पंजाब: संगरूर में 5 दिन बाद बोरवेल से निकाला गया 2 वर्षीय बच्चा, मौत
पंजाब के संगरूर में 150 फुट गहरे बोरवेल में गिरे 2 साल के फतेहवीर सिंह को आज सुबह 109 घंटे के बाद सफलतापूर्वक बाहर तो निकाल लिया गया, लेकिन उसकी जान नहीं बचाई जा सकी। जब उसे अस्पताल ले जाया गया तो डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित किया। इस बीच बच्चे को हेलीकॉप्टर की बजाय सड़के के रास्ते गांव से 140 किलोमीटर दूर स्थित अस्पताल ले जाने को लेकर ग्रामीणों में रोष है।
खेलते वक्त बोरवेल में गिरा था फतेहवीर
अपने माता-पिता की अकेली संतान फतेहवीर गुरुवार शाम 4 बजे अपने घर के पास स्थित बोरवेल में गिरा था। फतेहवीर ने खेलते-खेलते गलती से बोरवेल पर पैर रख दिया था, जोकि एक कपड़े से ढका हुआ था। उसकी मां ने उसे बचाने की कोशिश की, लेकिन असफल रही। बचाव अभियान के दौरान 5 दिन तक बच्चे के पास खाना और पानी नहीं पहुंच सका, हालांकि उसे ऑक्सीजन लगातार पहुंचाई जा रही थी।
इस योजना से निकाला गया बच्चे को बाहर
पुलिस, स्थानीय प्रशासन, ग्रामीणों और स्वयंसेवकों की सहायता से NDRF की टीम ने बोरवेल के समानांतर एक गड्ढा खोदा और फिर 2-3 फुट की सुरंग के जरिए दोनों गड्ढों को जोड़ा। बोरवेल में गिरे बच्चों को बाहर निकालने के लिए इसी योजना का उपयोग होता है। समानांतर गड्ढे में 36 इंच के RCC पाइप लगाए गए थे। आखिरकार 109 घंटे बाद बचाव दल को अपने अभियान में सफलता मिली और आज सुबह 5:30 बजे फतेहवीर को बाहर निकाल लिया गया।
डॉक्टर्स ने किया मृत घोषित
फतेहवीर को इलाज के लिए चंडीगढ़ PGI अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर्स ने बताया कि बच्चे की अस्पताल पहुंचने से पहले ही मौत हो चुकी है। ये साफ नहीं है कि बच्चे की मौत बोरवेल से बाहर निकालने के बाद हुई या पहले।
लोग करते रहे सलामती की दुआ
बचाव अभियान के दौरान आसपास के इलाकों के लोग भारी मात्रा में मौके पर मौजूद रहे और बच्चे की सलामती की दुआ करते रहे। लोगों को बचाव स्थल पर आने से रोकने के लिए पुलिस ने बैरिकेड लगाए थे। इस बीच कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारी मात्रा में पुलिस बल की तैनाती की गई। मौके पर राजनीतिक लोगों का आना-जाना भी लगा रहा और संगरूर से AAP सांसद भगवंत मान ने बचाव कार्य में देरी का आरोप लगाया।
मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने दिया खुले बोरवेल बंद करने का आदेश
इस बीच कल शाम मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने ट्वीट करते हुए कहा था कि वह बचाव अभियान पर लगातार निगराने बनाए हुए हैं। उन्होंने राज्य के सारे डिप्टी कमिश्नरों को हर जगह खुले बोरवेल बंद करने करने और 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया था। बता दें कि उपयोग में न होने वाले खुले बोरवेल बच्चों के लिए जानलेवा सिद्ध होते हैं और अक्सर इनमें बच्चों के गिरने की खबरें आती रहती हैं।