जानिए क्यों स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक माना जाता है जंक फूड
बच्चों से लेकर बड़ों तक आजकल हर कोई जंक फूड का शौकीन है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसका सेवन आपके स्वास्थ्य के लिए बेहद नुकसानदायक साबित हो सकता हैं। दरअसल, जंक फूड में चीनी, कार्बोहाइड्रेट, सोडियम, फैट और कई तरह के ऐसे तत्व मौजूद होते हैं जिससे न सिर्फ आपका वजन तेजी से बढ़ता है बल्कि कई तरह की बीमारियां भी आपको घेर सकती हैं। चलिए फिर इसी के बारे में आपको और जानकारी देते हैं।
मधुमेह का कारण बन सकता है जंक फूड का सेवन
बेशक जंक फूड के बहुत लोग दीवाने हैं, लेकिन यह शरीर की प्राकृतिक इंसुलिन प्रतिक्रिया को बदल सकता है। दरअसल, अधिकांश फास्ट फूड में कार्बोहाइड्रेट अधिक होता है, वहीं फाइबर की मात्रा बिल्कुल नहीं होती है। जब आपका पाचन तंत्र इस तरह के खाद्य पदार्थों को पचाने की कोशिश करता है तो यह आपके खून में ग्लूकोज के रूप में रिलीज होते हैं, जिससे आपके खून में शुगर बढ़ जाता है और आप मधुमेह की चपेट में आ सकते हैं।
मानसिक रोगों को बढ़ाता देता है जंक फूड
अधिकतर जंक फूड में सोडियम की मात्रा अधिक होती है जिस वजह से इनका सेवन सिर दर्द और डिप्रेशन के जोखिम को बढ़ा सकता है। डिप्रेशन इसलिए होता है क्योंकि जंक फूड के अधिक सेवन से शरीर के हार्मोन का संतुलन बिगड़ जाता है जिसके कारण व्यक्ति इस गंभीर समस्या के जाल में फंस जाता है। इसलिए आपको जंक फूड का अधिक सेवन नहीं करना चाहिए और स्नैक्स के तौर पर खाने के हेल्दी विकल्प चुनने चाहिए।
त्वचा और मुंह के स्वास्थ्य के लिए भी सही नहीं हैं जंक फूड
जंक फूड का अधिक सेवन स्वास्थ्य के साथ-साथ आपकी त्वचा को भी प्रभावित कर सकता है क्योंकि इसमें मौजूद कार्ब्स मुंहासे पैदा कर सकते हैं। इतना ही नहीं, इस तरह के खाद्य पदार्थों में मौजूद कार्ब्स और चीनी एसिड का उत्पादन करते हैं जो दांतों को भी नुकसान पहुंचा सकते है और कैविटीज का कारण भी बन सकते हैं। इसलिए जितना संभव हो सकें उतना जंक फूड का सेवन करने से बचें।
इन बीमारियों का भी शिकार बनाता है जंक फूड का सेवन
जंक फूड में प्राकृतिक रूप से सोडियम की मात्रा अधिक हो जाती है जिस कारण शरीर न सिर्फ मधुमेह बल्कि हाई कोलेस्ट्रॉल, हाई ब्लड प्रेशर और स्ट्रोक जैसे हृदय के कई जोखिमों की चपेट में भी आ सकता है। वहीं गर्भवती महिलाों को तो गर्भावस्था के दौरान भूल से भी इनका सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इनसे उनकी फर्टिलिटी पर असर पड़ सकता है और शरीर में हार्मोन असंतुलित होने लगते हैं।