लस्सी बनाम छाछ: दोनों में से किसका सेवन स्वास्थ्य के लिए है ज्यादा बेहतर?
कई लोग गर्मियों में कार्बोनेटेड ड्रिंक्स का सेवन करना पसंद करते हैं, लेकिन इनका सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इनकी जगह लस्सी और छाछ जैसी ड्रिंक्स को पीना चाहिए क्योंकि इन्हें बनाने के लिए स्वास्थ्यवर्धक सामग्रियों का इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि, कई लोग इन दोनों ड्रिंक के बीच भ्रमित रहते हैं, इसलिए आज हम आपको इनके बीच का अंतर बताने जा रहे हैं ताकि बिना किसी उलझन के आप इन्हें अपनी डाइट में शामिल करें।
लस्सी और छाछ को बनाने का तरीका
लस्सी को दही, पानी और चीनी या फल जैसी सामग्रियों को मिलाकर बनाया जाता है, जबकि छाछ सफेद मक्खन को मथकर बनाई जाती है। छाछ को अंग्रेजी में बटरमिल्क कहते हैं और इसमें मिठास नहीं होती है। उत्तर भारत में यह एक बहुत लोकप्रिय ड्रिंक है। अगर आपको लस्सी पसंद है तो आप गर्मियों में ये 5 तरह की लस्सी ट्राई कर सकते हैं। इन्हें घर पर बनाना कुछ ही मिनटों का काम है।
दोनों ड्रिंक का स्वाद होता है अलग
लस्सी और छाछ दोनों ही रिफ्रेशिंग ड्रिंक हैं, लेकिन इनका स्वाद एक-दूसरे से काफी अलग होता है। लस्सी खट्टे-मीठे स्वाद की होती है क्योंकि इसे बनाते समय दही और फलों का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे इसमें खट्टापन आता है और इसे मीठा बनाने के लिए चीनी का इस्तेमाल होता है। दूसरी ओर मसालों और विभिन्न जड़ी-बूटियों के इस्तेमाल के कारण छाछ का स्वाद नमकीन होता है।
छाछ की तुलना में ज्यादा गाढ़ी होती है लस्सी
बनावट और कंसिस्टेंसी इन दोनों ड्रिंक्स के बीच सबसे स्पष्ट अंतरों में से एक है। लस्सी की कंसिस्टेंसी ज्यादा गाढ़ी होती है और दिखने में मोटी लगती है। दही के प्रयोग के कारण यह अधिक क्रीमी होती है। दूसरी ओर छाछ पतली होती है और इसकी कंसिस्टेंसी अधिक पारदर्शी होती है। इसमें बहुत कम या बिल्कुल भी क्रीमीपन नहीं होता है। रोजाना छाछ का सेवन करने से ये 5 स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं।
दोनों ड्रिंक में से किसका चयन करना है ज्यादा सही?
आप अपनी डाइट में दोनों ड्रिंक को शामिल कर सकते हैं, लेकिन अगर आप वजन घटाने में लगे हैं तो छाछ उपयुक्त विकल्प है क्योंकि इसमें लस्सी की तुलना में कम कैलोरी होती है। दरअसल, ज्यादा पानी डालने से इसमें मौजूद बटरफैट निकल जाता है। इसके साथ ही इसमें चीनी नहीं होती है, जो इसे मधुमेह से ग्रस्त लोगों के लिए भी अच्छा बनाती है। लस्सी में वसा और चीनी होती है, जो इसे कम पौष्टिक बनाती है।