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सेना दिवस 15 जनवरी को क्यों मनाया जाता है, इस बार पुणे में क्यों हुई परेड?
हर साल 15 जनवरी को सेना दिवस मनाया जाता है

सेना दिवस 15 जनवरी को क्यों मनाया जाता है, इस बार पुणे में क्यों हुई परेड?

लेखन आबिद खान
Jan 15, 2025
02:38 pm

क्या है खबर?

हर साल 15 जनवरी को सेना दिवस मनाया जाता है। इस साल भी आज यानी 15 जनवरी को 77वां सेना दिवस मनाया जा रहा है। इतिहास में पहली बार सेना दिवस पर परेड और बाकी दूसरे कार्यक्रम महाराष्ट्र के पुणे में आयोजित हुए हैं। पारंपरिक तौर पर सेना दिवस की परेड राजधानी दिल्ली में आयोजित होती रही है। आइए जानते हैं इस साल ये आयोजन पुणे में क्यों हो रहा है।

तारीख

15 जनवरी को क्यों मनाया जाता है सेना दिवस?

साल 1949 में 15 जनवरी के दिन ही जनरल केएम करियप्पा भारत के पहले सेनाध्यक्ष नियुक्त हुए थे। करियप्पा ने ब्रिटिश जनरल फ्रांसिस रॉय बुचर की जगह ली थी। यह पहली बार था, जब किसी भारतीय के हाथ में सेना की कमान थी। तब से हर साल 15 जनवरी को देश की संप्रभुता और सुरक्षा की रक्षा करने वाले भारतीय सेना के जवानों की वीरता, बलिदान और निस्वार्थ सेवा के सम्मान में सेना दिवस मनाया जाता है।

पुणे

पुणे में क्यों हो रही है इस साल की परेड?

पुणे भारत के सैन्य इतिहास में प्रमुख स्थान रखता है। यहां राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) और दक्षिणी कमान मुख्यालय जैसे प्रतिष्ठित संस्थान हैं, जो इसे सेना दिवस परेड की मेजबानी के लिए उपयुक्त बनाता है। इसके अलावा पुणे लंबे समय से सैन्य रणनीति, प्रशिक्षण और संचालन का केंद्र रहा है। हालिया सालों में राष्ट्रीय सैन्य समारोहों को विकेंद्रीकृत करने के उद्देश्य से सेना अलग-अलग शहरों में तरह-तरह के आयोजन कर रही है।

दिल्ली

दिल्ली में होती रही है परेड

परंपरागत रूप से सेना दिवस की परेड दिल्ली के करिअप्पा ग्राउंड में आयोजित की जाती है। इस दौरान कार्यक्रम में उन्नत हथियारों और उपकरणों का प्रदर्शन और सैनिकों द्वारा मार्च भी किया जाता है। सेना नागरिकों के साथ घनिष्ठ संबंध बनाने और अपने योगदान और पहलों के बारे में समझ को प्रोत्साहित करने के लिए ऐसे आयोजनों को अन्य शहरों में भी कर रही है। 2023 की सेना दिवस परेड बेंगलुरु और 2024 की लखनऊ में आयोजित की गई थी।

समारोह

कितना खास रहा समारोह?

इस साल सेना दिवस 'समर्थ भारत, सक्षम सेना' की थीम पर मनाया गया। सेना ने परेड ग्राउंड में अर्जुन MK-1A टैंक, K9 वज्र स्व-चालित हॉवित्जर तोप और ड्रोन का प्रदर्शन किया। 33 सदस्यीय नेपाली सेना बैंड ने भी परेड में प्रस्तुति दी। पहली बार परेड में 'रोबोटिक खच्चर' भी शामिल हुए। इसके अलावा परेड में सेना के मिशन ओलंपिक विंग, दिग्गजों के महत्वपूर्ण योगदान, सेना की हरित पहल और ड्रोन और नैनो-टेक से जुड़ी झाकियां भी प्रदर्शित की गई।

ट्विटर पोस्ट

 परेड में पहली बार शामिल हुए 'रोबोटिक खच्चर'