महाराष्ट्र: ट्रेनी IAS पूजा खेडकर की मां का पुराना वीडियो वायरल, बंदूक लेकर किसानों को धमकाया
महाराष्ट्र के पुणे में पद के दुरुपयोग को लेकर विवादों से घिरीं ट्रेनी IAS पूजा खेडकर की मां का मनोरमा खेडकर का एक पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर आया है, जिसमें वह बंदूक लेकर किसान को धमका रही हैं। वीडियो एक साल पुराना बताया जा रहा है। वीडियो में दिख रहा है कि मनोरमा अपनी VVIP नंबर वाली कार से कई निजी सुरक्षाकर्मियों को लेकर मौके पर पहुंची थीं। वह हाथ में बंदूक लेकर किसान को धमकाती दिख रही हैं।
क्या है बंदूक से धमकाने का पूरा मामला?
आज तक के मुताबिक, पूजा के पिता प्रशासनिक सेवा में रहने के दौरान काफी जमीन खरीदी थी। यह मामला पुणे के मुल्शी तहसील में 25 एकड़ जमीन की खरीद से जुड़ा है। जमीन खरीद के साथ खेडकर परिवार ने आसपास की जमीन कब्जाने की कोशिश की, जिसका किसानों ने विरोध किया था। तब मनोरमा बंदूक लेकर पहुंची थीं। मामले थाने भी पहुंचा था, लेकिन ऊपर से दबाव की वजह से मामला दर्ज नहीं हो सका।
धमकाने का वीडियो आया सामने
घर के बाहर मीडियाकर्मियों पर भी दिखाया गुस्सा
पूजा के ताजा मामले को लेकर गुरुवार को कुछ मीडियाकर्मी उनके पुणे स्थित मकान पर पहुंचे थे। यहां सरकारी अधिकारियों की टीम भी थी। इस दौरान मनोरमा घर से बाहर निकल आई थीं और मीडियाकर्मियों को धमकी दी थी। उन्होंने कैमरा पर हाथ मारा था और कहा था कि अगर उनकी बेटी ने आत्महत्या की तो वह सबको अंदर डाल देंगी। बता दें कि मनोरमा अहमदनगर जिले के भालगांव की निर्वाचित सरपंच भी हैं।
खाडेकर परिवार के पास है करोड़ों की संपत्ति
खबरों के मुताबिक, खेडकर परिवार के पास करोड़ों की संपत्ति है, जिसमें कृषि भूमि सीलिंग अधिनियम का उल्लंघन करते हुए 110 एकड़ कृषि भूमि, 6 दुकानें (1.6 लाख वर्ग फीट), 7 फ्लैट, जिनमें से एक हीरानंदानी में है, 900 ग्राम सोना, हीरे, 17 लाख रुपये की सोने की घड़ी, 4 कारें, 2 प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों और एक ऑटोमोबाइल फर्म में भागीदारी शामिल है। अकेले पूजा के पास 17 करोड़ रुपये की संपत्ति बताई जाती है।
IAS पूजा खेडकर क्यों हैं विवादों में?
पूजा पुणे में सहायक कलेक्टर के पद पर तैनाती मिलते ही खास मांगों को लेकर विवादों में घिर गईं। आरोप है कि पूजा ने तैनाती लेने से पहले ही कार, आवास, कर्मचारी और अलग कमरे के लिए बार-बार दबाव बनाया, जबकि प्रोबेशन पर यह सुविधाएं नहीं मिलती। जिलाधिकारी ने इसकी शिकायत मुख्य सचिव से की, जिसके बाद उनका तबादला वाशिम हो गया। उनके विकलांगता और OBC प्रमाणपत्र को लेकर भी जांच शुरू है। उन्होंने खुद को नॉन-क्रीमी लेयर बताया था।