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    कहीं आपको IDIOT सिंड्रोम तो नहीं? जानिए अपनी बीमारी को 'गूगल' करने के नकारात्मक प्रभाव 

    कहीं आपको IDIOT सिंड्रोम तो नहीं? जानिए अपनी बीमारी को 'गूगल' करने के नकारात्मक प्रभाव 

    लेखन सयाली
    May 27, 2024
    03:55 pm

    क्या है खबर?

    आज के डिजिटल युग में हर चीज की जानकारी इंटरनेट पर आसानी से उपलब्ध रहती है।

    ऐसे में कोई भी स्वास्थ्य संबंधी परेशानी होने पर लोग सबसे पहले उसके लक्षणों के बारे में गूगल पर सर्च करते हैं। हालांकि, स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि ऑनलाइन उपलब्ध जानकारी पर भरोसा करना आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।

    इसे IDIOT (इंटरनेट डिराइव्ड इंफॉर्मेशन ऑब्स्ट्रक्टिंग ट्रीटमेंट) सिंड्रोम कहा जाता है। आइए इसके नकारात्मक प्रभावों के बारे में जानते हैं।

    IDIOT सिंड्रोम

    IDIOT सिंड्रोम क्या है?

    IDIOT सिंड्रोम से पीड़ित लोग अचानक अपना इलाज छोड़ देते हैं क्योंकि वे इंटरनेट चिकित्सा जानकारी पर आंख मूंदकर भरोसा करने लगते हैं।

    रिसर्च गेट के अनुसार, "लोग IDIOT सिंड्रोम से होने वाले तनाव के कारण अधिक बीमार हो रहे हैं और उन्हें अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने की जरूरत है। केवल तकनीकी जानकारी के बजाय डॉक्टर की सलाह लें।"

    इससे आपकी चिंता का स्तर भी बढ़ सकता है या आपका मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है।

    #1

    मिलती है गलत जानकारी 

    इंटरनेट सभी चीजों की जानकारी से भरा हुआ है, लेकिन इस पर उपलब्ध जानकारी हमेशा सटीक या भरोसेमंद नहीं होती है। IDIOT पैटर्न वाले मामलों में भ्रामक या गलत जानकारी सामने आ सकती है।

    इसके चलते लोग समय से पहले अपना इलाज या दवा बंद करने के लिए प्रोत्साहित हो जाते हैं। इंटरनेट पर पाई जाने वाली गलत सूचना से रोगियों की स्थिति बिगड़ सकती है या कोई अन्य बीमारी भी लग सकती है।

    #2

    कम हो जाती है समझने की क्षमता

    किसी भी जटिल या हानिकारक बीमारी के उपचार में समय लगता है क्योंकि लक्षणों को सही तरह से जांचना जरूरी होता है। ऐसे में इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी आपकी बीमारी के कारणों की सटीक जानकारी नहीं दे सकती।

    IDIOT सिंड्रोम से पीड़ित लोग सोशल मीडिया की जानकारी करने के कारण डॉक्टर पर पूरी तरह से भरोसा नहीं कर पाते। साथ ही इसके चलते लोगों की समझने की क्षमता भी कम हो जाती है।

    #3

    बीमारी हो सकती है अधिक गंभीर

    लोग अपनी बीमारी के शुरुआती दिनों में इंटरनेट पर इतना सर्च कर लेते हैं कि वे खुद ही अधिक तनाव में आ जाते हैं। ऐसे में वे खुद से ही घरेलू उपचार करने के लिए जानकारी जुटाने लगते हैं और उन्हें अपना लेते हैं।

    इसके कारण ही उनकी बीमारियां अधिक गंभीर हो जाती हैं और लक्षण बिगड़ने लगते हैं। जब तक वे डॉक्टर के पास सही उपचार के लिए जाते हैं, तब तक उनकी बीमारी जटिल हो जाती है।

    #4

    उपचार में होती है देरी

    कई लोग इंटरनेट पर बीमारी के विषय में जांच करने के चलते डॉक्टर के पास जाना टालते रहते हैं। इसके परिणामस्वरुप उनके इलाज में देरी हो जाती है, जिससे खतरा बढ़ सकता है।

    अगर स्वास्थ्य विशेषज्ञों और डॉक्टर से परामर्श किए बिना रोगी अपना इलाज बंद कर देते हैं, तो उनकी स्थिति बिगड़ने पर भी वे मदद मांगने में देरी कर देते हैं।

    ऐसे में आपको इंटरनेट पर भरोसा करने के बजाए तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए।

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