भारत-चीन विवाद: जवानों की शहादत पर प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति समेत बड़े नेताओं ने क्या कहा?
क्या है खबर?
गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवानों की शहादत पर पूरा देश शोक में है। सबके जेहन में चीन के खिलाफ गुस्सा है और वह बदला लेने की मांग कर रहा है।
इसी बीच देश के राजनेताओं का भी चीन के खिलाफ गुस्सा फूट पड़ा है। विरोधी दल भी दुश्मन का मुकाबला करने के लिए सरकार के साथ खड़े नजर आ रहे हैं।
आइए जानते हैं किसने क्या कहा।
#1
राष्ट्र की स्मृति में हमेशा रहेगी शहीद जवानों की वीरता- राष्ट्रपति
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट किया, 'लद्दाख की गालवान घाटी में अपना जीवन न्योछावर करने वाले जवानों ने भारतीय सशस्त्र बलों की सर्वश्रेष्ठ परंपराओं को बरकरार रखा है। उनकी वीरता हमेशा राष्ट्र की स्मृति में रहेगी। उनके परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है।'
दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा, 'सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर के रूप में, मैं देश की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा के लिए हमारे सैनिकों के अनुकरणीय साहस और सर्वोच्च बलिदान को नमन करता हूं।'
#2
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन को दिया कड़ा संदेश
सीमा पर हुए विवाद के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी चीन को कड़ा संदेश दिया है।
उन्होंने कहा कि सैनिकों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। देश की एकता और संप्रभुता सबसे महत्वपूर्ण है और किसी को भी संदेह में नहीं रहना चाहिए। भारत शांति चाहता है, लेकिन जब उसे उकसाया जाता है तो वह मुंह तोड़ जवाब देने में भी सक्षम होता है। चाहे वह किसी भी स्थिति में हो। भारत अपनी संप्रभुता की रक्षा करने में सक्षम है।
#3
जवानों की शहादत को कभी नहीं भूलेगा देश- राजनाथ सिंह
अपने ट्वीट में राजनाथ सिंह ने लिखा है, 'गलवान में सैनिकों की जान जाना बेहद परेशान करने वाला और दर्दनाक है। हमारे सैनिकों ने कर्तव्य का पालन करते हुए अनुकरणीय साहस और वीरता दिखाई और भारतीय सेना की सर्वोच्च परंपरा को आगे बढ़ाते हुए अपनी जान न्यौछावर कर दी। देश कभी भी उनकी बहादुरी और बलिदान को नहीं भूलेगा।'
शहीदों के परिजनों के साथ संवेदना व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि देश कंधे से कंधा मिलाकर उनके साथ खड़ा है।
#4
सीमा पर शहीद हुए जवानों का कर्जदार रहेगा देश- अमित शाह
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने ट्वीट किया, 'मैं ऐसे परिवारों को नमन करता हूं जिन्होंने भारतीय सेना को ऐसे महान नायक दिए हैं। देश हमेशा शहीद हुए जवानों का कर्जदार रहेगा। मातृभूमि की रक्षा करते हुए हमारे बहादुर सैनिकों को खोने का दर्द शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है।'
उन्होंने लिखा, 'देश अपने मातृभूमि की रक्षा के लिए प्राण न्यौछावर करने वाले सभी शहीदों को सलाम करता है। उनकी बहादुरी देश के प्रति उकनी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।'
बयान
बहादुर सैनिकों के सर्वोच्च बलिदान को करते हैं सलाम- भारतीय सेना
सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे और सभी रैंकों ने झड़प में शहीद हुए सभी जवानों की शहादत को सलाम किया। उन्होंने कहा कि उनकी शहीदों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना है। शहीदों की शहादत को व्यर्थ नहीं जाने दिया जाएगा।
#5
दुश्मन का मुकाबला करने के लिए एकजुट होगा देश- सोनिया गांधी
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने ट्वीट किया, 'संकट के इस समय में कांग्रेस सेना और सरकार के साथ खड़ी है। विश्वास है कि दुश्मन का मुकाबला करने के लिए देश एकजुट होगा।'
इसी तरह राहुल गांधी ने ट्वीट किया, 'प्रधानमंत्री चुप क्यों हैं? वह क्यों छिपा रहे हैं? अब बहुत हो गया है। हमे यह जानना होगा कि क्या हुआ है। चीन ने हमारे सैनिकों को मारने की हिम्मत कैसे की? उन्होंने हमारी जमीन लेने की हिम्मत कैसे की?
#6
गलवान घाटी हमेशा रही चीन का हिस्सा- चीन
अपनी एक प्रेस ब्रीफिंग में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा है कि गलवान हमेशा चीन का हिस्सा रहा है और सीमा पर तैनात भारतीय सैनिकों ने सीमा संबंधी प्रोटोकॉल और कमांडर स्तर की बातचीत में बनी सहमति का उल्लंघन किया है।
उन्होंने भारत से अग्रिम मोर्च के अपने जवानों को अनुशासन में रखने, चीन के साथ मिलकर काम करने और बातचीत के जरिए विवाद सुलझाने के ट्रैक पर वापस लौटने को कहा है।
#7
चीन ने सुनियोजित कार्रवाई करते हुए समझौतों के उल्लंघन का इरादा दर्शाया- जयशंकर
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन द्वारा भारतीय सैनिकों के सीमा पार करने के दावों को खारिज करते हुए कहा कि चीनी सेना की ओर से की गई सुनियोजित कार्रवाई से सीमा पर हिंसा हुई थी।
इस कार्रवाई ने चीन द्वारा दोनों देशों के बीच हुए समझौतों के उल्लंघन के इरादे को दर्शाया है।
उन्होंने कहा कि दोनों देशों को समझौतों का पालन करना चाहिए। भारत हमेशा से ही चीन के साथ सीमा पर शांति के लिए प्रतिबद्ध रहा है।
घटना
चीनी सेना से हुई झड़प में शहीद हुए 20 सैनिक
पूर्वी लद्दाख में चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिकों शहीद हो गए थे। जबकि चार सैनिक गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
झड़प में चीन के भी करीब 43 सैनिकों की जान जाने की खबरें हैं। यह हिंसक झड़प उस समय शुरू हुई जब भारतीय सैनिक सीमा के भारत की तरफ चीनी सैनिकों द्वारा लगाए गए टेंट को हटाने गए थे। उस दौरान चीनी सैनिकों ने पत्थर, रॉड और कंटीले तारों से हमला कर दिया।