
कोरोना: भूटान ने रिकॉर्ड समय में लगाई 60 फीसदी आबादी को वैक्सीन की पहली खुराक
क्या है खबर?
भूटान ने बुधवार को कहा कि उसने अपनी करीब 60 आबादी को कोरोना वैक्सीन की एक खुराक दे दी है।
यहां 27 मार्च को वैक्सीनेशन अभियान की शुुरुआत हुई थी और महज नौ दिनों में ही इस छोटे से देश ने बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है।
7.7 लाख जनसंख्या वाले भूटान में अब तक 4.7 लाख लोगों को वैक्सीन की पहली खुराक दी जा चुकी है। रफ्तार के मामले में भूटान ने कई विकसित देशों को पछाड़ दिया है।
भूटान
शुुरुआत में एक हफ्ते में वैक्सीन लगाने का था लक्ष्य
भूटान ने अपनी 5.33 लाख की व्यस्क आबादी को एक हफ्ते के भीतर वैक्सीन की पहली खुराक देने का लक्ष्य रखा था।
गर्भवती और हालिया दिनों में मां बनने वाली महिलाओं और स्वास्थ्य संबंधी कुछ परेशानियों को सामना कर रहे लोगों को इनमें नहीं गिना गया था।
हालांकि, अब सरकार ने लक्ष्य पूरा करने की समयसीमा को कुछ हफ्ते और आगे बढ़ा दिया है। फिलहाल यहां 70 साल से अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है।
वैक्सीनेशन अभियान
भूटान ने यह उपलब्धि कैसे हासिल की?
कम जनसंख्या होना भूटान के लिए फायदे की बात रही, लेकिन वैक्सीनेशन अभियान में यहां के वॉलेंटियरों, बेहतर योजना और भारत के सहयोग को कम करके नहीं आंका जा सकता।
स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ-साथ वॉलेंटियरों ने स्वास्थ्य केंद्रों पर वैक्सीन पहुंचाने और लोगों को वैक्सीनेशन केंद्र तक लाने से लेकर उन्हें महामारी से बचाव के नियमों के बारे में जागरूक करने तक अहम भूमिका निभाई है।
37 डॉक्टरों और 3,000 स्वास्थ्यकर्मियों वाले देश में वॉलेंटियरों का अमूल्य योगदान रहा है।
जानकारी
पहले से बनी हुई वैक्सीनेशन को लेकर व्यवस्था
द टेलीग्राफ के अनुसार, भूटान के स्वास्थ्य मंत्री डेशो डेचेन वांगमो ने बताया कि उनके पास वैक्सीनेशन को लेकर पहले से व्यवस्था बनी हुई थी और उसी के सहारे देश कोरोना के खिलाफ वैक्सीनेशन में सफल रहा है।
सहयोग
भारत का योगदान भी अहम
भूटान के वैक्सीनेशन अभियान में भारत का अहम योगदान है। भारत ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) द्वारा बनाई गई कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड की छह लाख खुराकें भूटान को दान की है।
इसके अलावा महामारी की शुरुआत से ही भारत ने भूटान को टेस्टिंग किट्स, पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (PPE) मास्क और पैरासिटामोल जैसी जरूरी दवाएं मुहैया कराई हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि इसके जरिये भारत क्षेत्र में चीन के बढते प्रभुत्व को कम करने की कोशिश में है।
जानकारी
भूटान में कोरोना से हुई है महज एक मौत
भूटान में अभी तक कोरोना के कुल 896 मामले सामने आए हैं और एक मरीज की मौत हुई है। सीमा सील करने, स्क्रीनिंग, टेस्टिंग और मॉनिटरिंग जैसे कदमों के कारण भूटान कोरोना संक्रमण पर काबू पाने में सफल रहा है।
कोरोना वायरस
इन कदमों से भूटान ने पाया संक्रमण पर काबू
भूटान के प्रधानमंत्री डॉ लोटे शेरिंग खुद एक पेशेवर डॉक्टर हैं और वो महामारी के खिलाफ देश की लड़ाई का नेतृत्व कर रहे हैं।
पिछले साल मार्च में यहां एक अमेरिकी पर्यटक को कोरोना संक्रमित पाया गया था। वो भूटान में कोरोना वायरस का पहला मामला था। उसके बाद सरकार ने देश की सीमाएं बंद कर ली थीं, जो अभी तक बंद हैं।
विदेशों से आने वाले लोगों के लिए क्वारंटीन होना अनिवार्य है।
अंतर
कई मामलों में दुनिया से अलग है भूटान
पूरी दुनिया जहां सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के पीछे लगी है वहीं भूटान में इसकी बजाय लोगों की खुशी का स्तर मापा जाता है।
इसके लिए यहां ग्रॉस नेशनल हैप्पीनेस इंडेक्स जारी किया जाता है। इस इंडेक्स में पर्यावरण संरक्षण भी शामिल है।
भूटान कार्बन नेगेटिव देश है यानी यहां के वातावरण में सालाना जितनी कार्बन डाई ऑक्साइड उत्सर्जित होती है, यहां के वनों को उससे ज्यादा कार्बन डाई ऑक्साइड की जरूरत होती है।