कासगंज: हिरासत में मौत मामले में अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज
उत्तर प्रदेश के कासगंज में पुलिस हिरासत में 22 वर्षीय युवक अल्ताफ की मौत के मामले में अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। मृतक के पिता चांद मियां की शिकायत के आधार पर यह FIR दर्ज की गई है और कोतवाली के इंस्पेक्टर रमेश भारद्वाज को इसकी विवेचना सौंपी गई है। इससे पहले पुलिस ने कहा था कि नागला सैयद के रहने वाले अल्ताफ ने पुलिस हिरासत में फांसी लगाकर आत्महत्या की थी।
क्या है मामला?
यह मामला कासगंज के सदर थाने का है, जहां अल्ताफ को एक लड़की को भगाने के आरोप में मंगलवार सुबह पुलिस स्टेशन लाया गया था। उसके खिलाफ ये मामला पिछले हफ्ते दर्ज कराया गया था। पुलिस ने दावा किया कि वह शौचालय गया और वहां उसने टोंटी से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली, जबकि परिजन इसे हत्या बता रहे हैं। यह टोंटी जमीन से 2-3 फीट ही ऊंची है। ऐसे में पुलिस की थ्योरी पर कई सवाल उठ रहे हैं।
शनिवार को SP से मिले मृतक के पिता
अल्ताफ के पिता ने अपनी शिकायत में कहा था कि 8 नवंबर को पुलिस उनके घर पहुंची और पूछताछ का हवाला देकर अल्ताफ को साथ ले गई। कोतवाली में पुलिसकर्मियों ने उसे पीटकर मार डाला। अगले दिन उन्हें जानकारी मिली कि अल्ताफ ने आत्महत्या कर ली है। अमर उजाला के अनुसार, शनिवार शाम को चांद मियां ने आजाद समाज पार्टी के चंद्रशेखर आजाद के साथ SP रोहन बोत्रे से मुलाकात की। इसमें उन्होंने पुलिसकर्मियों के नाम लिखकर आरोप लगाए हैं।
चांद मियां का आरोप- पुलिस ने जबरदस्ती अंगूठा लगवाया
चांद मियां में अपनी शिकायत में वीरेंद्र सिंह इंदौलिया, जागेश मिश्रा, चंद्रेश गौतम, विकास कुमार, घनेंद्र सिंह, सौरभ सोलंकी और कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग की थी। इसमें उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पहले पुलिस ने खद से पत्र लिखकर उनसे जबरदस्ती अगूंठा लगवाया था। उन्होंने कहा, "मेरे बेटे को थाने में मार दिया गया। शौचालय में टोंटी दो फीट ऊंची है और मेरे बेटे की ऊंचाई 5 फीट से ज्यादा थी।"
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने मांगी रिपोर्ट
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने इस मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक और मुख्य सचिव से रिपोर्ट तलब की है। आयोग के अध्यक्ष सरदार इकबाल सिंह लालपुरा ने कहा कि रिपोर्ट आने के बाद एक टीम कासगंज का दौरा कर सुनिश्चित करेगी कि किसी के साथ उसकी जाति या धर्म के आधार पर कोई अन्याय न हो। उत्तर प्रदेश सरकार को 15 दिनों के भीतर कार्रवाई की रिपोर्ट आयोग में सौंपनी है।
कासगंज की घटना को लेकर विपक्ष हमलावर
कासगंज की घटना को लेकर विपक्ष योगी सरकार पर हमलावर बना हुआ है। इस घटना पर ट्वीट करते हुए कांग्रेस नेत्री प्रियंका गांधी ने ट्विटर पर लिखा कि कि उत्तर प्रदेश पुलिस हिरासत में मौत के मामले में देश में सबसे ऊपर है। भाजपा राज में कानून व्यवस्था पूरी तरह चौपट है। यहां कोई भी सुरक्षित नहीं है। वहीं समाजवादी पार्टी नेता अखिलेश यादव ने मांग की कि इस मामले में इंसाफ के लिए न्यायिक जांच होनी चाहिए।