
सुप्रीम कोर्ट में AAP की सफाई, कहा- दिल्ली हाई कोर्ट की जमीन पर कब्जा नहीं किया
क्या है खबर?
दिल्ली हाई कोर्ट की जमीन पर स्थित पार्टी कार्यालय को लेकर सुप्रीम कोर्ट की तल्ख टिप्पणी के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) ने मामले में अपना पक्ष रखा है।
पार्टी ने कहा कि उसने जमीन पर अतिक्रमण नहीं किया है और उसे यह जमीन 2015 में आवंटित की गई थी।
पार्टी ने कोर्ट की उस टिप्पणी को खारिज किया, जिसमें कहा गया था कि उसने कार्यालय बनाकर दिल्ली हाई कोर्ट के लिए आवंटित जमीन पर अतिक्रमण किया है।
दलील
AAP ने कोर्ट को क्या बताया?
AAP ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में दायर अपने आवेदन में मामले में हस्तक्षेप की मांग की और कहा कि कोर्ट द्वारा मामले में निर्देश जारी करने से पहले उसकी बात सुनी जानी चाहिए।
पार्टी ने कहा, "हमें यह जमीन 2015 में आवंटित की गई थी और यह तब से हमारे कब्जे में है। अब 2023 लैंड एंड डेवलपमेंट ऑफिस कह रहा है कि यह जमीन राउज एवेन्यू कोर्ट के विस्तार के लिए निर्धारित की गई है।"
बयान
AAP ने कहा- वह दिल्ली में जमीन पाने की हकदार
AAP ने चुनावों का हवाला देते हुए कहा कि यदि वह कोर्ट के आदेशानुसार तुरंत जमीन खाली करती है तो उसके पार्टी कार्यालय के लिए फिलहाल कोई जगह नहीं होगी, जबकि अन्य 5 राष्ट्रीय पार्टियां दिल्ली में आवंटित कार्यालय से संचालित हैं।
AAP ने स्पष्ट किया कि भारत सरकार द्वारा 2012 में जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, राष्ट्रीय पार्टियां दिल्ली में 2 कार्यालय स्थान की हकदार हैं, एक अपने राष्ट्रीय कार्यालय के लिए और दूसरी दिल्ली राज्य इकाई के लिए।
जमीन खाली
AAP जमीन खाली करने को तैयार, लेकिन रखी ये शर्त
AAP ने कहा कि वह जमीन खाली करने को तैयार है, लेकिन कोर्ट को यह सुनिश्चित करना होगा कि राष्ट्रीय पार्टी के दर्जे के अनुसार उसे कार्यालय के लिए एक वैकल्पिक स्थान आवंटित किया जाए।
पार्टी ने कहा, "अगर AAP को नई दिल्ली नगर निगम क्षेत्र में उसके हक के 2 स्थानों में से कम से कम एक स्थान आवंटित किया जाता है तो AAP राउज एवेन्यू में वर्तमान परिसर को खाली करने के लिए तैयार है।"
मामला
क्या है मामला?
दरअसल, एमिकस क्यूरी के परमेश्वर ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया था कि हाई कोर्ट की जमीन पर एक राजनीतिक पार्टी का कार्यालय बनाया गया है, जिस कारण वह जमीन वापस नहीं ले सके।
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को हैरानी जताई और कहा कि AAP दिल्ली हाई कोर्ट को मूल रूप से आवंटित भूमि पर अतिक्रमण कर रही है। हाई कोर्ट को जमीन लौटाई जाए।
कोर्ट ने अगली सुनवाई तक इस मामले के समाधान के आदेश दिए थे।