सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड मामले को संवैधानिक पीठ को भेजा, 30 अक्टूबर को सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को चुनावी बॉन्ड को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए मामले को 5 न्यायाधीशों की संवैधानिक पीठ को भेज दिया। लाइव लॉ के मुताबिक, भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ ने यह फैसला सुनाया। पीठ ने कहा कि उठाए गए मुद्दों के महत्व को देखते हुए मामले को 5 सदस्यीय पीठ के सामने रखना चाहिए। मामला 30 अक्टूबर को संवैधानिक पीठ के सामने पेश होगा।
मामले में लंबित हैं 4 जनहित याचिकाएं
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मामले में 4 जनहित याचिकाएं लंबित हैं। इनमें एक याचिकाकर्ता ने बताया है कि चुनावी बॉन्ड के जरिए राजनीतिक दलों को अब तक 12,000 करोड़ रुपये का भुगतान हुआ और इसकी दो-तिहाई राशि एक प्रमुख पार्टी के पास गई है। एक याचिकाकर्ता एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि चुनावी बॉन्ड के जरिए भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है और नागरिकों के अधिकारों का हनन हो रहा है।
क्या है चुनावी बॉन्ड?
केंद्र सरकार ने वित्त विधेयक 2017 में चुनावी बॉन्ड शुरू करने का ऐलान किया था। इन्हें भारतीय स्टेट बैंक (SBI) जारी करता है और ये ब्याज मुक्त होते हैं। चुनावी बॉन्ड खरीदने वालों को 15 दिन के अंदर उन्हें अपनी मनपसंद राजनीतिक पार्टी को चंदे के तौर पर देना होता है। राजनीतिक पार्टी अपने सत्यापित खाते में उन्हें प्राप्त चुनावी बॉन्ड्स को कैश करा सकती हैं। इसमें ये पता नहीं चल पाता कि किस पार्टी को किससे चंदा मिला।