कोरोना वायरस की वैक्सीन के लिए चल रहे ट्रायलों की क्या है स्थिति?
कोरोना वायरस का प्रसार पूरी दुनिया में बड़ी तेजी हो रहा है। वर्तमान में 81.42 लाख लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं और 4.39 लाख लोगों की मौत हुई है। हर कोई इसकी वैक्सीन आने का इंतजार कर रहा है और कई देश और कंपनियां इसकी वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल में लगे हुए हैं। इनमें अमेरिका की मॉडर्न इंक, चीन की सिनोवैक बायोटेक और ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित वैक्सीन प्रमुख हैं।
क्लिनिकल ट्रायल के दूसरे चरण में हैं अधिकांश वैक्सीन
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, विभिन्न देशों द्वारा तैयार 100 से अधिक वैक्सीनों का क्लिनिकल ट्रायल चल रहा है और इनमें से अधिकरतर दूसरे चरण में हैं। ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, नीदरलैंड और अमेरिका आदि ने पहले ही लाखों वैक्सीन के ऑर्डर दे दिए हैं और ट्रायल सफल होने पर साल के अंत तक इनकी आपूर्ति कर दी जाएगी। लंदन के इंपीरियल कॉलेज के प्रोफेसर रॉबिन शटॉक ने कहा कि कुछ वैक्सीन पाबंदियों के साथ वितरित की जा सकती है।
इंपीरियल कॉलेज लंदन द्वारा तैयार वैक्सीन की यह है वर्तमान स्थिति
लंदन के इंपीरियल कॉलेज के वैज्ञानिक इसी सप्ताह वैक्सीन का लोगों पर ट्रायल शुरू करेंगे। यह वैक्सीन स्व-प्रवर्धित RNA प्रौद्योगिकी पर आधारित है। ब्रिटेन की सरकार ने कहा है कि 300 लोगों को वैक्सीन की दो-दो खुराक दी जाएगी। इसके निर्माण में सरकार ने 41 मिलियन पाउंड की आर्थिक मदद की है। अक्टूबर में 6,000 लोगों पर इसका ट्रायल किया जाएगा। सफलता मिलने पर अगले साल की शुरुआत इसे बाजार में उतार दिया जाएगा।
वैक्सीन का अभी तक केवल जानवरों पर किया गया है परीक्षण
बता दें कि इस वैक्सीन का परीक्षण अभी तक केवल जानवरों पर किया गया है। अब इंसानों पर इसका असर देखा जाएगा। यह RNA वैक्सीन कोरोना वायरस की सतह पर "स्पाइक" प्रोटीन बनाती है। यह प्रोटीन इंसान की शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।
मॉडर्न इंक द्वारा तैयार वैक्सीन ने किया दूसरे चरण का क्लिनिकल ट्रायल
अमेरिकी फर्म मॉडर्न इंक द्वारा तैयार की गई वैक्सीन केंडीडेट mRNA-1273 का वर्तमान में दूसरे चरण का क्लिनिकल ट्रायल चल रहा है। फर्म के CEO स्टीफन बैंसेल ने ब्लूमबर्ग को बताया कि ट्रायल में सब कुछ सही निकलने पर यह नवंबर तक बाजार में उपलब्ध हो सकती है। उन्होंने बताया कि वैक्सीन के अंतिम चरण का ट्रायल अगले महीने 30,000 लोगों पर शुरू किया जाएगा। हालांकि वैक्सीन की कीमत बहुत अधिक होगी।
वैक्सीन के लिए इजराइल ने मॉर्डन इंक के साथ किया करार
CEO बैंसेल ने बताया वैक्सीन की कीमत को कम करने के प्रयास किए जा रहे हैं। वैक्सीन की प्राभाविकता को देखते हुए भविष्य में इसे अपने लोगों के उपचार के लिए काम में लेने के लिए इजराइल ने भी कंपनी के साथ करार किया है।
क्योरवैक द्वारा तैयार वैक्सीन का इसी महीने शुरू होगा ट्रायल
जर्मनी ने कोरोना वैक्सीन के लिए अमेरिका की बायोटेक फर्म क्योरवैक में निवेश करने की योजना बनाई है। यह वैक्सीन mRNA तकनीक से तैयार की जा रही है। जर्मनी इसकी 23% हिस्सेदारी के लिए 300 मिलियन यूरो का भुगतान करेगा। क्योरवैक इस महीने इसका क्लिनिकल ट्रायल शुरू करेगी। फ्रांस, इटली और नीदरलैंड ने ब्रिटिश-स्वीडिश दवा समूह AstraZeneca से वैक्सीन की 300 मिलियन खुराक की खरीद के लिए करार किया है।
ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका द्वारा तैयार वैक्सीन करेगी एक साल तक सुरक्षा
ब्रिटिश फार्मा दिग्गज एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा विकसित वैक्सीन मरीजों को कोरोना वायरस से करीब एक साल तक सुरक्षा प्रदान करेगी। कंपनी के CEO ने बताया कि मनुष्यों पर वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल शुरू हो चुका है। इसके अलावा ब्रिटेन में भी एक ट्रायल चल रहा है और वह जल्दी खत्म हो जाएगा। इसके अलावा कंपनी ने तीसरे चरण का ट्रायल भी शुरू कर दिया है। अगस्त-सितंबर तक ट्रायल के परिणाम आ जाएंगे।
कंपनी ने 1,000 लोगों पर शुरू किया था क्लिनिकल ट्रायल
कंपनी के CEO ने बताया कि अप्रैल में ब्रिटेन में 18-55 साल के 1,000 लोगों पर वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल शुरू किया गया था। यदि सबकुछ ठीक रहा है तो अक्टूबर तक वैक्सीन बाजार में उपलब्ध होगी। सितंबर तक दो बिलियन खुराक तैयार करने का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि यह कैम्ब्रिज स्थित फर्म ने अमेरिका के लिए 40 करोड़ और ब्रिटेन के लिए 10 करोड़ खुराक का उत्पादन करने का करार किया है।