
कौन था JeM आतंकी अब्दुल रऊफ अजहर, जिसकी 'ऑपरेशन सिंदूर' में हुई है मौत?
क्या है खबर?
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का बदला लेने के लिए भारत की ओर से पाकिस्तान के खिलाफ चलाए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए हैं।
भारत ने पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में 9 आतंकी ठिकानों पर हमला कर इन सभी को मौत की नींद सुला दिया।
इनमें जैश-ए-मुहम्मद (JeM) प्रमुख मौलाना मसूद अजहर का भाई आतंकी अब्दुल रऊफ अजहर भी शामिल था। आइए उसके बारे में जानते हैं।
जानकारी
'ऑपरेशन सिंदूर' में हुआ आतंकी मसूद को हुआ बड़ा नुकसान
'ऑपरेशन सिंदूर' में आतंकी मसूद को बड़ा नुकसान हुआ है। बहावलपुर स्थित JeM मुख्यालय में हमले मसूद के भाई सहित परिवार के 10 लोगों की मौत हो गई। इसी तरह उसके सगंठन के 4 अहम गुर्गे भी इस हमले की भेंट चढ़ गए।
चिट्ठा
कौन था आतंकी रऊफ?
अब्दुल रऊफ को मुफ्ती अब्दुल रऊफ असगर के नाम से भी जाना जाता था। उसका जन्म पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के बहावलपुर में हुआ था।
अपने भाई मसूद अजहर की वजह से सार्वजनिक रूप से छुपे रहने के बावजूद वह बड़ा आतंकी था।
वह JeM गतिविधियों के पीछे का दिमाग था और मसूद की अनुपस्थिति में संगठन की कमान संभालता था। वह कभी भी सार्वजनिक रूप से नहीं आता था और हमेशा पर्दे के पीछे से काम करता था।
गतिविधियां
JeM पर प्रतिबंध के बाद भी संगठन चला रहा था रऊफ
अंतरराष्ट्रीय दबाव के चलते 2002 में पाकिस्तान की ओर से JeM पर औपचारिक रूप से प्रतिबंध लगाने के बाद भी रऊफ सक्रिय रहा।
उसने मुखौटे वाले संगठनों, निरंतर धन उगाही प्रयासों और समन्वित भर्ती अभियानों के माध्यम से समूह के संचालन की देखरेख की थी।
वह सुन्नी इस्लाम के देवबंदी स्कूल से संबंधित था, जिसने दक्षिण एशिया में JeM के वैचारिक आधार और आउटरीच प्रयासों को काफी प्रभावित किया। वह भारत का कट्टर विरोधी रहा था।
हमले
रऊफ ने इन आतंकी हमलों को दिया था अंजाम
रऊफ 1999 में काठमांडू से कंधार जाने वाली इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट IC-814 के अपहरण का मास्टरमाइंड था। इस अपहरण ने पाकिस्तान के जिहादी नेटवर्क में रऊफ की स्थिति मजबूत कर दी।
वह 2001 में भारतीय संसद पर हुए आतंकी हमले में शामिल था। लश्कर-ए-तैयबा (LeT) ने रऊफ के गुर्गों के साथ मिलकर ही इसकी योजना बनाई थी।
इसी तरह साल 2005 में आयोध्या स्थित राम मंदिर और 2016 के पठानकोट एयरबेस हमले में भी इसी का हाथ था।
प्रतिबंध
अमेरिका ने साल 2010 में रऊफ को घाषित किया था आतंकी
अमेरिका के ट्रेजरी विभाग ने 2 दिसंबर, 2010 को रऊफ को आतंकवादी घोषित कर दिया था।
अमेरिका ने उसके भारत और अफगानिस्तान में आतंकवादियों की भर्ती करने और हमलों की योजना बनाने में शामिल होने का हवाला देते हुए वैश्विक खतरे के रूप में वर्गीकृत किया था।
भारत ने 2022 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 प्रतिबंध समिति द्वारा रऊफ को काली सूची में डालने का दबाव डाला, लेकिन चीन ने सबूत मांगते हुए उसे रोक दिया।
निशाना
भारत ने इन आतंकी संगठनों के ठिकानों को बनाया निशाना
भारत ने पाकिस्तान और PoK में स्थिति बहावलपुर, मुरीदके, गुलपुर, भीमबर, चक अमरू, बाग, कोटली, सियालकोट और मुजफ्फराबाद में मिसाइल हमले किए हैं।
इन सभी जगहों पर आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM), लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और हिजबुल मुजाहिदीन के ठिकाने और कैंप संचालित थे।
इनमें बहावलपुर में मरकज सुभान अल्लाह, मरकज तैयबा मुरीदके, सरजाल/तेहरा कलां, महमूना जोया सुविधा (सियालकोट), मरकज अहले हदीस बरनाला (भिम्बर), मरकज अब्बास (कोटली), मस्कर राहील शाहिद (कोटली), मुजफ्फराबाद में शावई नाला कैम और मरकज सैयदना बिलाल शामिल हैं।