भारत-चीन तनाव: LAC के दोनों ओर सेना की तैनाती से तनाव बरकरार, आज फिर होगी बातचीत
भारत और चीन के सैनिकों के बीच गलवान घाटी में 15 जून को हुए खूनी संघर्ष के बाद दोनों देशों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारी संख्या में सेना की तैनाती कर दी है। इससे LAC के दोनों ओर तनाव बना हुआ है। भारत ने 3,488 किलोमीटर लंबी LAC पर सैनिकों को तैनाती के साथ माउंटेन फोर्स को भी तैनात कर दिया है। इस स्थिति के बीच सोमवार को दोनों देशों की सेनाएं फिर से वार्ता करेंगी।
चीनी सेना से हुई झड़प में शहीद हुए 20 भारतीय सैनिक
पूर्वी लद्दाख में 15-16 अप्रैल को रात को चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। इसमें चीन के भी सैनिकों की जान जाने की खबरें हैं। यह हिंसक झड़प उस समय शुरू हुई जब भारतीय सैनिक चीनी सैनिकों द्वारा लगाए टेंट को हटाने गए थे। उस दौरान चीनी सैनिकों ने पत्थर, कंटीली रॉड और तारों से हमला कर दिया था। चट्टान टूटने से कुछ सैनिक नदी में गिर गए थे।
चीन ने फिंगर-4 से लेकर आठ तक बढ़ाई सेना की मौजूदगी
चीन ने पैंगोंग लेक के पास अपनी मौजूदगी को बढ़ा लिया है और फिंगर-4 से आठ तक भारी संख्या में सेना की तैनाती कर दी है और वायुसेना को भी सक्रिय रखा है। सीमा पर चीनी विमानों को देखा जा सकता है। ऐसे में चीन की इस चाल के पीछे उसकी गलत मंशा दिखाई पड़ती है। सूत्रों की माने तो चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) फिंगर-4 के पास आर्टिलरी और टैंक के साथ बड़ी संख्या में मौजूद हैं।
भारत ने चीन की योजना के खिलाफ यह की तैयारी
PLA की हरकत को देखते हुए भारत ने भी 3,488 किलोमीटर लंबी LAC पर सैनिकों को तैनात कर दिया है। वायुसेना के मदद से पूरी LAC की निगरानी की जा रही है। इसी तरह नौसेना को भी पूरी तरह से तैयार रहने को कहा गया हैं। झिंगजैंग और तिब्बत क्षेत्र में भारत की सेना की स्थिति को मजबूत गकिया या है। इसके अलावा दोनों देशों की वायुसेना लगातार एक दूसरे पर नजर बनाएं हुए हैं और सर्विलांस कर रही हैं।
भारतीय सैनिकों को दिए गए बल प्रयोग के आदेश
सेना के एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि भारतीय सेना के कमांडर्स को निर्देश दिए गए हैं कि यदि PLA ट्रूप गलवान घाटी पार करती है और पेट्रोल पोस्ट-14 पर हमला करती है तो वह उनका जवाब दे सकते हैं।
भारत ने LAC पर तैनात की स्पेशल माउंटेन फोर्स
भारत ने सुरक्षा के लिहाज से 3,488 किलोमीटर लंबी LAC पर स्पेशल माउंटेन फोर्स को भी तैनात कर दिया है। यह फोर्स अधिक ऊंचाई वाले पहाड़ी क्षेत्रों में गश्त करने तथा किसी भी स्थिति से निपटने के लिए प्रशिक्षित है। ऐसे में चीन की ओर से यदि पश्चिमी, मध्य या पूर्वी सेक्टरों अब कोई भी कदम उठाया जाता है तो यह फोर्स उसका करारा जवाब देगी। फोर्स को आवश्यक कोई भी कदम उठाने की आजादी भी दी गई है।
भारत की माउंटेन फोर्स की अगल है पहचान
भारत की माउंटेन फोर्स की एक अलग पहचान है। इसमें शामिल जवानों को गुरिल्ला युद्ध में प्रशिक्षित किया गया है। इस सेना ने करगिल युद्ध में भी अपनी उपयोगिता साबित की थी। यह सपाट इलाकों में तैनात रहने वाले सैनिकों से बिल्कुल अलग होते हैं। इस फोर्स के पास अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में लड़ने का बेहतरीन कौशल है। यह सेना दशकों से उत्तराखंड, लद्दाख, अरुणाचल और सिक्किम के पहाड़ी क्षेत्रों में तैनात रही है।
भारत और चीन के सैन्य कमांडरों के बीच आज फिर होगी वार्ता
LAC पर भारत और चीनी सैनिकों के बीच 15 जून को हुए खूनी संघर्ष के बाद सोमवार को फिर से दोनों सेनाओं की कोर कमांडर स्तर की बैठक होगी। चीनी सेना के आग्रह पर यह बैठक बुलाई गई है। बैठक मोल्डो इलाके में होगी। इसमें झड़प के बाद बने तनाव को कम करने पर चर्चा होगी। भारत की तरफ से लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह बैठक का नेतृत्व करेंगे तो चीन की तरफ से मेजर जनरल लियु लिन शामिल होंगे।
बैठक में यह रहेगा प्रमुख मुद्दा
कहा जा रहा है कि बैठक में भारत की ओर से LAC पर पहले की स्थिति को बनाए रखने की मांग की जाएगी। इसके अलावा गलवान जैसी घटना के भविष्य में दुबारा नहीं होने पर भी जोर रहेगा। इसी तरह 6 जून के सेना को पीछे लेने के समझौते पर भी बात होगी। भारत ने चीन से 4 मई के पहले की स्थिति को बनाए रखने की मांग की है, लेकिन चीन का कोई जवाब नहीं आया है।