IPS अधिकारी के आरोप- कुलदीप सेंगर और उसके भाई ने छाती पर दागी थीं गोलियां
नाबालिग लड़के से रेप के आरोप में जेल में बंद विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर एक और आरोप लगा है। यह आरोप DIG रैंक के IPS अधिकारी ने लगाए हैं। इस IPS अधिकारी का कहना है कि कभी सेंगर, उसके भाई और गुर्गों ने उनको चार गोलियां मारी थीं। उनकी किस्मत अच्छी रही कि उनकी जान बच गई। IPS अधिकारी ने दावा किया कि अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर सेंगर ने इस मामले की सुनवाई भी शुरू नहीं होने दी।
अवैध खनन की शिकायत मिलने पर पहुंचे थे IPS अधिकारी
इन अधिकारी का नाम राम लाल वर्मा है। उन्होंने बताया कि उन्हें उन्नाव में गंगा किनारे अवैध रेत खनन के बारे में गुप्त सूचना मिली थी। जब वह मौके पर पहुंचे तो कुलदीप सेंगर के भाई अतुल और गुर्गों ने पुलिस पर गोलियां बरसानी शुरू कर दी। उन्होंने कहा, "मुझे चार गोलियां मारी गईं। मेरी किस्मत अच्छी थी कि मुझे समय पर एक अस्पताल ले जाया गया। गोलीबारी में कुलदीप सेंगर, उसके भाई अतुल और कई गुर्गे शामिल थे।"
वर्मा ने गायब करवाए केस के दस्तावेज- वर्मा
वर्मा ने सेंगर पर आरोप लगाते हुए कहा कि सेंगर भाइयों ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए मामले को प्रभावित किया। उन्होंने कहा कि सेंगर ने अपने रसूख का इस्तेमाल करते हुए पुलिस थाने से इस मामले से जुड़े अहम दस्तावेज गायब करवा दिए थे। वर्मा ने कहा, "मुकदमे की स्थिति का पता लगाने के लिए मुझे RTI फाइल करनी पड़ी थी। एक IPS अधिकारी होने के बावजूद मेरे साथ जो हुआ, वह बेहद निराश करने वाला है।"
वर्मा के साथी बोले- मुख्य न्यायाधीश ले मामले का संज्ञान
वर्मा के क्लासमेट रहे और उत्तर प्रदेश में तैनात एक DIG ने उनके आरोपों का समर्थन करते हुए कहा कि सेंगर अपने प्रभाव से इस मामले में जांच रुकवाने में कामयाब रहा है। इस केस के दस्तावेज चोरी हो चुके हैं और गवाहों को धमकी दी गई है। उन्होंने इस पर दुख जताते हुए कहा कि यह सब उस मामले में हो रहा है जिसमें एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी शामिल है। मुख्य न्यायाधीश को इसका संज्ञान लेना चाहिए।
न्याय के लिए लड़ रहे IPS बाप-बेटे
राम लाल वर्मा के बेटे अभिषेक वर्मा भी IPS अधिकारी हैं। दोनों बाप बेटे मिलकर अब इस मामले में न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं। यह मामला इस बात का सबूत है कि सिस्टम कैसे रसूखदार लोगों के सामने बेबस हो जाता है।
भाजपा ने सेंगर को पार्टी से निकाला
उन्नाव रेप केस में मुख्य आरोपी अपने विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को भारतीय जनता पार्टी ने पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। कांग्रेस से अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू करने वाले सेंगर सबसे पहले बसपा की टिकट पर 2002 में विधायक चुने गये। इसके बाद वह सपा में शामिल हो गए और दो बार उसकी टिकट पर जीत दर्ज की। सेंगर 2017 में भाजपा से जुड़े और चौथी बार विधायक बने।
सेंगर का हथियारों का लाइसेंस रद्द
उन्नाव जिला प्रशासन ने सेंगर के नाम पर जारी एक बंदूक, एक राइफल और रिवॉल्वर का लाइसेंस रद्द कर दिया है। जिलाधिकारी ने इस प्रकरण की सुनवाई की थी जिसमें विधायक के पक्ष के वकील नहीं पहुंचे। इसके बाद उन्होंने लाइसेंस रद्द कर दिए।