सिद्धू मूसेवाला की हत्या: अब तक इस मामले में क्या-क्या हुआ है?
शुक्रवार को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सिद्धू मूसेवाला के पैतृक गांव आकर उनके परिजनों से मुलाकात की। इस मौके पर मान ने कहा कि हत्या के आरोपियों को बख्शा नहीं जाएगा और जल्द ही गुनाहगार सलाखों के पीछे होंगे। इसी बीच पुलिस ने इस सिलसिले में कई संदिग्धों को गिरफ्तार किया है और कई गैंगस्टर से पूछताछ कर रही है। आइये, जानते हैं कि मूसेवाला की हत्या के बाद से अब तक क्या-क्या हुआ है।
रविवार को हुई थी मूसेवाला की हत्या
सिद्धू मूसेवाला की रविवार को मानसा जिले के जवाहरके गांव जाते वक्त गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वह अपने दो दोस्तों के साथ जीप से जा रहे थे, तभी अन्य गाड़ियों से आए हमलवारों ने उन्हें घेर कर उनकी जीप पर गोली बरसाना शुरू कर दिया। रिपोर्ट्स के अनुसार, हमलावरों ने लगभग 30 राउंड गोलियां चलाईं। हमले में मूसेवाला की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उनके दोस्त घायल हो गए थे।
सुरक्षा कम करने को लेकर पंजाब सरकार की आलोचना
पंजाब सरकार ने मूसेवाला की हत्या से एक दिन पहले ही उनकी सुरक्षा को कम किया था। मूसेवाला की सुरक्षा में अकसर चार कमांडो तैनात रहते थे, लेकिन पंजाब सरकार ने शनिवार को दो कमांडो को हटा लिया था। इससे अगले दिन ही मूसेवाला की हत्या हो गई। इस लापरवाही को लेकर पंजाब सरकार की खासी आलोचना हुई है। हालांकि, घटना के समय मूसेवाला अपनी निजी कार में बिना सुरक्षाकर्मियों के सफर कर रहे थे।
सचिन बिश्नोई ने किया गोलियां चलाने का दावा
तिहाड़ जेल में बंद कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की गैंग ने मूसेवाला की हत्या की जिम्मेदारी ली है। इस गैंग से जुड़े और कनाडा में रहने वाले गोल्डी बराड़ ने कहा कि विक्की मिद्दूखेड़ा और गुरलाल बराड़ की हत्या का बदला लेने के लिए मूसेवाला की हत्या की गई है। मिद्दूखेड़ा, बिश्नोई का करीबी और गुरलाल, गोल्डी का भाई था। इसी गैंग से जुड़े सचिन बिश्नोई ने दावा किया है कि उसने अपने हाथों से मूसेवाला पर गोलियां चलाईं।
SIT का हुआ पुनर्गठन
पंजाब सरकार ने इस मामले की तेजी से जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) गठित किया था। शुरुआत में इसमें तीन वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को शामिल किया गया, लेकिन जांच में प्रगति न देखकर एंटी-गैंगस्टर टास्क फोर्स (AGTF) के प्रमुख की देखरेख में इसका पुनर्गठन किया गया है। अब इसमें पुलिस महानिरीक्षक जसकरण सिंह, AGTF के सहायक महानिरीक्षक गुरमीत सिंह और मानसा के SSP को शामिल किया गया है। इसने जांच शुरू कर दी है।
परिवार ने की केंद्रीय एजेंसियों से जांच की मांग
सिद्धू के परिवार ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर केंद्रीय एजेंसियों से इस हत्या की जांच करवाने की मांग की है। कांग्रेस नेताओं ने भी राज्यपाल से मिलकर केंद्रीय जांच ब्यूरो या राष्ट्रीय जांच एजेंसी से इसकी जांच करवाने की मांग की है।
अब तक कई गिरफ्तारियां
पुलिस ने अब तक इस मामले में कई गिरफ्तारियां कर ली हैं। हालांकि, अभी तक वह मुख्य आरोपी तक नहीं पहुंच पाई है। पुलिस ने हमलावरों को वाहन मुहैया कराने के आरोपियों समेत कई संदिग्धों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ चल रही है। पुलिस ने अन्य आरोपियों की भी जल्द गिरफ्तारी की बात कही है। इसके अलावा पुलिस तिहाड़ में बंद लॉरेंस बिश्नोई को भी पंजाब लाकर पूछताछ करना चाहती है।
बिश्नोई को सता रहा फर्जी एनकाउंटर का डर
लॉरेंस बिश्नोई को डर सता रहा है कि अगर पंजाब पुलिस उसे लेकर जाती है तो उसका फर्जी एनकाउंटर हो सकता है। इससे बचने के लिए उसने पहले दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। बाद में वह यहां से याचिका वापस लेकर पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट पहुंचा। यहां उनसे अपने खिलाफ प्रोडक्शन वारंट जारी से रोकने और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पूछताछ की मांग की, लेकिन कोर्ट ने यह याचिका खारिज कर दी।
बिश्नोई ने मानी हत्या करवाने की बात- सूत्र
मीडिया में सूत्रों के हवाले से आ रही खबरों के अनुसार, लॉरेंस बिश्नोई ने यह स्वीकार कर लिया है कि गोल्डी बराड़ और उसकी गैंग के दूसरे सदस्यों ने मूसेवाला की साजिश रचकर हत्या की है। सूत्रों ने बताया कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की पूछताछ में बिश्नोई ने बताया कि मूसेवाला विक्की मिद्दूखेड़ा की हत्या में शामिल था और वहीं से उसके और गायक के बीच दुश्मनी शुरू हो गई थी।
कई गैंग हुए सक्रिय
मूसेवाला की हत्या के बाद कई गैंग सक्रिय हो गए हैं। पहले नीरज बवाना गैंग की तरफ से सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर कहा गया था कि दो दिनों के भीतर मूसेवाला की मौत का बदला ले लिया जाएगा। उसके बाद करनाल जेल में बंद गैंगस्टर भूपेंद्र सिंह उर्फ भूपी राणा ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए मूसेवाला की हत्या के आरोपियों का सुराग देने वाले को पांच लाख रुपये का इनाम देने का ऐलान किया था।