
पहलगाम हमले के बाद अमेरिका किसके पक्ष में, डोनाल्ड ट्रंप का बयान क्या संकेत दे रहा?
क्या है खबर?
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का माहौल है। अमेरिका, रूस समेत दुनियाभर के कई देशों ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत का समर्थन किया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अलावा अमेरिका के कई अन्य शीर्ष अधिकारियों ने इस मामले पर बयान दिए हैं। हालांकि, उनके बयानों से संकेत मिल रहे हैं कि अमेरिका खुलकर कुछ नहीं बोल रहा है।
आइए जानते हैं अमेरिका का क्या रुख है।
बयान
ट्रंप बोले- दोनों देश विवाद सुलझा लेंगे
हमले पर ट्रंप ने कहा था, "मैं भारत और पाकिस्तान के बहुत करीब हूं। कश्मीर में यह संघर्ष हजारों सालों से चला आ रहा है। कश्मीर में करीब 1,500 वर्षों से तनाव चला आ रहा है। मैं दोनों नेताओं को जानता हूं। मुझे उम्मीद है कि भारत और पाकिस्तान इस स्थिति को अपने तरीके से सुलझा लेंगे।"
ट्रंप ने अपने पिछले कार्यकाल में कश्मीर विवाद को सुलझाने में मध्यस्थता की पेशकश की थी।
उपराष्ट्रपति
अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने तनाव कम करने का आग्रह किया
पहलगाम हमले के वक्त अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भारत यात्रा पर थे।
उन्होंने कहा था, "उम्मीद है कि भारत इस आतंकवादी हमले का इस तरह से जवाब देगा, जिससे व्यापक क्षेत्रीय संघर्ष न हो। हम उम्मीद करते हैं कि पाकिस्तान, जहां तक वे जिम्मेदार हैं, भारत के साथ सहयोग करेगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कभी-कभी उनके क्षेत्र में सक्रिय आतंकवादियों का पता लगाया जाए और उनसे निपटा जाए।"
मार्को रुबियो
मार्को रुबियो ने दोनों देशों से की बात
अमेरिका विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने हमले के बाद भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से बात की।
जयशंकर के साथ बातचीत के दौरान रुबियो ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ सहयोग करने की अमेरिका की प्रतिबद्धता को दोहराया।
वहीं, उन्होंने प्रधानमंत्री शरीफ से पहलगाम हमले की निंदा करने और पाकिस्तान से जांच में सहयोग करने का आह्वान किया।
हालांकि, रुबियो ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री, जबकि भारत के विदेश मंत्री से बात की।
रक्षा सचिव
पीट हेगसेथ और तुलसी गब्बार्ड ने दिया भारत का साथ
अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ बातचीत के दौरान कहा कि अमेरिका भारत के साथ एकजुटता से खड़ा है और स्वयं की रक्षा करने के उसके अधिकार का समर्थन करता है।
वहीं, अमेरिका की खुफिया निदेशक तुलसी गब्बार्ड ने तो यहां तक कहा कि यह हमला इस्लामी आतंकवादियों द्वारा हिंदुओं को निशाना बनाकर किया गया हमला है।
तुलसी ने कहा कि वे भारत के साथ एकजुटता से खड़ी हैं।
वजह
अमेरिका के रुख की क्या वजह है?
ट्रंप ने भले ही पाकिस्तान की विदेशी सहायता पर रोक लगा दी है, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने सुरक्षा संबंधी छूट के रूप में 44,000 करोड़ रुपये की राशि पाक को दी है।
उन्होंने F-16 विमानों के रखरखाव के लिए करीब 3,000 करोड़ रुपये की राशि को मंजूरी भी दी है।
जानकारों का मानना है कि अमेरिका दक्षिण एशिया में जटिल भू-राजनीति से सावधान है और चीन को देखते हुए हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता चाहता है।