15 जनवरी को क्यों मनाया जाता है सेना दिवस, जानिये इससे जुड़ी खास बातें
क्या है खबर?
भारतीय थल सेना हर साल 15 जनवरी को सेना दिवस मनाती है। सेना दिवस की शुरुआत 15 जनवरी, 1949 को हुई थी।
उस दिन जनरल केएम करियप्पा ने भारतीय सेना की बागडोर संभाली थी। वो आजादी के बाद सेनाप्रमुख बनने वाले पहले भारतीय थे, जिन्हें आगे जाकर फील्ड मार्शल की उपाधि मिली।
करियप्पा से पहले अंग्रेज फौजी अधिकारी ही सेना प्रमुख बनते थे। करियप्पा ने आखिरी ब्रिटिश कमांडर सर फ्रांसिस रॉबर्ट रॉय बचर की जगह ली थी।
फील्ड मार्शल केएम करियप्पा
महज 49 साल की उम्र में सेना प्रमुख बने थे करियप्पा
सेना प्रमुख बनने के वक्त करियप्पा की उम्र 49 साल थी। वो चार साल तक इस पद पर रहे।
आजादी के दौरान करियप्पा ने भारत और पाकिस्तान के बीच सेना के बंटवारे मे अहम भूमिका निभाई थी।
सेना प्रमुख पद से रिटायर होने के बाद 1986 में उन्हें फाइव स्टार फील्ड मार्शल बनाया गया।
उनके अलावा अभी तक केवल भारतीय वायुसेना के अर्जन सिंह और थल सेना के सैम मनेकशॉ को फील्ड मार्शल बनाया गया है।
परेड की खास बातें
पहली बार परेड में शामिल होंगे CDS
15 जनवरी को दिल्ली कैंट के परेड मैदान में होनी वाली सेना दिवस परेड इस दिन का मुख्य आकर्षण होती है। इस दौरान सेना प्रमुख परेड की सलामी लेते हैं।
वायुसेना और नौसेना प्रमुख भी परेड में शामिल होकर परेड की सलामी लेते हैं। यह परेड गणतंत्र दिवस समारोह में भी हिस्सा लेती है।
इस बार खास बात यह भी होगी कि देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत भी परेड की सलामी लेंगे।
सेना दिवस का आकर्षण
सैनिकों को दिया जाते हैं वीरता पुरस्कार
दिल्ली कैंट के जिस मैदान में यह परेड होती है, उसका नाम 2016 में फील्ड मार्शल करियप्पा के नाम पर रखा गया था।
करियप्पा परेड मैदान दिल्ली के सबसे बड़े मैदानों में से एक है और यहां हर साल कई बड़े आयोजन होते हैं।
सेना दिवस पर सेना प्रमुख असाधारण शौर्य दिखाने वाले सैनिकों को वीरता पुरस्कार देते हैं। इस बार 15 जवानों को वीरता पुरस्कार और 18 को प्रशस्ति पत्र मिलेगा।
जानकारी
सेना प्रदर्शित करती है हथियार
इस दिन परेड के दौरान सेना अपने हथियारों का प्रदर्शन भी करती है। इस बार वज्र आर्टिलरी गन, स्वदेश निर्मित धनुष समेत कई टैंक और दूसरे हथियार प्रदर्शित किए जाएंगे। परेड मे सैनिक अपने साहस का भी प्रदर्शन करते हैं।
परेड की खास बातें
पहली बार महिला अधिकारी निभाएगी परेड एड्जुटेंट की भूमिका
इस साल की सेना दिवस की परेड की एक और खास बात यह होगी कि एक महिला अधिकारी परेड एड्जुटेंट की भूमिका निभाएगी। इस परेड के इतिहास में ऐसा पहली बार होना जा रहा है।
दो साल पहले सेना की कॉर्प्स ऑफ सिग्नल में शामिल हुईं कैप्टन तान्या शेरगिल को इस काम के लिए चुना गया है।
परेड एड्जुटेंट परेड को निर्देश देने और इसका संचालन में अहम भूमिका निभाती है।
जानकारी
सेना प्रमुख देते हैं रिसेप्शन
सेना दिवस के मौके पर सेना प्रमुख अपने आधिकारिक आवास पर एक रिसेप्शन का आयोजन करते हैं। इसमें राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, कैबिनेट मंत्री, सेना के शीर्ष अधिकारियों समेत बड़ी हस्तियां शामिल होती हैं।