ASEAN शिखर सम्मेलन में बोले प्रधानमंत्री मोदी- 21वीं सदी हमारी; लाओ रामायण का मंचन भी देखा
क्या है खबर?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दक्षिण-पूर्वी एशियाई राष्ट्रों के संघ (ASEAN)- भारत और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए 2 दिवसीय दौरे पर लाओस गए हुए हैं।
यहां उन्होंने कहा कि जब दुनिया के कई हिस्से संघर्ष और तनाव का सामना कर रहे हैं, ऐसे समय में भारत और ASEAN की दोस्ती बहुत महत्वपूर्ण है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम एक शांतिप्रिय राष्ट्र हैं और हम राष्ट्रों की एकता और अखंडता को महत्व देते हैं।
प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री ने कहा- 21वीं सदी भारत और ASEAN देशों की
प्रधानमंत्री ने कहा, "पिछले दशक में भारत-ASEAN व्यापार दोगुना हो गया है और अब यह 1,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। 21वीं सदी जिसे एशियाई सदी भी कहा जाता है, वह भारत और ASIAN देशों की सदी है। हमने 10 साल पहले एक्ट ईस्ट नीति की घोषणा की थी और पिछले दशक में इसने भारत और ASIAN देशों के बीच ऐतिहासिक संबंधों को नई ऊर्जा, दिशा और गति दी है।"
बयान
बैठक में शामिल होने पर गर्व हो रहा- प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री ने कहा, "ASEAN परिवार के साथ 11वीं बार बैठक में शामिल होने पर गर्व महसूस हो रहा है। ऐसे समय में जब विश्व संघर्ष और तनाव का सामना कर रहा है, भारत-ASEAN मित्रता, समन्वय, संवाद और सहयोग अत्यंत महत्वपूर्ण है। वैश्विक संघर्षों के मद्देनजर आज भारत-ASEAN सहयोग की बहुत आवश्यकता है। आज भारत के पास 7 ASEAN देशों के साथ सीधी उड़ान कनेक्टिविटी है और बहुत जल्द ब्रुनेई के लिए सीधी उड़ान सेवा शुरू हो जाएगी।
लाओ रामायण
प्रधानमंत्री ने लाओ रामायण देखी
प्रधानमंत्री ने लुआंग प्रबांग के प्रतिष्ठित रॉयल थियेटर द्वारा प्रस्तुत रामायण के लाओ रूपांतरण फलक-फलम का एक एपिसोड देखा।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि रामायण महाकाव्य दोनों देशों की साझा विरासत और सदियों पुराने सभ्यतागत संबंधों को दर्शाता है।
इससे पहले प्रधानमंत्री ने वरिष्ठ बौद्ध भिक्षुओं के एक आशीर्वाद समारोह में भाग लिया। बाद में वे भारतीय समुदाय के लोगों से भी मिले।
लाओस में प्रधानमंत्री से मिलने के लिए भारतीय समुदाय के लोग काफी उत्साहित नजर आए।
प्लस
न्यूजबाइट्स प्लस
ASEAN दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों का एक क्षेत्रीय संगठन है, जिसकी स्थापना 1967 में हुई थी। इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर और थाईलैंड इसके संस्थापक राष्ट्र थे और फिलहाल इसमें 10 देश हैं।
इसका मुख्यालय इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में है। भारत ASEAN के एशियाई क्षेत्रीय फोरम का सदस्य है।
ASEAN के साथ भारत का संबंध उसकी एक्ट ईस्ट नीति का एक प्रमुख स्तंभ है। ASEAN भारत का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है।