#NewsBytesExplainer: क्या है लिक्विड डाइट और क्या यह शरीर के लिए अच्छी है?
क्या है खबर?
लिक्विड डाइट में लोग सिर्फ तरल पदार्थों का ही सेवन करते हैं।
तरल पदार्थ शरीर के हाइड्रेशन स्तर को बढ़ाते हैं और वजन घटाने में भी कुछ हद तक मदद कर सकते हैं।
आप अपने दिन के 1-2 भोजन को तरल पदार्थों से बदल सकते हैं या पूरे दिन के लिए लिक्विड डाइट को चुन सकते हैं।
आइए जानते हैं कि लिक्विड डाइट कितनी तरह की होती है और वजन कैसे घटाती है।
कारण
लिक्विड डाइट वजन घटाने में कैसे मदद करती हैं?
यह डाइट मेटाबॉलिज्म की गति में सुधार करती है, शरीर को डिटॉक्सिफाई करती है और आसानी से पच जाती है, जिसके परिणामस्वरूप वजन कम होता है और पूरे स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक असर पड़ता है।
इसके अलावा लिक्विड डाइट कैलोरी में कम होती है।
द अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रिशन के एक अध्ययन से पता चला कि लिक्विड डाइट में 500 से कम कैलोरी वाले तरल पदार्थ शामिल होते हैं, जो वजन घटाने में प्रभावी हो सकते हैं।
जानकारी
लिक्विड डाइट के प्रकार
लिक्विड डाइट मुख्य रूप से 3 प्रकार की होती है। इसमें डिटॉक्स या क्लींजिंग डाइट, मील रिप्लेसमेंट डाइट और मेडिकल लिक्विड डाइट शामिल है। इनमें से किसी को भी आजमाने से पहले अपने डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ से सलाह लेना याद रखें।
प्रकार-1
डिटॉक्स या क्लींजिंग डाइट
डिटॉक्स या क्लींजिंग लिक्विड डाइट ने हाल के दिनों में लोकप्रियता हासिल की है।
इस डाइट को फॉलो करने वालों को जड़ी-बूटियों के साथ केवल सब्जियों या फलों का जूस पीना होता है।
इस डाइट की शुरूआत सुबह के समय पानी में नींबू का रस मिलाकर पीने से करें, फिर ब्रेकफास्ट में फलों और सूखे मेवों की स्मूदी बनाकर पीएं।
लंच में खीरे के सूप का सेवन करें, जबकि स्नैक्स में छाछ पीएं और डिनर में मशरूम का सूप पीएं।
प्रकार-2
मील रिप्लेसमेंट लिक्विड डाइट
मील रिप्लेसमेंट लिक्विड डाइट कैलोरी में कम होती है और वजन घटाने में प्रभावी हो सकती है।
यह डाइट प्रोटीन सहित फाइबर में उच्च और वसा में कम होती है।
इस डाइट को फॉलो करने वाले ब्रेकफास्ट या लंच की जगह पर शेक या जूस ले सकते हैं।
आप शेक के लिए फल, सब्जियां और सूखे मेवे इस्तेमाल कर सकते हैं। फल या सब्जी के जूस को घर में बिना चीनी के बनाएं।
प्रकार-3
मेडिकल लिक्विड डाइट
यह डाइट वजन घटाने के लिए नहीं है, बल्कि यह स्वास्थ्य दिक्कतों के लिए रोगियों को दी जाने वाली डाइट है।
अमूमन डॉक्टर्स यह डाइट उन लोगों को फॉलो करने के लिए कहते हैं, जिनकी हाल ही में सर्जरी हुई हो या फिर चोट से उबरना हो।
पाचन संबंधी समस्याओं से राहत पाने के लिए भी इस डाइट को फॉलो किया जाता है।
इसमें रोगियों को पानी, सेब का जूस, पॉप्सिकल, सिरप और हर्बल चाय पीने को कहा जाता है।
फायदे
लिक्विड डाइट के फायदे
लिक्विड डाइट से वजन घटाना और शरीर को डिटॉक्स करना आसान है क्योंकि इससे शरीर की कैलोरी को नियंत्रित किया जा सकता है।
इसमें शामिल फलों और सब्जियों के जूस शरीर को विटामिन, खनिज और एंटी-ऑक्सीडेंट्स की एक अच्छी-खासी खुराक दे सकते हैं।
यह डाइट न सिर्फ बढ़ते वजन की चपेट में आए लोगों के लिए बेहतर है, बल्कि चबाने में दिक्कत का सामना कर रहे लोगों के लिए भी फायदेमंद है।
नुकसान
लिक्विड डाइट के नुकसान
कई लोग इस डाइट को बहुत दिनों तक फॉलो नहीं कर पाते हैं क्योंकि इसके कारण शरीर में महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की कमी हो सकती है।
दरअसल, किसी भी चीज के जूस में विटामिन और खनिज होते हैं, लेकिन उनमें फाइबर, फैट या प्रोटीन नहीं होता है।
इस वजह से कई लोगों को सिरदर्द, भूख और दस्त जैसी परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है।
ज्यादा डिटॉक्सिंग के कारण शरीर में कमजोरी भी महसूस होने लगती है।
चयन
...तो क्या लिक्विड डाइट पर रहना सही है?
शरीर के सारे अंग अपने आप ही संतुलन बनाकर चलते हैं।
ऐसे में जरूरी है आप अपनी डाइट में ठोस और तरल पदार्थों को एक संतुलित रूप में लें, ताकि आप स्वस्थ रहें।
सिर्फ तरल पदार्थों पर ही शरीर को रखना शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
दरअसल, सिर्फ लिक्विड डाइट पर ही रहने से शरीर के अलग-अलग अंगों के काम करने की शैली में बदलाव आ जाता है, जिससे बीमारियां होने लगती हैं।