हर्निया की समस्या से आराम दिला सकते हैं ये योगासन, जानिए अभ्यास का तरीका
हर्निया एक ऐसी समस्या है, जो पेट, नाभि, जांघों और शरीर के ऊपरी हिस्सों में हो सकती है। इस समस्या में शरीर के भीतरी अंग शरीर की बाहरी मांसपेशियों के जरिए बाहर निकल आते हैं। इस स्थिति को हर्निया कहा जाता है और यह कई गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती है। वैसे तो हर्निया के उपचार के कई तरीके उपलब्ध हैं, लेकिन इसे कुछ योगासनों का अभ्यास करके भी ठीक किया जा सकता है।
नौकासन
इसके लिए सबसे पहले योगा मैट पर शवासन की मुद्रा में बिल्कुल सीधे लेट जाएं। इसके बाद अपने दोनों पैरों के पंजों को आपस जोड़ते हुए उन्हें 45 डिग्री तक सांस भरते हुए उठा लें। अब अपने दोनों हाथों को कंधे की सीध में उठाते हुए घुटनों की तरफ एकदम सीधा रखें। इसी अवस्था में अपने सिर और पीठ को भी उठाएं और नाव का आकार ले लें। इसके बाद सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे योगासन को छोड़ें।
हनुमानासन
सबसे पहले योगा मैट पर घुटने के बल खड़े हो जाएं, फिर अपने दाएं पैर को अपने सामने की ओर फैला लें और बाएं पैर को अपने पीछे की ओर फैलाकर पंजे को जमीन पर टीका लें। इस मुद्रा में आने के बाद अपने हाथों को अपने सिर से ऊपर उठाएं और अपनी दोनों हथेलियों को आपस में जोड़ लें। इस दौरान सामान्य रूप से सांस लेते रहें। कुछ देर इसी मुद्रा में बने रहने के बाद धीरे-धीरे आसन छोड़े।
पवनमुक्तासन
सबसे पहले योगा मैट पर पीठ के बल लेट जाएं, फिर दोनों पैरों को धीरे-धीरे घुटनों से मोड़ते हुए छाती के पास ले आएं। अब दोनों हाथों को घुटनों पर रखते हुए उंगलियों को आपस में कस लें। इसके बाद सिर और कंधों को जमीन से उठाते हुए नाक को दोनों घुटनों को बीच लगाने का प्रयास करें। कुछ सेकंड के लिए इसी मुद्रा में बने रहने की कोशिश करें और फिर धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।
हलासन
सबसे पहले योगा मैट पर पीठ के बल सीधे लेट जाएं और फिर अपने हाथों को शरीर से सटाकर रखें। अब सांस लेते हुए पैरों को 90 डिग्री तक ऊपर उठाएं और फिर सांस छोड़ते हुए टांगों को धीरे-धीरे सिर के ऊपर से पीछे की ओर ले जाएं। इस दौरान हाथों को कमर से हटाकर जमीन पर सीधा ही रखें। इसके बाद सांस लेते हुए धीरे-धीरे वापस प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं।