कोरोना वायरस: WHO ने SII की वैक्सीन 'कोवोवैक्स' को दी आपात इस्तेमाल की मंजूरी
कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ जारी लड़ाई में शुक्रवार को भारत को एक और बड़ी सफलता मिली है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) द्वारा अमेरिकी फार्मा कंपनी नोवावैक्स के साथ मिलकर तैयार की गई कोरोना वैक्सीन 'कोवोवैक्स' (Covovax) को आपात इस्तेमाल की मंजूरी (EUL) दे दी है। WHO और SII के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) ने ट्वीट कर यह जानकारी दी है और इस पर खुशी जताई है।
सुरक्षा मानकों को पूरा करती है वैक्सीन- WHO
वैक्सीन की मंजूरी के बाद WHO की ओर से कहा गया है कि कोवोवैक्स का मूल्यांकन गुणवत्ता, सुरक्षा और प्रभावकारिता पर उपलब्ध कराए गए डाटा आधार पर किया गया था। EUL के लिए तकनीकी सलाहकार समूह ने तय किया है कि वैक्सीन महामारी के खिलाफ सुरक्षा मानकों को पूरा करती है। इस वैक्सीन से नुकसान की तुलना में लाभ बहुत अधिक है और इसका वैश्विक स्तर पर उपयोग किया जा सकता है। ऐसे में इसे मंजूरी दी गई है।
निम्न आय वाले देशों को मिलेगी राहत- WHO
WHO ने कहा कोवोवैक्स की मंजूरी से निम्न-आय वाले देशों में अधिक से अधिक लोगों को वैक्सीन लगाने के लिए चल रहे प्रयासों को भी मजबूती मिलेगी। वर्तमान में वैक्सीनों की कमी के कारण गरीब देशों तक इनकी पर्याप्त पहुंच नहीं बन पा रही है।
वैक्सीन को मंजूरी मिलने पर पूनावाला ने जताई खुशी
WHO के कोवोवैक्स को EUL देने की घोषणा पर SII के CEO पूनावाला ने ट्वीट कर खुशी का इजहार किया है। उन्होंने लिखा, 'यह अभी तक कोरोना महामारी के खिलाफ जारी हमारी लड़ाई में एक और मील का पत्थर है। कोवोवैक्स को अब WHO को आपातकालीन उपयोग के लिए अनुमोदित किया गया है, जो उत्कृष्ट सुरक्षा और प्रभावकारिता दिखा रही है। कंपनी के प्रयासों में सहयोग के लिए आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद।'
भारत से जुड़ी तीसरी वैक्सीन को मिली है WHO से मंजूरी
कोवोवैक्स को WHO से मंजूरी मिलना भारत के लिए भी बड़े गर्व की बात है। इसका कारण है कि यह WHO से मंजूरी हासिल करने वाली भारत से जुड़ी तीसरी वैक्सीन है। इससे पहले WHO ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ओर एस्ट्राजेनेका की साझेदारी में SII द्वारा तैयार की गई कोविशील्ड को मंजूरी दी थी। उसके बाद गत 3 नवंबर को WHO ने हैदराबाद की भारत बायोटेक द्वारा तैयार की गई पहली स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सिन को भी मंजूरी दे दी थी।
ट्रायल में 90 प्रतिशत प्रभावी पाई गई है कोवोवैक्स
कोवोवैक्स वैक्सीन को अमेरिका और मैक्सिको में हुए बड़े स्तर के ट्रायल में कोरोना संक्रमण को रोकने में 90 प्रतिशत से अधिक प्रभावी पाया गया था। सब-प्रोटीन पर आधारित दो खुराक वाली इस वैक्सीन को अमेरिका और मैक्सिको की 119 जगहों पर लगभग 30,000 लोगों पर परखा गया था। कंपनी ने कहा कि यह वैक्सीन मध्यम और गंभीर संक्रमण के खिलाफ 100 प्रतिशत और कुल मिलाकर 90.4 प्रतिशत प्रभावी साबित हुई है।
ये हैं कोवावैक्स की खास बातें
बता दें कि कोवावैक्स की खुराक लगने के बाद अगर व्यक्ति वायरस के संपर्क में आता है तो वैक्सीन से बनी एंटीबॉडीज उसके स्पाइक प्रोटीन को लॉक कर देगी। इससे वायरस कोशिकाओं में नहीं जा पाएगा और व्यक्ति संक्रमित नहीं होगा। साथ ही कहा जा रहा है कि इस वैक्सीन को रखने के लिए बहुत कम तापमान की जरूरत नहीं होगी, जिससे सुदूर इलाकों में इसे पहुंचाना आसान हो जाएगा और स्टोरेज को लेकर भी चुनौतियां कम होंगी।