क्या आपके बच्चे को लैक्टोज इंटॉलरेंस है? इन शारीरिक संकेतों से लगाएं पता
लैक्टोज इंटॉलरेंस तब होता है, जब शरीर दुग्ध उत्पादों में पाए जाने वाले एक चीनी यौगिक लैक्टोज को पचा नहीं पाता है। यह सभी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकता है और बच्चों में भी लैक्टोज इंटॉलरेंस विकसित हो सकता है। आइए आज हम आपको बच्चों में दिखने वाले लैक्टोज इंटॉलरेंस से जुड़े शुरूआती शारीरिक संकेतों के बताते हैं ताकि माता-पिता समय रहते उनकी स्थिति को समझ सकें।
पाचन संबंधी समस्याएं
बच्चों में लैक्टोज इंटॉलरेंस का सबसे मुख्य लक्षणों में से एक दुग्ध उत्पादों के सेवन के बाद पाचन संबंधी समस्याएं होना है। इसमें पेट दर्द, सूजन, गैस, दस्त और मतली शामिल हो सकते हैं। अगर आपका बच्चा दुग्ध उत्पाद लेने के बाद अक्सर इन लक्षणों का अनुभव करता है तो उसे डॉक्टर के पास ले जाए ताकि आपको पता चल सके कि उसे समस्याएं लैक्टोज इंटॉलरेंस के कारण हो रही हैं या वजह कुछ और है।
लगातार थकान और चिड़चिड़ापन होना
लैक्टोज इंटॉलरेंस कभी-कभी बच्चों में थकान और चिड़चिड़ापन का कारण बन सकती है। दरअसल, दुग्ध उत्पादों में मौजूद लैक्टोज को पचाने में कठिनाई के कारण पोषक तत्वों का अवशोषण ठीक से नहीं हो पाता है, जिससे ऊर्जा का स्तर कम हो सकता है। इससे बच्चे सुस्त, थके हुए और चिड़चिड़े दिखाई दे सकते हैं, खासकर लैक्टोज युक्त खाद्य पदार्थ खाने के बाद। यहां जानिए चिड़चिड़ान दूर करने के प्रभावी तरीके।
दुग्ध उत्पादों से परहेज करना
लैक्टोज इंटॉलरेंस होने पर बच्चे दुग्ध उत्पादों को लेने के बाद होने वाली असुविधा के कारण उनसे दूरी बनाना शुरू कर देते हैं। अगर आप देखते हैं कि आपका बच्चा बिना किसी स्पष्ट कारण के लगातार दुग्ध उत्पादों से परहेज करता है तो यह संकेत हो सकता है कि उसे लैक्टोज इंटॉलरेंस है। ऐसे में अपने बच्चे को दुग्ध उत्पाद देने से बचें और दूध के स्वास्थ्यवर्धक विकल्पों को आजमाएं।
पोषक तत्वों की कमी
कुछ मामलों में लैक्टोज इंटॉलरेंस बच्चों में खराब विकास का कारण बन सकती है। लैक्टोज को ठीक से न पचाने के कारण पोषक तत्वों के अवशोषण में बाधा उत्पन्न हो सकती है, जिसके परिणामस्वरूप कैल्शियम और विटामिन-D जैसे आवश्यक पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। यह हड्डियों के स्वास्थ्य और समग्र विकास को प्रभावित कर सकता है। अगर आपका बच्चा भी सही से पनप रहा है तो उसे डॉक्टर को दिखाएं।
लैक्टोज इंटॉलरेंस का पारिवारिक इतिहास
बच्चों में आनुवंशिकी लैक्टोज इंटॉलरेंस हो सकता है। इसका मतलब है कि अगर माता-पिता या इनमें से किसी एक को भी पहले से लैक्टोज इंटॉलरेंस है तो इस बात की अधिक संभावना है कि बच्चों को जन्म से यह विकार हो सकता है। अगर लैक्टोज इंटॉलरेंस का पारिवारिक इतिहास है तो अपने बच्चे में संकेतों और लक्षणों के प्रति सर्तक रहें क्योंकि वे इस स्थिति के प्रति संवेदनशील हो सकते हैं।