कृषि कानून: AAP सांसदों ने प्रधानमंत्री के सामने संसद के केंद्रीय कक्ष में की नारेबाजी
क्या है खबर?
आम आदमी पार्टी (AAP) के दो सांसदों ने आज संसद के केंद्रीय कक्ष में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने कृषि कानूनों के खिलाफ नारेबाजी की और उनसे इन्हें वापस लेने की मांग की।
AAP सांसद संजय सिंह और भगवंत मान ने ये नारेबाजी उस समय की, जब प्रधानमंत्री मोदी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 96वीं जयंती के अवसर पर केंद्रीय कक्ष में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे थे।
संजय सिंह ने घटना का वीडियो ट्वीट भी किया है।
वीडियो
AAP सांसदों ने लगाए काले कानून वापस लो जैसे नारे
संजय सिंह द्वारा ट्वीट किए गए वीडियो में उन्हें और भगवंत मान को 'किसान विरोधी काला कानून वापस लो' और MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की गारंटी दो' जैसे नारे लगाते हुए सुना जा सकता है।
वीडियो में मान दूर से ही प्रधानमंत्री से कह रहे हैं, "लाखों किसान ठंड में ठिठुक रहे हैं प्रधानमंत्री जी... लाखों किसान ठंड में मर रहे हैं सर। अन्नदाता मर रहे हैं सर। तीनों कानून वापस करो।"
जानकारी
अन्य अतिथियों से बात करने के बाद केंद्रीय कक्ष से बाहर चले गए प्रधानमंत्री
AAP सांसदों की इस नारेबाजी के दौरान प्रधानमंत्री मोदी केंद्रीय कक्ष में मौजूद अन्य अतिथियों और सांसदों से बातचीत करते रहे और उनसे बातचीत करने के बाद वे सीधे केंद्रीय कक्ष से बाहर चले गए।
ट्विटर पोस्ट
संजय सिंह बोले- तानाशाह सरकार को जगाने के लिए की नारेबाजी
बहरे कानो को सुनाने के लिये तानाशाह सरकार को जगाने के लिये संसद में प्रधानमंत्री के सामने किसानो के हक़ में हंगामा “किसान विरोधी काला क़ानून वापस लो” अन्नदाताओं को आतंकवादी कहना बंद करो। pic.twitter.com/X8MF2pxnad
— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) December 25, 2020
बयान
संजय सिंह बोले- हमें प्रधानमंत्री से बात करने का मौका नहीं दिया जा रहा
इस हंगामे के बाद NDTV से बात करते हुए संजय सिंह ने कहा, "संसद का सत्र नहीं बुलाया जा रहा है। हमें प्रधानमंत्री से बात करने और और अपना पक्ष रखने का मौका नहीं दिया जा रहा है। आज सेंट्रल हॉल में कार्यक्रम के दौरान AAP सांसद भगवंत मान और मैंने काला कानून वापस लेने की अपील की। लाखों की संख्या में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। हम किसान आंदोलन के समर्थन में हैं।"
बयान
"मोदी सरकार की बंद आंखों और कानों को खोलने के लिए गूंजे नारे"
वहीं भगवंत मान ने भी ट्वीट करते हुए मोदी सरकार पर निशाना साधा। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा, 'मोदी सरकार की बंद आंखों और कानों को खोलने के लिए लोकसभा के सेंट्रल हॉल में गूंजे किसान हितेषी नारे।'
विरोध
कृषि कानूनों की कॉपियां फाड़ चुके हैं केजरीवाल
बता दें कि AAP और भाजपा पिछले काफी समय से कृषि कानूनों पर आमने-सामने हैं। पंजाब में विस्तार का मौका तलाश रही AAP के लिए ये मुद्दा एक बड़ा मौका लेकर आया है और वह इसे हाथ से जाने देने के मूड में नहीं है।
इससे पहले AAP प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी दिल्ली विधानसभा में इन कानूनों की कॉपियां फाड़ चुके हैं। उन्होंने मोदी सरकार को अंग्रेजों से भी बदतर न बनने की अपील की थी।
पृष्ठभूमि
क्या है कृषि कानूनों का पूरा मुद्दा?
मोदी सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए तीन कानून लेकर लाई है जिनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद के लिए व्यापारिक इलाके बनाने, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडारण सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं।
पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान इन कानूनों का जमकर विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इनके जरिये सरकार मंडियों और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से छुटकारा पाना चाहती है।
गतिरोध
असफल रही है सरकार और किसानों के बीच पांच दौर की बातचीत
इन कानूनों के खिलाफ किसान पिछले कई महीने से सड़कों पर हैं और 25 नवंबर से दिल्ली के आसपास डटे हुए हैं। किसानों और सरकार के बीच पांच दौर की बैठक भी हो चुकी है, हालांकि इनमें समाधान का कोई रास्ता नहीं निकला है।
सरकार ने किसानों को कानूनों में संशोधन का प्रस्ताव दिया है, हालांकि किसानों ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है और वे कानूनों को वापस लिए जाने की मांग पर अड़े हुए हैं।