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महाराष्ट्र: ट्रेनी IAS पूजा खेडकर ने चोरी के आरोपी को छुड़वाने का बनाया था दबाव
महाराष्ट्र की ट्रेनी IAS पूजा खेडकर ने एक चोर को छुड़वाया था

महाराष्ट्र: ट्रेनी IAS पूजा खेडकर ने चोरी के आरोपी को छुड़वाने का बनाया था दबाव

लेखन गजेंद्र
Jul 12, 2024
04:09 pm

क्या है खबर?

महाराष्ट्र के पुणे में पद के दुरुपयोग को लेकर विवादों से घिरी ट्रेनी IAS पूजा खेडकर को लेकर रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं। अब नवी मुंबई पुलिस ने भी एक खुलासा किया है। हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, नवी मुंबई पुलिस ने खेडकर के खिलाफ एक रिपोर्ट मुख्य सचिव सुजाता सौनिक को भेजी है, जिसमें खेडकर ने एक स्टील चोरी करने वाले ट्रांसपोर्टर को छोड़ने का दबाव बनाया था। यह मामला इसी साल मई का है।

घटना

क्या है स्टील चोर को छुड़वाने का मामला?

भेजी गई रिपोर्ट के मुताबिक, मई में पनवेल पुलिस द्वारा स्टील चोरी के एक मामले में एक ट्रांसपोर्टर ईश्वर अर्जुन उत्तरवाड़े को गिरफ्तार किया गया था। इस बात की जानकारी जब खेडकर को हुई तो उन्होंने नवी मुंबई के पुलिस उपायुक्त विवेक पानसरे को 18 मई को फोन किया दबाव डाला कि उसे रिहा कर दिया जाए। खेडकर ने फोन पर कहा कि ईश्वर निर्दोष है और आरोप छोटा है। हालांकि, पुलिस ने उसे छोड़ा नहीं। वह जेल में है।

विवाद

किस मामले में गिरफ्तार हुआ था ईश्वर?

रिपोर्ट के मुताबिक, ईश्वर ट्रांसपोर्ट का व्यवसाय करता है और एक बिल्डर के लिए स्टील ले जाता था। उसे स्टील का स्टॉक गायब होने की सूचना के बाद गिरफ्तार किया गया था। जब पुलिस ने जब ट्रक ड्राइवर को पकड़ा तो उसने माल ले जाने की बात कबूल की, लेकिन मालिक के बारे में ज्यादा नहीं बताया। बाद में पता चला कि स्टील लोड करने से पहले तराजू में चिप से छेड़छाड़ की गई, जिसमें ईश्वर का हाथ पाया गया।

जानकारी

2 पन्नों की रिपोर्ट भेजी गई

खेडकर का मामला सामने आने के बाद नवी मुंबई पुलिस ने पुणे कलेक्टरेट और मंत्रालय को खेडकर के व्यवहार के बारे में बताया, जिसके बाद सौनिक ने रिपोर्ट मांगी। पानसरे ने नवी मुंबई पुलिस आयुक्त के जरिए गृह विभाग को 2 पन्नों की रिपोर्ट भेजी।

विवाद

IAS पूजा खेडकर क्यों हैं विवादों में?

पूजा पुणे में सहायक कलेक्टर के पद पर तैनाती मिलते ही खास मांगों को लेकर विवादों में घिर गईं। आरोप है कि पूजा ने तैनाती लेने से पहले ही कार, आवास, कर्मचारी और अलग कमरे के लिए बार-बार दबाव बनाया, जबकि प्रोबेशन पर यह सुविधाएं नहीं मिलती। जिलाधिकारी ने इसकी शिकायत मुख्य सचिव से की, जिसके बाद उनका तबादला वाशिम हो गया। उनके विकलांगता और OBC प्रमाणपत्र को लेकर भी जांच शुरू है। उन्होंने खुद को नॉन-क्रीमी लेयर बताया था।