पंजाब और तमिलनाडु के छात्रों ने बनाया स्पेस रोवर का डिजाइन, NASA ने किया सम्मानित
क्या है खबर?
अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में भारतीय छात्रों की प्रतिभा का डंका पूरे विश्व में बजा है।
पंजाब और तमिलनाडु के दो भारतीय छात्र समूहों ने 'NASA 2022 ह्यूमन एक्सप्लोरेशन रोवर चैलेंज' नामक प्रतियोगिता में जीत हासिल की है।
नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन' (NASA) ने 29 अप्रैल को एक ऑनलाइन पुरस्कार समारोह में इसकी घोषणा की।
इस प्रतियोगिता में दुनिया के 58 कॉलेज और 33 उच्च विद्यालयों (हाईस्कूल) की 91 टीमों ने हिस्सा लिया था।
लक्ष्य
NASA ने छात्रों को क्या लक्ष्य दिया था?
इस बार NASA ने छात्रों के समूहों को एक मानवचलित रोवर का डिजाइन तैयार करने को कहा था, जो सौर तंत्र में पाए जाने वाले चट्टानी पिंडों (रॉकी बॉडीज) तक पहुंच सके।
अलबामा के हंट्सविले में मार्शल स्पेस फ्लाइट सेंटर में चैलेंज से जुड़ी गतिविधियों को लीड करने वाले ऑड्रा ब्रुक्स-डेवेनपोर्ट ने कहा, "इस वर्ष छात्रों को एक ऐसा रोवर तैयार करने के लिए कहा गया जो बाधाओं की नकल करे, जैसे कि वे हंट्सविले में प्रतिस्पर्धा कर रहे हों।"
पुरस्कार
छात्रों को किस श्रेणी में NASA ने ये पुरस्कार दिया?
NASA की तरफ से जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, पंजाब के डिसेंट चिल्ड्रन मॉडल प्रेसीडेंसी स्कूल के छात्रों ने 'हाई स्कूल डिवीजन' में STEM एंगेजमेंट पुरस्कार जीता।
वहीं, तमिलनाडु के वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (VIT) की टीम को सोशल मीडिया अवार्ड में कॉलेज या विश्वविद्यालय श्रेणी में विजेता घोषित किया गया।
NASA छात्रों को चंद्रमा, मंगल और दूसरी दुनिया का पता लगाने के लिए ऐसी प्रतियोगिताओं का आयोजन 25 साल से करता आ रहा है।
आर्टिमीज
आर्टिमीज के लक्ष्य को दर्शाती है ये प्रतियोगिता
ये प्रतियोगिता NASA के आर्टिमीज प्रोग्राम के लक्ष्य को दर्शाती है, जिसके तहत पहली महिला को चंद्रमा पर भेजा गया था।
NASA की मंगल विज्ञान प्रयोगशाला की तरफ से एक योजना के तहत भेजे गए रोवर का नाम "क्युरियौसिटि" यानी "जिज्ञासा" है।
यह 26 नवम्बर, 2011 को पृथ्वी से रॉकेट पर मंगल की ओर रवाना हुआ था और अगस्त. 2012 में मंगल पर गेल क्रेटर नाम के क्रेटर की सतह पर उतरा था।
न्यूजबाइट्स प्लस
रोवर क्या होता है?
रोवर ऐसे वाहन को कहते हैं जो किसी अन्य ग्रह या खगोलीय वस्तु पर घूमने-फिरने की क्षमता रखता हो।
कुछ रोवर रोबोट होते हैं और बिना किसी व्यक्ति की मौजूदगी के चलते हैं और कुछ को मनुष्य दूर से संचालित करते हैं।
आम तौर पर रोवर किसी ग्रह पर किसी अन्य यान के अन्दर ले जाए जाते हैं जो उस ग्रह की सतह पर उतरता है।