NewsBytes Hindi
    English Tamil Telugu
    अन्य
    चर्चित विषय
    क्रिकेट समाचार
    नरेंद्र मोदी
    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
    राहुल गांधी
    भारत-पाकिस्तान तनाव
    #NewsBytesExplainer
    IPL 2025
    English Tamil Telugu
    NewsBytes Hindi
    User Placeholder

    Hi,

    Logout

    देश
    राजनीति
    दुनिया
    बिज़नेस
    खेलकूद
    मनोरंजन
    टेक्नोलॉजी
    करियर
    अजब-गजब
    लाइफस्टाइल
    ऑटो
    एक्सक्लूसिव
    विज़ुअल खबरें

    एंड्राइड ऐप डाउनलोड

    हमें फॉलो करें
    • Facebook
    • Twitter
    • Linkedin
    होम / खबरें / देश की खबरें / चुनावी बॉन्ड: सरकार बोली- जनता को पार्टियों की फंडिंग के बारे में जानने का अधिकार नहीं
    अगली खबर
    चुनावी बॉन्ड: सरकार बोली- जनता को पार्टियों की फंडिंग के बारे में जानने का अधिकार नहीं
    चुनावी बॉन्ड मामले में सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया है

    चुनावी बॉन्ड: सरकार बोली- जनता को पार्टियों की फंडिंग के बारे में जानने का अधिकार नहीं

    लेखन आबिद खान
    Oct 30, 2023
    02:44 pm

    क्या है खबर?

    राजनीतिक पार्टियों को चंदे के लिए चुनावी बॉन्ड की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है।

    इससे पहले आज केंद्र सरकार ने कोर्ट में कहा कि आम जनता को पार्टियों को मिलने वाली फंडिंग का स्रोत जानने का अधिकार नहीं है। सरकार ने कोर्ट में हलफनामा दायर कर ये जानकारी दी है।

    बता दें कि चुनावी बॉन्ड के खिलाफ दायर 4 याचिकाओं पर संवैधानिक पीठ 31 अक्टूबर से सुनवाई करेगी।

    हलफनामा

    हलफनामे में क्या बोली सरकार?

    केंद्र सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने कहा कि संविधान ने नागरिकों को इन फंडिंग के स्त्रोत के बारे में जानने का अधिकार नहीं दिया है।

    उन्होंने कहा, "योजना किसी भी व्यक्ति के किसी भी अधिकार का उल्लंघन नहीं करती है। साथ ही इसे भाग III के तहत किसी भी अधिकार के खिलाफ नहीं कहा जा सकता है। मतदाताओं के लिए संवैधानिक अधिकार केवल चुनावी उम्मीदवारों के बारे में जागरुक समझ विकसित करने के संदर्भ में है।"

    फैसला

    सरकार ने दिया पुराने फैसले का हवाला

    सरकार ने कहा कि 2003 में पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज मामले में कोर्ट ने उम्मीदवारों को आपराधिक इतिहास की घोषणा करने का निर्देश दिया था, ताकि मतदाताओं बेहतर विकल्प चुन सके।

    सरकार ने कहा, "किसी उम्मीदवार के आपराधिक इतिहास को जानने का अधिकार, जो किसी उम्मीदवार की पसंद के लिए उपयोगिता और प्रासंगिक हो सकता है, न तो मौजूदा मामले से तुलना की जा सकती है और न ही सब कुछ जानने का सामान्य अधिकार हो सकता है।"

    सरकार

    बॉन्ड की समीक्षा का अधिकार कोर्ट को नहीं- सरकार

    हलफनामे में सरकार ने ये भी कहा है कि ये मामले सुप्रीम कोर्ट के अधिकार क्षेत्र का नहीं है।

    सरकार ने कहा, "प्रभाव से मुक्त शासन की जवाबदेही की मांग का मतलब यह नहीं है कि कोर्ट स्पष्ट संवैधानिक रूप से कानून के अभाव में ऐसे मामलों पर सुनवाई करेगा और फैसला सुनाने के लिए आगे बढ़ेगा। न्यायिक समीक्षा बेहतर या अलग तरीका सुझाने के उद्देश्य से राज्य की नीतियों को स्कैन करने के बारे में नहीं है।"

    याचिका

    4 जनहित याचिकाओं पर होनी है सुनवाई

    इस मामले में 4 जनहित याचिकाएं लंबित हैं। इनमें एक याचिकाकर्ता ने बताया है कि चुनावी बॉन्ड के जरिए राजनीतिक दलों को अब तक 12,000 करोड़ रुपये का भुगतान हुआ और इसकी दो-तिहाई राशि एक प्रमुख पार्टी के पास गई है।

    एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने वकील प्रशांत भूषण के जरिए भी एक याचिका दायर की है। ने कहा कि चुनावी बॉन्ड के जरिए भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है और नागरिकों के अधिकारों का हनन हो रहा है।

    प्लस

    न्यूजबाइट्स प्लस

    केंद्र सरकार ने वित्त विधेयक 2017 में चुनावी बॉन्ड शुरू करने का ऐलान किया था। इन्हें भारतीय स्टेट बैंक (SBI) जारी करता है और ये ब्याज मुक्त होते हैं।

    चुनावी बॉन्ड खरीदने वालों को 15 दिन के अंदर उन्हें अपनी मनपसंद राजनीतिक पार्टी को चंदे के तौर पर देना होता है। राजनीतिक पार्टी अपने सत्यापित खाते में उन्हें प्राप्त चुनावी बॉन्ड्स को कैश करा सकती हैं।

    इसमें ये पता नहीं चल पाता कि किस पार्टी को किससे चंदा मिला।

    Facebook
    Whatsapp
    Twitter
    Linkedin
    सम्बंधित खबरें
    ताज़ा खबरें
    केंद्र सरकार
    सुप्रीम कोर्ट
    चुनावी बॉन्ड

    ताज़ा खबरें

    व्हाइट हाउस ने 2 'जिहादियों' को बनाया सलाहकार; एक आतंकी प्रशिक्षण ले चुका, जेल भी गया व्हाइट हाउस
    टाटा हैरियर EV 3 जून को होगी लॉन्च, जानिए क्या मिलने की है उम्मीद  टाटा मोटर्स
    IPL 2025: LSG बनाम SRH मुकाबले की पिच रिपोर्ट, जानिए इकाना स्टेडियम के आंकड़े  IPL 2025
    KTM के दिवालिया होने से पहले बजाज ने लिया करोड़ों का लोन, करेगी निवेश  बजाज

    केंद्र सरकार

    संसद के विशेष सत्र से पहले सरकार ने बुलाई सर्वदलीय बैठक, एजेंडे पर चर्चा की संभावना संसद
    असम के मुख्यमंत्री की पत्नी पर लगे केंद्र सरकार से सब्सिडी लेने के आरोप, जानें मामला  असम
    #NewsBytesExplainer: संसद के अधिकारियों और कर्मचारियों की नई ड्रेस को लेकर छिड़ा विवाद क्या है? संसद
    केंद्र ने संसद के विशेष सत्र का क्या एजेंडा बताया और विपक्ष ने क्या सवाल उठाए? संसद

    सुप्रीम कोर्ट

    उच्च अधिकारियों की गिरफ्तारी से पहले नहीं लेनी होगी मंजूरी, सुप्रीम कोर्ट का पुराना आदेश बरकरार दिल्ली
    सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा आवारा कुत्तों के आतंक का मामला, वकील को किया घायल आवारा कुत्ते
    राजद्रोह कानून: सुप्रीम कोर्ट ने मामले को 5 जजों की संवैधानिक पीठ के पास भेजा राजद्रोह का कानून
    पटाखों पर प्रतिबंध: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार के आदेश में दखल देने से किया इनकार दिल्ली सरकार

    चुनावी बॉन्ड

    इलेक्टोरल बॉन्ड मामले पर मार्च में सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट सुप्रीम कोर्ट
    सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड मामले को संवैधानिक पीठ को भेजा, 30 अक्टूबर को सुनवाई सुप्रीम कोर्ट
    पाकिस्तान समाचार क्रिकेट समाचार नरेंद्र मोदी आम आदमी पार्टी समाचार अरविंद केजरीवाल राहुल गांधी फुटबॉल समाचार कांग्रेस समाचार लेटेस्ट स्मार्टफोन्स दक्षिण भारतीय सिनेमा भाजपा समाचार बॉक्स ऑफिस कलेक्शन कोरोना वायरस रेसिपी #NewsBytesExclusive ट्रैवल टिप्स IPL 2025
    हमारे बारे में प्राइवेसी पॉलिसी नियम हमसे संपर्क करें हमारे उसूल शिकायत खबरें समाचार संग्रह विषय संग्रह
    हमें फॉलो करें
    Facebook Twitter Linkedin
    All rights reserved © NewsBytes 2025