चीन ने कहा- गलवान हमेशा से हमारा हिस्सा, भारत के साथ और संघर्ष नहीं चाहते
क्या है खबर?
भारत के साथ सीमा पर टकराव पर चीन ने कहा है कि वह भारत के साथ और संघर्ष नहीं चाहता और सैन्य और राजनयिक माध्यमों के जरिए विवाद का सुलझाने की कोशिश की जा रही है।
हालांकि इसी दौरान चीन ने ये भी कहा है कि गलवान घाटी हमेशा से चीन का हिस्सा रही है और भारत ने सीमा संबंधी प्रोटोकॉल्स का उल्लंघन किया। उसने 15 जून की हिंसा चीनी सीमा के अंदर होने की बात भी कही।
बयान
चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा- अपने जवानों के अनुशासन में रखे भारत
अपनी एक प्रेस ब्रीफिंग में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने ये बातें कहीं। उन्होंने कहा है कि गलवान हमेशा चीन का हिस्सा रहा है और सीमा पर तैनात भारतीय सैनिकों ने सीमा संबंधी प्रोटोकॉल और कमांडर स्तर की बातचीत में बनी सहमति का उल्लंघन किया है।
उन्होंने भारत से अग्रिम मोर्च के अपने जवानों को अनुशासन में रखने, चीन के साथ मिलकर काम करने और बातचीत के जरिए विवाद सुलझाने के ट्रैक पर वापस लौटने को कहा।
बयान
लिजियान बोले- भारतीय सैनिकों सीमा के अंदर घुसकर चीनी सैनिकों को मारा
लिजियान ने आगे कहा, "हम राजनयिक और सैन्य माध्यमों के जरिए बातचीत कर रहे हैं। इसका गलत और सही बिल्कुल साफ है। घटना LAC के चीनी हिस्से की तरफ हुई और चीन को इसके लिए दोष नहीं दिया जा सकता... चीन और संघर्ष नहीं देखना चाहता।"
मंगलवार को लगाए अपने आरोप को दोहराते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय सैनिकों ने गैरकानूनी तरीके से सीमा पार की और चीनी सैनिकों पर हमला किया।
जानकारी
भारत ने चीन को ठहराया जिम्मेदार
बता दें कि मामले में भारत ने भी चीन पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया है। भारत का कहना है कि चीन ने एकतरफा तरीके से वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर स्थिति बदलने की कोशिश की, जिसके कारण ये हिंसा हुई।
हिंसा
सोमवार रात हुई थी हिंसा
सोमवार रात विवादित अक्साई चिन इलाके स्थित गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी जिसमें एक कर्नल समेत 20 भारतीय जवान शहीद हुए थे। शहीद होने वाले कर्नल बी संतोष बाबू 16 बिहार रेजीमेंट के कमांडिग अफसर (CO) थे। अन्य चार भारतीय जवानों की स्थिति नाजुक होने की खबरें भी हैं।
घटना में बड़ी संख्या में चीनी सैनिकों के मरने की खबरें भी हैं, हालांकि अभी तक इनकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
घटनाक्रम
चीनी टेंट को हटाने गए थे कर्नल
अभी तक सामने आई रिपोर्ट्स के अनुसार, CO संतोष बाबू अपने सैनिकों के साथ गलवान घाटी में स्थित चीन के एक टेंट को हटाने के लिए गए थे। सैन्य अधिकारियों के बीच हुए समझौते के तहत चीन को ये टेंट हटाना था, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया।
टेंट पर बातचीत के दौरान चीनी सैनिकों ने CO और उनकी टीम पर हमला कर दिया जिससे हिंसा भड़क उठी और बाद में अन्य सैनिक मौके पर पहुंच गए।
चोटी पर लड़ाई
इस कारण बड़ी संख्या में हुई मौतें
दोनों देशों के सैनिकों के बीच ये झड़प एक चोटी पर हुई और इस कारण मरने वालों की संख्या इतनी अधिक है। दरअसल, झड़प के दौरान कई सैनिक चोटी से नीचे नदी में जा गिरे और इस दौरान वे कई चट्टानों से टकराए।
चीनी सैनिकों की बड़ी संख्या के कारण चोटी का एक हिस्सा टूट भी गया, जिसके कारण चीन के सैनिकों की भी बड़ी संख्या में मौत हुई है।