#NewsBytesExplainer: भारत रत्न समेत नागरिक पुरस्कार के लिए चयन कैसे होता है और क्या है प्रक्रिया?
भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा जाएगा। शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व उपप्रधानमंत्री आडवाणी को भारत रत्न दिए जाने की घोषणा की। भारत रत्न देने की शुरुआत 2 जनवरी, 1954 को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने की थी। साथ ही पद्म पुरस्कार भी सर्वोच्च नागरिक सम्मान के तौर पर दिए जाते हैं। आइए जानते हैं कि भारत में नागरिक सम्मान के लिए चुने जाने की क्या प्रक्रिया है।
भारत रत्न के लिए चुने जाने की क्या है प्रक्रिया?
भारत रत्न सम्मान के लिए चुने जाने की प्रक्रिया पद्म पुरस्कारों से अलग होती है। इसमें प्रधानमंत्री सीधे किसी व्यक्ति के नाम की सिफारिश राष्ट्रपति से करते हैं। भारत रत्न के लिए अन्य किसी औपचारिक सिफारिश की जरूरत नहीं होती। कोई भी व्यक्ति जाति, पेशा, पद या लिंग के आधार पर अंतर किए बिना इस पुरस्कार के लिए योग्य माना जाता है। भारत सरकार एक साल में अधिकतम 3 लोगों को भारत रत्न का सम्मान दे सकती है।
किन्हें दिया जाता है भारत रत्न?
भारत रत्न देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। ये सम्मान राजनीति, कला, साहित्य, विज्ञान के क्षेत्र में किसी विचारक, वैज्ञानिक, उद्योगपति, लेखक और समाजसेवी को दिया जाता है। सबसे पहले यह सम्मान स्वतंत्र भारत के पहले गवर्नर जनरल चक्रवर्ती राजगोपालाचारी, पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन और वैज्ञानिक डॉ चंद्रशेखर वेंकट रमन को दिया गया था। तब से कई लोगों को अपने-अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए ये सम्मान दिया गया है और आडवाणी सम्मान पाने वाले 50वें शख्स हैं।
भारत रत्न पाने वालों को क्या मिलता है?
भारत रत्न पाने वालों को सरकार की ओर से एक प्रमाणपत्र और एक मेडल दिया जाता है और इस सम्मान के साथ कोई धनराशि नहीं दी जाती। हालांकि, इस सम्मान को पाने वाले व्यक्ति को कैबिनेट मंत्री के बराबर प्रोटोकॉल मिलता है। उन्हें स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस जैसे सरकारी कार्यक्रमों का न्योता मिलता है। उन्हें हवाई जहाज, ट्रेन और बस में निशुल्क यात्रा की छूट मिलती है। राज्य सरकारें भी उन्हें अपने राज्यों में सुविधाएं उपलब्ध कराती हैं।
हाल में किन्हें मिला है भारत रत्न?
भारत रत्न मरणोपरांत भी दिया जाता है। हाल में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न दिया गया है। 2019 में नानाजी देशमुख, भूपेन हजारिका और पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को मरणोपरांत ये पुरस्कार मिला था। पुरस्कार के मेडल में तांबे के बने पीपल के पत्ते पर प्लैटिनम का चमकता सूर्य बना रहता है। इसके नीचे चांदी से हिंदी में भारत रत्न लिखा होता है और पीछे अशोक स्तंभ के नीचे 'सत्यमेव जयते' लिखा होता है।
भारत रत्न के अलावा और क्या है सर्वोच्च नागरिक सम्मान?
भारत रत्न के साथ-साथ 1954 से देश में पद्म पुरस्कार भी सर्वोच्च नागरिक सम्मान के तौर पर दिए जाते हैं। ये पुरस्कार 3 तरह के होते हैं, जिनमें पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री शामिल हैं। पद्म पुरस्कार 1978, 1979 और 1993 से 1997 को छोड़कर गणतंत्र दिवस के मौके पर हर साल घोषित किए गए हैं। इस नागरिक पुरस्कारों के लिए हर साल 1 मई से 15 सितंबर के बीच नामांकन मंगाए जाते हैं।
पद्म पुरस्कार के लिए कैसे होता है चयन?
पद्म पुरस्कारों का चयन हर साल प्रधानमंत्री द्वारा गठित समिति द्वारा किया जाता है। समिति की सिफारिशें प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजी जाती हैं। राज्य और केंद्र सरकार के मंत्रालयों के अलावा राज्यपाल, संसद सदस्य और अन्य पुरस्कारों के लिए नामों की सिफारिश कर सकते हैं। ये पुरस्कार कला, साहित्य एवं शिक्षा, खेल, चिकित्सा, सामाजिक कार्य, विज्ञान और इंजीनियरिंग, सार्वजनिक कार्य, सिविल सेवा, व्यापार और उद्योग आदि क्षेत्रों/विषयों से जुड़े विशिष्ट कार्यों के लिए मिलते हैं।
क्या पद्म पुरस्कार के लिए खुद को नामित कर सकते हैं?
जी हां। पद्म पुरस्कारों के लिए कोई भी पात्र व्यक्ति खुद को नामित कर सकता है। इसके लिए आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। पद्म पुरस्कार की घोषणा के बाद व्यक्ति की मृत्यु होती है तो सरकार मरणोपरांत पुरस्कार देने पर विचार कर सकती है, लेकिन भारत रत्न के विपरित ये पुरस्कार मरणोपरांत नहीं दिए जाते हैं। डॉक्टरों और वैज्ञानिकों को छोड़कर सार्वजनिक उपक्रमों में सेवारत सरकारी कर्मचारी पद्म पुरस्कार के लिए पात्र नहीं होते हैं।
पद्म पुरस्कार में क्या मिलता है?
सरकार एक साल में कुल 120 लोगों को पद्म पुरस्कार देती है। इसमें सम्मान के तौर पर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर और मुहर से जारी किया गया एक प्रमाणपत्र और एक मेडल दिया जाता है। प्रत्येक पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं के संबंध में संक्षिप्त जानकारी देने वाली एक स्मारिका भी समारोह वाले दिन जारी की जाती है। पद्म पुरस्कारों के साथ कोई धनराशि नहीं मिलती और ना ही रेल/हवाई यात्रा में रियायत आदि के तौर पर कोई सुविधा दी जाती है।