मुंबई हमले के 14 साल, कौन थे इसके गुनाहगार और अब वो कहां हैं?
14 साल पहले आज ही के दिन पाकिस्तान से आए आतंकवादियों ने मुंबई पर हमला किया था। इतिहास के सबसे बड़े आंतकी हमलों में से एक मुंबई हमले में 166 लोगों की मौत हुई थी। मुंबई पर हमला करने वाले 10 में से नौ आतंकियों को मौके पर मार गिराया गया था, जबकि जिंदा बचे अजमल कसाब को 2012 में फांसी दी गई थी। आइये जानते हैं कि इस हमले के गुनहगार कौन थे और आज वो कहां है।
हाफिज सईद
हाफिज सईद को मुंबई हमले का मास्टरमाइंड माना जाता है। लश्कर-ए-तैयबा और जमात-उद-दावा के सरगना सईद को इसी साल अप्रैल में पाकिस्तान की अदालत ने 31 साल की सजा सुनाई थी। अदालत ने उसकी संपत्ति को जब्त करने का आदेश देते हुए उस पर लाखों रुपये का जुर्माना भी लगाया था। सईद को 2019 में भी गिरफ्तार किया गया था, लेकिन वह अकसर आजाद घूमता और सभाओं को संबोधित करते हुए नजर आता था।
साजिद मीर
मुंबई हमले में भूमिका को लेकर अमेरिका ने मीर पर 40 करोड़ रुपये से अधिक का ईनाम रखा था। मीर मुंबई हमले का 'प्रोजेक्ट मैनेजर' था और पाकिस्तान में बैठकर आतंकियों को निर्देश दे रहा था। वह 2005 में रेकी के लिए फर्जी पासपोर्ट पर भारत भी आया था। बीच में उसके मरने की खबर आई थी, लेकिन इस साल जून में पाकिस्तान की एक आतंकवाद-रोधी अदालत ने साजिद मीर को 15 साल की सजा सुनाई थी।
जकीउर रहमान लखवी
मुंबई हमले के गुनाहगारों में खूंखार आतंकी और लश्कर-ए-तैयबा के ऑपरेशनल कमांडर जकीउर रहमान लखवी भी शामिल है। इस हमले के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने उसका नाम आंतकवादियों की सूची में शामिल कर दिया था। इसके साथ ही उसकी संपत्ति और बैंक खातों की सीज किया गया था। पिछले साल जून में उसे पाकिस्तान की एक अदालत ने आतंकी वित्तपोषण के अपराध में 15 साल की सजा सुनाई थी।
डेविड कॉलमैन हेडली
मुंबई हमले के पीछे अमेरिकी-पाकिस्तानी नागरिक डेविड कॉलमैन हेडली का नाम भी सामने आया था। वह हमले से पहले कई बार मुंबई आया था और यहां से जुड़ी हर जानकारी पाकिस्तान में बैठे आतंकियों के पास पहुंचाई थी। उसने मुंबई में रेकी के दौरान 50 घंटे के वीडियो रिकॉर्ड किए थे। हमले के बाद पाकिस्तान आते समय उसे अमेरिका में गिरफ्तार कर लिया गया और 35 साल की सजा सुनाई गई।
...जब दहल उठी थी मुंबई
26 नवंबर, 2008 को देश की आर्थिक राजधानी मुंबई पर भीषण आतंकी हमला हुआ था। समुद्र के रास्ते पाकिस्तान से आए आतंकियों ने ताज होटल और छत्रपति शिवाजी टर्मिनस समेत छह जगहों पर हमले किए थे। इन हमलों में विदेशी नागरिकों समेत 166 लोगों की मौत हुई थी और कई अन्य घायल हुए थे। कई घंटों तक चले गहन आतंक-रोधी अभियान के बाद सुरक्षाबलों ने नौ आतंकियों को मार गिराया था।