गर्मियों में ब्रेकफास्ट के बाद ब्लड शुगर स्तर को नियंत्रित करने के लिए अपनाएं ये टिप्स
गर्मियों के दौरान मधुमेह रोगियों को ब्लड शुगर के स्तर की बारीकी से निगरानी करनी चाहिए। खासतौर से दिन के पहले भोजन के बाद। ब्रेकफास्ट मधुमेह प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। आप इसके लिए क्या खाते हैं या इसके बाद क्या करते हैं, यह ब्लड शुगर के स्तर को प्रभावित कर सकता है। आइए जानते हैं कि गर्मियों में ब्रेकफास्ट के बाद ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित रखने के लिए क्या-क्या करना चाहिए।
हाइड्रेट रहें
गर्मी में डिहाइड्रेशन होना सामान्य है, लेकिन इससे ब्लड शुगर का स्तर प्रभावित हो सकता है। इससे सुरक्षित रहने के लिए ब्रेकफास्ट में कम कैलोरी और बिना मीठा मिलाए स्वास्वर्धक पेय पदार्थों का सेवन करें। लाभ के लिए आप हर्बल चाय या इंफ्यूज्ड पानी का सेवन कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त पूरे दिन में 8 से 10 गिलास पानी का सेवन भी जरूर करें।
कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ चुनें
कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) एक खाने की योजना है, जो भोजन को 0 से 100 के पैमाने पर मापता है और कम रैंक वाले खाद्य पदार्थ मधुमेह रोगियों के लिए लाभदायक माने जाते हैं। इसलिए ब्रेकफास्ट में कम GI वाले खाद्य पदार्थों का चयन ब्लड शुगर के स्तर में तेजी से बढ़ोतरी होने से रोक सकता है। पूरे दिन ब्लड शुगर के स्तर को स्थिर बनाए रखने के लिए ब्रेकफास्ट में कॉम्प्लेक्स कार्ब्स युक्त खान-पान की चीजें खाना बेहतर है।
फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का करें सेवन
ब्रेकफास्ट में फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे सब्जियां, फलियां, फल और साबुत अनाज खाने से ब्लड शुगर के स्तर को स्थिर रखने में मदद मिल सकती है। अध्ययनों के अनुसार, उच्च फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करने से टाइप-2 मधुमेह को 15-19 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है। इसके लिए महिलाओं को रोजाना 25 ग्राम फाइबर का सेवन करना चाहिए, जबकि पुरुषों को रोजाना 35 ग्राम फाइबर का सेवन करना चाहिए।
ब्रेकफास्ट के बाद कुछ देर बाद एक्सरसाइज करें
एक्सरसाइज इंसुलिन असंवेदनशीलता का प्रभावी ढंग से इलाज और रोकथाम कर सकती है। इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार से खून में ब्लड शुगर का स्तर कम हो जाता है क्योंकि कोशिकाएं चीनी का बेहतर उपयोग करने में सक्षम हो जाती हैं। लाभ के लिए आप अपनी दैनिक दिनचर्या में तेज गति से चलना, तैराकी, दौड़ना, साइकिल चलाना, लंबी पैदल यात्रा और नृत्य जैसी एक्सरसाइज को शामिल करें।
अच्छी गुणवत्ता की नींद लें
यह ब्रेकफास्ट के बाद का नहीं बल्कि ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित रखने के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण पॉइंट है। खराब स्लीप साइकिल भी उच्च ब्लड शुगर के स्तर का कारण हो सकती है और इंसुलिन संवेदनशीलता को प्रभावित कर सकती है। नींद की कमी आपके कोर्टिसोल के स्तर को भी बढ़ाती है, जिससे ब्लड शुगर का स्तर बढ़ सकता है। नेशनल स्लीप फाउंडेशन के अनुसार, वयस्कों के लिए रोजाना 7 से 8 घंटे की नींद लेना जरूरी है।