लो-कार्ब डाइट के सेवन से मिल सकते हैं ये 5 बड़े फायदे
लो-कार्ब डाइट में कम कार्बोहाइड्रेट्स का सेवन करना होता है और भरपूर प्रोटीन और फैट्स लेने होते हैं। इसके अतिरिक्त इसमें सीमित मात्रा में कैलोरी होना भी जरूरी है क्योंकि इसकी कमी से शरीर को थकान और कमजोरी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इस डाइट की लोकप्रियता का सबसे बड़ा कारण इससे वजन घटना है, लेकिन इसके लाभ यहीं तक सीमित नहीं हैं। आइए आज हम आपको लो-कार्ब डाइट से मिलने वाले स्वास्थ्य लाभ बताते हैं।
ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को कर सकती है कम
लो-कार्ब डाइट ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को कम कर सकती है, जिससे हृदय स्वस्थ रहता है। ट्राइग्लिसराइड्स हृदय संबंधी समस्याओं का कारण बनते हैं। ये छोटे वसा अणु होते हैं, जो ब्लड प्रेशर के माध्यम से बहते हैं। इनके उच्च स्तर से नसों में जमाव हो सकता है, जिससे कार्डियक अरेस्ट या हार्ट अटैक का खतरा बढ़ सकता है। लाभ के लिए कीटो या फिर एटकिंस जैसी लो-कार्ब डाइट का पालन करने पर विचार करें।
मधुमेह का खतरा हो सकता है कम
कार्बोहाइड्रेट शरीर में टूटने के बाद चीनी में बदल जाते हैं, इसलिए कार्बोहाइड्रेट के अधिक सेवन से शर्करा का स्तर अधिक हो सकता है। इससे इंसुलिन उत्पादन के स्तर में उतार-चढ़ाव की संभावना भी बढ़ जाती है। हालांकि, अगर आप लो-कार्ब डाइट चुनते हैं तो इससे मधुमेह का खतरा कम हो सकता है। यहां जानिए मधुमेह रोगियों के लिए लाभदायक ग्लूकोज के स्तर को कम करने वाली सब्जियां।
मेटाबॉलिज्म को तेज करने में है कारगर
अच्छा मेटाबॉलिज्म न सिर्फ वजन घटाने में मदद करता है, बल्कि यह आपके संपूर्ण स्वास्थ्य को भी दुरुस्त रखता है। पाचन, ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल का अवशोषण आपके मेटाबॉलिज्म के प्रकार पर निर्भर करता है। अगर यह तेज होगा तो शरीर बेहतर तरीके से कम करता है। उच्च कार्ब डाइट मेटाबॉलिज्म के लिए सबसे बड़ी दुश्मन हो सकती है। आप भले ही लो-कार्ब डाइट न फॉलो करें, लेकिन फिर भी रोजाना सीमित मात्रा में कार्ब्स लें।
मानसिक स्वास्थ्य के लिए है लाभदायक
मानसिक स्वास्थ्य को स्वस्थ रखने के लिए कार्ब्स की आवश्यकता होती है और इसके लिए लो-कार्ब डाइट को चुनना अच्छा है। जब आप भूखे रहते हैं या लो-कार्ब डाइट लेते हैं तो आपके मस्तिष्क में मौजूद कीटोन्स सक्रिय हो जाते हैं। कई वर्षों से इनका उपयोग मिर्गी के इलाज के तरीके के रूप में किया जा रहा है, जो एक तंत्रिका संबंधी विकार है। लो-कार्ब डाइट अल्जाइमर और स्ट्रोक का खतरा कम करने में भी मददगार है।
ब्लोटिंग की समस्या नहीं रहती
ब्लोटिंग एक ऐसी स्थिति है, जिसमें पेट के अंदर के ऊतक फूल जाते हैं या बढ़ने लगते हैं। इसके कारण न सिर्फ असहज महसूस होने लगता है, बल्कि पेट दर्द, जलन, उलटी, मतली और थकान जैसी समस्याएं होने लगती हैं। अधिक खाना, अधिक शराब का सेवन, उच्च कार्बोहाइड्रेट्स, कब्ज और अपच आदि ब्लोटिंग के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। हालांकि, लो-कार्ब डाइट इस समस्या से सुरक्षित रखने में मदद कर सकती है।