#NewsBytesExplainer: क्या है ROV दक्ष, जिसका हो रहा उत्तराखंड सुरंग हादसे के बचाव अभियान में इस्तेमाल?
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सोमवार को भी सुंरग में फंसे 41 मजदूरों को बचाने की जद्दोजहद जारी रही। बचाव अभियान में अब रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के रिमोट संचालित वाहन (ROV) को भी शामिल किया गया है। इसे DRDO की रॉबोटिक्स टीम ने डिजाइन किया है और इसका नाम 'दक्ष' है। इसका इस्तेमाल विशेष रूप से जोखिम भरे सैन्य अभियानों में किया जाता है। आइए जानते हैं कि ROV दक्ष क्या है और कैसे काम करता है।
ROV दक्ष क्या है?
ROV दक्ष एक बहुउद्देश्यीय रिमोट संचालित उपकरण है। DRDO का कहना है कि ये एक तरह का बैटरी से चलने वाला रोबोट है और इसे मुश्किल सैन्य अभियानों के लिए डिजाइन किया गया है। इसका इस्तेमाल विशेष रूप से खतरनाक वस्तुओं को ढूंढने और उन्हें सुरक्षित ढंग से नष्ट करने के लिए किया जाता है। इसके अलावा इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) का पता लगाने और परमाणु और रासायनिक संदूषण के सर्वेक्षण में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है।
कैमरे और हाईटेक उपकरणों से लैस है दक्ष
DRDO का कहना है कि दक्ष विस्फोट के प्रभावों को झेलने में सक्षम है। ये कई कैमरों, IED हैंडलिंग टूल्स, परमाणु जैविक रसायन (NCB) टोही सिस्टम, एक मास्टर कंट्रोल स्टेशन (MCS) और एक बंदूक से लैस होता है।
ROV दक्ष की क्या खासियतें?
DRDO के अनुसार, ROV दक्ष चार्ज होने पर लगातार 3 घंटों तक काम कर सकता है। इसे 100 से 500 मीटर की दूरी से आसानी से संचालित किया जा सकता है। ये सीढ़ी और उबाड़-खाबड़ रास्ते पर चलने में सक्षम हैं। इस उपकरण की मैकनिकल आर्म 2.5 मीटर दूर से 20 किलोग्राम और 4 मीटर दूर से 9 किलोग्राम वजन उठा सकती है। ये पूरा सिस्टम एक प्लेटफॉर्म पर टिका होता है, जिसके नीचे रबर के पहिये लगे होते हैं।
सुरंग हादसे में कैसे आ सकता है ROV दक्ष?
रिपोर्ट्स के अनुसार, बचाव अभियान में जुटी एजेंसियों को ROV दक्ष से सुरंग में जोखिम भरे रास्तों को पता लगाने में मदद मिल सकती है। साथ ही इसे सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों की निगरानी करने के लिए भी भेजा जा सकता है। इसमें लगे कैमरों की मदद से बचाव अभियान में जुटी टीमों को अंदर की वस्तुस्थिति का पता चलेगा, जिसके बाद वह बचाव अभियान में तेजी लाने की बेहतर रणनीति बना सकेंगी।
9 दिनों से सुरंग में फंसे हैं 41 मजदूर
12 नवंबर की सुबह लगभग 5:00 बजे उत्तरकाशी में भूस्खलन के चलते यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माणाधीन सिलक्यारा-डंडालगांव सुरंग का एक हिस्सा अचानक ढह गया था, जिसमें 41 मजदूर अंदर फंस गए। पिछले 9 दिनों मजदूर यहां फंसे हुए हैं, जिन्हें सुरक्षित बाहर निकालने के अभियान में राज्य और केंद्र की अलग-अलग एजेंसियां जुटी हैं। ये सभी मजदूर अभी सुरंग में सुरक्षित हैं और उन्हें पाइप की मदद से ऑक्सीजन और खाने-पीने की आवश्यक वस्तुएं पहुंचाई जा रही हैं।