय शरीर को ज्यादा न खींच पाएं तो जबरदस्ती न करें क्योंकि इससे चोट लग सकती है।