भारत में कोरोना महामारी के चलते बनी स्थिति बेहद चिंताजनक- WHO प्रमुख
भारत में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के चलते बनी स्थिति को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बेहद चिंताजनक करार दिया है। संगठन के प्रमुख डॉ टेड्रोस अधेनोम गेब्रिएसेस ने शुक्रवार को कहा कि भारत के कई राज्यों में अब भी कोरोना के मामले कम नहीं हो रहे और मौतें भी थम नहीं रही हैं। कई राज्यों के अस्पतालों में अब भी मरीजों को भर्ती करने के लिए मारामारी चल रही है। आइये, जानते हैं कि उन्होंने और क्या-क्या कहा।
महामारी से लड़ाई में मदद कर रहा WHO- टेड्रोस
सगंठन की दैनिक प्रेस ब्रीफिंग में डॉ टेड्रोस ने कहा कि भारत में अब भी हालात बेहद चिंताजनक बने हुए हैं। कई राज्यों में कोरोना के नए मामले और महामारी के कारण होने वाली मौतें बढ़ रही हैं। उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन भी कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई में भारत की मदद कर रहा है और हजारों की संख्या में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स, फील्ड अस्पतालों के लिए टेंट और मेडिकल उपकरण भेजे जा रहे हैं।
कई और देशों में बनी हुई है आपातकालीन स्थिति- टेड्रोस
डॉ ट्रेडोस ने यह भी कहा कि खतरनाक कोरोना वायरस के कारण यह आपातकालीन स्थिति केवल भारत तक ही सीमित नहीं है और वियतनाम, थाईलैंड, श्रीलंका, नेपाल और मिस्र आदि भी इससे परेशान हैं। इन देशों में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि लैटिन अमेरिकी देशों में भी महामारी के मामले बढ़ रहे हैं और पिछले हफ्ते कोरोना से दुनियाभर में जितनी मौतें हुईं, उनमें से 40 फीसदी लैटिन अमेरिकी देशों में हुई।
"अधिक घातक होने जा रहा महामारी का दूसरा साल"
WHO प्रमुख ने कहा कि महामारी की दूसरा साल पहले की तुलना में अधिक खतरनाक साबित होने जा रहा है। इससे निपटने के लिए वैक्सीनेशन और सावधानी दोनों की जरूरत है। WHO लगातार जरूरतमंद देशों को मदद भेज रहा है।
टेड्रोस बोले- वैक्सीनेशन में गरीब देशों की मदद करें अमीर देश
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अमीर देशों से वैक्सीनेशन में गरीब देशों की मदद की अपील की है। डॉक्टर टेड्रोस ने कहा, "अमीर देश अपने बच्चों को भी वैक्सीन लगा रहे हैं। मै इसे रोकने की अपील करता हूं। बच्चों के लिए इस्तेमाल की जा रही खुराकें गरीब देशों को दान की जानी चाहिए ताकि महामारी से जल्दी और बेहतर तरीके से निपटा जा सके।" उन्होंने कहा कि अभी तक गरीब देशों के स्वास्थ्यकर्मियों को भी वैक्सीन नहीं लग पाई है।
साफ दिख रहा नैतिक पतन- टेड्रोस
डॉ टेड्रोस ने अमीर देशों से नाराजगी जताते हुए कहा, "हमने कहा था कि वैक्सीनेशन शुरू होने के बाद नैतिक पतन होगा। दुर्भाग्य से अब ये साफ दिख रहा है। कई देशों के पास वैक्सीन का ढेर है और वो उन लोगों को वैक्सीनेट कर रहे हैं, जिन्हें महामारी से सबसे कम खतरा है। मैं फिर उनसे अपील करता हूं कि वे गरीब देशों की मदद के लिए आगे आएं। वहां अब तक स्वास्थ्यकर्मियों को भी वैक्सीन नहीं लगी है।"