गलवान में सैनिकों की शहादत पर आया रक्षा मंत्री का बयान; प्रधानमंत्री ने बुलाई सर्वदलीय बैठक
गलवान घाटी में चीन के साथ संघर्ष में 20 भारतीय जवानों की शहादत पर प्रतिक्रिया देते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि देश उनकी बहादुरी और बलिदान को कभी नहीं भूलेगा। उन्होंने कहा कि सैनिकों ने अपने कर्तव्य का पालन करते हुए अनुकरणीय साहस और वीरता दिखाई। बता दें कि ये पहली बार है जब भारत के शीर्ष नेतृत्व की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया दी गई है।
राजनाथ बोले- शहीदों के परिजनों के साथ खड़ा है देश
अपने ट्वीट में राजनाथ सिंह ने लिखा है, 'गलवान में सैनिकों की जान जाना बेहद परेशान करने वाला और दर्दनाक है। हमारे सैनिकों ने कर्तव्य का पालन करते हुए अनुकरणीय साहस और वीरता दिखाई और भारतीय सेना की सर्वोच्च परंपरा को आगे बढ़ाते हुए अपनी जान न्यौछावर कर दी। देश कभी भी उनकी बहादुरी और बलिदान को नहीं भूलेगा।' शहीदों के परिजनों के साथ संवेदना व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि देश कंधे से कंधा मिलाकर उनके साथ खड़ा है।
कल दिन भर चला था बैठकों का दौर
बता दें कि कल दिन में राजनाथ सिंह ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) बिपिन रावत और सेना प्रमुखों के साथ दो बैठकें की थीं। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिल उन्होंने उन्हें पूरी घटना का ब्यौरा भी दिया था। प्रधानमंत्री मोदी ने रात 10 बजे के आसपास खुद एक उच्च स्तरीय बैठक की जिसमें थल सेनाध्यक्ष एमएम नरवणे, गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और राजनाथ सिंह मौजूद रहे।
प्रधानमंत्री ने 19 जून को बुलाई सर्वदलीय बैठक
चीन के साथ इस संघर्ष के बारे में चर्चा करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने 19 जून को शाम पांच बजे सभी पार्टियों की एक वर्चुअल बैठक बुलाई है। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने ट्वीट कर जानकारी दी कि विभिन्न पार्टियों के अध्यक्ष इसमें हिस्सा लेंगे।
सोमवार रात हुई थी हिंसा
सोमवार रात विवादित अक्साई चिन इलाके स्थित गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी जिसमें एक कर्नल समेत 20 भारतीय जवान शहीद हुए थे। शहीद होने वाले कर्नल बी संतोष बाबू 16 बिहार रेजीमेंट के कमांडिग अफसर (CO) थे। अन्य चार भारतीय जवानों की स्थिति नाजुक होने की खबरें भी हैं। घटना में बड़ी संख्या में चीनी सैनिकों के मरने की खबरें भी हैं, हालांकि अभी तक इनकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
चीनी टेंट के हटाने गए थे कर्नल
अभी तक सामने आई रिपोर्ट्स के अनुसार, CO संतोष बाबू अपने सैनिकों के साथ गलवान घाटी में स्थित चीन के एक टेंट को हटाने के लिए गए थे। सैन्य अधिकारियों के बीच हुए समझौते के तहत चीन को ये टेंट हटाना था, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। टेंट पर बातचीत के दौरान चीनी सैनिकों ने CO और उनकी टीम पर हमला कर दिया जिससे हिंसा भड़क उठी और बाद में अन्य सैनिक मौके पर पहुंच गए।
इस कारण बड़ी संख्या में हुई मौतें
दोनों देशों के सैनिकों के बीच ये झड़प एक चोटी पर हुई और इस कारण मरने वालों की संख्या इतनी अधिक है। दरअसल, झड़प के दौरान कई सैनिक चोटी से नीचे नदी में जा गिरे और इस दौरान वे कई चट्टानों से टकराए। चीनी सैनिकों की बड़ी संख्या के कारण चोटी का एक हिस्सा टूट भी गया, जिसके कारण चीन के सैनिकों की भी बड़ी संख्या में मौत हुई है।