#NewsBytesExplainer: कैसे 15 अगस्त को भारत के स्वतंत्रता दिवस की तारीख के रूप में चुना गया?
क्या है खबर?
भारत इस साल 15 अगस्त को अपना 77वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा। यह दिन लगभग 200 वर्षों के ब्रिटिश शासन के अंत और स्वतंत्रता की अवधि की शुरुआत का प्रतीक है।
नियंत्रित होने से लेकर अपने देश पर नियंत्रण पाने तक, यह एक महत्वपूर्ण यात्रा रही है।
हालांकि, क्या आपको मालूम है कि 15 अगस्त को भारत के स्वतंत्रता दिवस की तारीख के रूप में क्यों चुना गया? अगर नहीं तो आइए आज इसी के बारे में विस्तार से जानते हैं।
तारीख
आजादी से पहले 26 जनवरी को मनाया जाता था स्वतंत्रता दिवस
आजादी पाने की इच्छा साल 1929 में शुरू हुई, जब जवाहरलाल नेहरू ने कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में पूर्ण स्वराज यानि ब्रिटिश शासन से पूर्ण स्वतंत्रता का आह्वान किया। इस आह्वान के बाद कांग्रेस ने हर साल 26 जनवरी को स्वतंत्रता दिवस मनाने का फैसला लिया।
कांग्रेस 1930 से 1947 में भारत को आजादी नहीं मिलने तक, इसी दिन स्वतंत्रता दिवस मनाती रही। 1950 में संविधान लागू होने के बाद 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में चुना गया।
15 अगस्त
यहां से शुरू हुआ 15 अगस्त तारीख चुनने का सिलसिला
ब्रिटिश संसद ने भारत के वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन को 30 जून, 1948 तक भारत को आजाद का आदेश दिया था, लेकिन माउंटबेटन ने तारीख पहले कर दी और सत्ता हस्तांतरण की तिथि 15 अगस्त, 1947 निर्धारित की गई।
इसे लेकर स्वतंत्र भारत के पहले भारतीय गवर्नर जनरल सी राजगोपालाचारी ने कहा कि दिन को पहले से तय करने का निर्णय इसलिए लिया गया क्योंकि माउंटबेटन यह सुनिश्चित करना चाहते थे कि कोई रक्तपात या दंगा न हो।
प्रक्रिया
इस तरह से आगे बढ़ी प्रक्रिया
राजगोपालाचारी ने बताया था, "अगर उन्होंने (लॉर्ड माउंटबेटन) जून, 1948 तक इंतजार किया होता तो हस्तांतरण के लिए कोई शक्ति नहीं बचती।"
अंग्रेजों से आजादी की घोषणा के बाद ब्रिटिश हाउस ऑफ कॉमंस में 4 जुलाई, 1947 को भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम को पेश किया गया।
इस अधिनियम ने भारत में ब्रिटिश शासन का अंत सुनिश्चित किया और तत्कालीन देश को भारत और पाकिस्तान में विभाजित करने का भी आह्वान किया।
अधिनियम
18 जुलाई को पास हुआ था भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम
इस अधिनियम में भारत और पाकिस्तान को अलग मुल्क बनाए जाने का प्रस्ताव रखा गया था।
इसके अतिरिक्त इस अधिनियम ने विधायी संप्रभुता को भी हस्तांतरित कर दिया, जिसे भारत के लोगों द्वारा चुना गया था।
यह अधिनियम 18 जुलाई, 1947 को स्वीकारा गया और 14 अगस्त को बंटवारे के बाद 15 अगस्त, 1947 को मध्यरात्रि 12 बजे भारत की आजादी की घोषणा की गई।
इसके बाद से हर साल 15 अगस्त को आजादी का जश्न मनाया जाने लगा।
जानकारी
15 अगस्त पर पहली बार लाल किले पर फहराया गया राष्ट्रीय ध्वज
15 अगस्त, 1947 को भारत के पहले प्रधानमंत्री बने जवाहरलाल नेहरू ने दिल्ली में लाल किले के ऊपर राष्ट्रीय ध्वज फहराया और आधिकारिक तौर पर भारत को एक स्वतंत्र राष्ट्र घोषित किया।
जगह
इस कारण राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए लाल किले को चुना गया
15 अगस्त, 1947 को तिरंगा फहराने के लिए देश की 2 जगहों में से एक का चयन करना सुनिश्चित किया गया था, पहली रायसीना हिल्स (जहां राष्ट्रपति भवन है) और दूसरी लाल किला।
रायसीना हिल्स को तिरंगा फहराने के लिए उपयुक्त नहीं माना गया क्योंकि वहां लॉर्ड माउंटबेटन रह रहे थे।
इसी कारण लाल किले पर उस समय के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने तिरंगा फहराया था और तब से अब तक यही सिलसिला कायम है।