#NewsBytesExplainer: क्या है चुनावी बॉन्ड के यूनीक कोड और इससे क्या-क्या पता लगाया जा सकता है?
15 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड मामले पर भारतीय स्टेट बैंक (SBI) को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने बैंक से कहा है कि वो हर चुनावी बॉन्ड पर लिखे यूनीक अल्फान्यूमेरिक कोड की जानकारी भी चुनाव आयोग को दे। अभी SBI ने जो जानकारी दी है, उसमें केवल दानदाताओं और राजनीतिक पार्टियों के नाम हैं। इससे स्पष्ट नहीं हो रहा कि किसने किस पार्टी को चंदा दिया है। आइए समझते हैं कि ये यूनीक कोड क्या है।
क्या हैं चुनावी बॉन्ड पर छपे यूनिक कोड?
SBI द्वारा जारी किए गए हर चुनावी बॉन्ड पर एक यूनीक अल्फान्यूमेरिक (संख्या और अक्षरों से बना) कोड छपा होता है, जो नग्न आंखों से दिखाई नहीं देता। इसे केवल एक खास तरह की रोशनी (अल्ट्रावायलेट किरणों) में ही देखा जा सकता है। 2018 में द क्विंट ने एक रिपोर्ट में बताया था कि चुनावी बांड में यूनीक छिपे हुए अल्फान्यूमेरिक नंबर होते हैं, जो नग्न आंखों से दिखाई नहीं देते हैं।
किस काम आता है यूनीक कोड?
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, इस कोड का उपयोग बॉन्ड के जरिए दान देने वाली कंपनी/व्यक्ति और बॉन्ड भुनाने वाली राजनीतिक पार्टी से मिलान करने के लिए किया जा सकता है। यानी इससे यह जानकारी सामने आ सकती है कि किस कंपनी ने किस पार्टी को चंदा दिया। हालांकि, बैंक ने इससे इनकार किया है। SBI का कहना है कि ये केवल एक सुरक्षा का तरीका है और इससे दानकर्ता और पार्टी का पता नहीं लगाया जा सकता।
यूनीक कोड को लेकर SBI का क्या कहना है?
SBI का कहना है कि बॉन्ड और भुगतान प्रक्रिया इस तरह से बनाई गई है कि बैंक के पास दानकर्ता या राजनीतिक पार्टी के लिए संख्या का कोई रिकॉर्ड नहीं होता है। वित्त मंत्रालय ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा था, "बैंक खरीदार को बॉन्ड जारी करता है तो यह पार्टी के लेनदेन से जुड़ा नहीं होता है। नंबर का उपयोग नहीं किया जा रहा है और न ही खरीदार को ट्रैक करने के लिए इसका उपयोग किया जा सकता है।''
यूनीक कोड से क्या-क्या पता चलेगा?
यूनीक कोड से पता चलेगा कि किसी खास बॉन्ड को किसने और किसके लिए खरीदा। मतलब अगर यूनीक कोड सामने आ जाएंगे तो साफ-साफ पता चल जाएगा कि किस कंपनी, संस्था या व्यक्ति ने किस राजनीतिक पार्टी को कितना चंदा दिया है। अभी SBI ने जो जानकारियां चुनाव आयोग को दी हैं, उससे यह पता नहीं चल पा रहा है कि किस पार्टी को किससे और कितना चंदा मिला है।
यूनीक कोड को लेकर विशेषज्ञों का क्या कहना है?
दैनिक भास्कर से बात करते हुए पूर्व वित्त सचिव सुभाष गर्ग ने कहा कि चुनावी बॉन्ड में यूनीक कोड जैसा कुछ नहीं होता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बॉन्ड के कागज पर एक गुप्त नंबर होता है, जिसे केवल अल्ट्रा वॉयलेट लाइट में ही जा सकता है। हालांकि, यह केवल सुरक्षा के लिए होता है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि नकली चुनावी बॉन्ड चलन में न आए।
यूनीक कोड को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
लाइव लॉ के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने SBI से चुनावी बॉन्ड के यूनीक कोड का खुलासा करने को कहा है। कोर्ट ने कहा, "15 फरवरी के हमारे फैसले में हमने चुनावी बॉन्ड के सभी विवरणों का खुलासा करने का निर्देश दिया था। इसमें उनकी खरीद की तारीख, राशि, खरीदारों के नाम, बांड भुनाने वाले राजनीतिक दल आदि शामिल थे, लेकिन बैंक ने ऐसा नहीं किया है। उसने केवल खरीदे गए और भुनाए गए बांडों की संख्या का खुलासा क्यों किया?"