थायराइड से परेशान हैं तो करें इन जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल, जल्द मिलेगी राहत
थाइराइड ग्रंथि शरीर में एक अहम भूमिका निभाती है। यह गर्दन के बिलकुल निचले हिस्से में मौजूद होती है। यह मेटाबॉलिज़्म को नियमित करने का काम करती है। शरीर में हर अंग के काम करने की एक नियमित सीमा है, लेकिन जब कोई अंग अपनी सीमा से अधिक काम करने लगता है, तो वही अंग बीमारी का रूप ले लेता है। थाइराइड को केवल दवाइयों से ही नहीं बल्कि कुछ जड़ी-बूटियों से भी दूर किया जा सकता है।
कैसे होता है थाइराइड?
थाइराइड ग्रंथि, थाइराइड हार्मोन का उत्पादन करती है, जो शरीर की कई गतिविधियों को नियंत्रित करता है। जिसमें आपके शरीर की कैलोरी तेज़ी से बर्न होती है। थाइराइड की समस्या में हार्मोन या तो तेज़ी से बनता है, यह धीरे-धीरे बनता है और वजन बढ़ने लगता है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में थाइराइड रोग की संभावना ज़्यादा होती है। इस रोग में ज़्यादा दवाइयों का सेवन हानिकारक होता है। ये चार जड़ी-बूटियाँ इसमें आपकी मदद कर सकती हैं।
अश्वगंधा से करें थाइराइड का इलाज
अश्वगंधा एक बहुत ही उपयोगी और महत्वपूर्ण जड़ी-बूटी है। इसमें एंटी-इंफ़्लेमेटरी गुणों के साथ ही एंटी-ऑक्सीडेंट भी होते हैं। थाइराइड ग्रंथि में आई समस्या को अश्वगंधा दूर करती है। यह एक प्राकृतिक और शक्तिवर्धक औषधि है, इसकी मदद से थाइराइड की समस्या पर नियंत्रण पाया जा सकता है। थाइराइड से छुटकारा पाना चाहते, हैं तो आप इसकी पत्तियों और जड़ों को पानी में उबालकर नियमित सेवन करें। जल्द लाभ होगा।
थाइराइड में फ़ायदेमंद है मुलेठी
मुलेठी में कैल्शियम, ग्लिसराइजिक एसिड, एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-बायोटिक, प्रोटीन और वसा भरपूर मात्रा में पाया जाता है। मुलेठी का इस्तेमाल गले संबंधी बीमारियों के इलाज के लिए सदियों से होता आ रहा है। मुलेठी ग्रंथियों के बीच संतुलन बनाए रखने का काम करती है। साथ ही थाइराइड के कारण जो शरीर में कमज़ोरी होती है, उसे भी मुलेठी पूरी तरह से दूर कर देती है। इसलिए थाइराइड के रोगियों को मुलेठी का इस्तेमाल नियमित करना चाहिए।
अलसी का बीज दिलाए थाइराइड से मुक्ति
थाइराइड के मरीज़ों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उन्हें अक्सर ख़राब गले का सामना करना पड़ता है। इससे छुटकारा पाने के लिए अलसी के बीजों का काढ़ा बनाकर पीएँ। सुबह-शाम इसे पीने से खाँसी से भी छुटकारा मिलता है। तीन ग्राम अलसी के चूर्ण को पानी में एक घंटे तक उबालें। आप इसमें थोड़ी चीनी भी मिला सकते हैं। अलसी के बीज में मौजूद फैटी एसिड थाइराइड हार्मोन के उत्पादन को बढ़ने में रोकता है।
अदरक भी है थाइराइड में लाभदायक
थाइराइड एक ऐसी बीमारी है, जो आपको धीरे-धीरे मौत की तरफ़ ले जाती है और आपको पता भी नहीं चलता है। अगर आप इससे हमेशा के लिए छुटकारा पाना चाहते हैं, तो रोज़ाना अदरक का सेवन करना शुरू कर दीजिए। इसमें भरपूर मात्रा में पोटैशियम और मैग्निशियम पाया जाता है, जो थाइराइड की बीमारी से छुटकारा दिलाने में मदद करता है। इसके अलावा अदरक में मौजूद एंटी-इंफ़्लेमेटरी गुण थाइराइड को बढ़ने से रोकता है।