बच्चा होने के बाद माता-पिता को नहीं लेनी चाहिए लंबी छुट्टी, लगती है धूम्रपान की आदत
क्या है खबर?
बच्चे को जन्म देने के बाद मां का शरीर कमजोर हो जाता है और उन्हें देखभाल के लिए पिता के सहारे की जरूरत पड़ती है। इसके चलते पिता 15 दिन और माता 6.5 महीने का अवकाश ले लेते हैं। हालांकि, कुछ लोग अपनी जरूरतों के मुताबिक छुट्टियों को बढ़ा भी लेते हैं। हाल ही में किए गए अध्ययन से सामने आया है कि बच्चा होने के बाद लंबी छुट्टी लेने से माता अस्वस्थ व्यवहार की आदि हो जाती हैं।
अध्ययन
14 यूरोपीय देशों के लोग हुए थे अध्ययन में शामिल
यह अध्ययन वियना विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया है और इसे स्वास्थ्य अर्थशास्त्र जर्नल में प्रकाशित किया गया है। इसे पूरा करने के लिए हर्टी स्कूल बर्लिन और टीयू वियना के शोधकर्ताओं ने हाथ मिलाए थे। सोनजा स्पित्जर के नेतृत्व में टीम ने 14 यूरोपीय देशों में माताओं के धूम्रपान व्यवहार पर मातृत्व और पैतृक अवकाश के प्रभावों का विश्लेषण किया। इनमें ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, डेनमार्क, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, आयरलैंड, इटली, लक्जमबर्ग, पुर्तगाल, स्पेन, स्वीडन, स्विट्जरलैंड और नीदरलैंड शामिल थे।
प्रक्रिया
लंबी छुट्टी लेने से मां को लग सकती हैं बुरी आदतें
शोधकर्ताओं ने SHARE डाटासेट से 8,500 माताओं के सर्वेक्षण डाटा को इखट्टा किया। यह डाटा 1960 और 2010 के बीच 14 यूरोपीय देशों में से जमा किया गया था। अर्थमितीय विधि का उपयोग करते हुए धूम्रपान व्यवहार पर मातृत्व अवकाश की अवधि के प्रभाव की जांच की गई। सामने आया कि बच्चे के जन्म के बाद लिए गए अवकाश की अवधि न केवल माताओं के स्वास्थ्य और आय को प्रभावित करती है, बल्कि उन्हें धूम्रपान का आदि बना देती है।
नतीजे
क्या रहे इस अध्ययन के नतीजे?
अध्ययन के मुताबिक, मातृत्व अवकाश का एक अतिरिक्त महीना आगे चलकर धूम्रपान करने की संभावना को 1.2 प्रतिशत तक बढ़ा देता है। मातृत्व अवकाश के हर अतिरिक्त महीने के साथ धूम्रपान की कुल अवधि और रोजाना पी गईं सिगरेटों की संख्या (+0.2 सिगरेट प्रतिदिन) भी बढ़ जाती है। जिन माताओं को बच्चे के जन्म के समय अपने पार्टनर से वित्तीय सहायता नहीं मिलती, वे विशेष रूप से प्रभावित होती हैं।
धूम्रपान
माता-पिता तनाव मिटाने के लिए लेते हैं धूम्रपान का सहारा
अध्ययन से सामने आया कि माता-पिता की छुट्टी की छोटी अवधि धूम्रपान व्यवहार को कम करती है। इससे माता-पिता काम पर लौट जाते हैं, व्यस्त हो जाते हैं और उन्हें धूम्रपान करने का समय नहीं मिलता। सोनजा ने कहा, "अगर छुट्टी की अवधि बहुत लंबी है तो वित्तीय बोझ, सामाजिक अलगाव और व्यावसायिक नुकसान बढ़ जाते हैं। धूम्रपान इनके तनाव से निपटने का एक तरीका बन जाता है।" इसी कारण से माता-पिता को जरूरत के मुताबिक ही अवकाश लेने चाहिए।