बिहार: पूर्णिया में महादलितों की बस्ती जलाई गई, अब तक दो आरोपी गिरफ्तार
बिहार के पूर्णिया जिले में एक भीड़ ने महादलितों की बस्ती पर धावा बोलकर इसे आग के हवाले कर दिया। यह घटना 19 मई की है, जब बायसी प्रखंड के नियामतपुर मझुआ गांव में 100-150 लोगों की एक भीड़ ने दलितों के घर जला दिए और एक सेवानिवृत्त चौकीदार की हत्या कर दी। मामले में अभी तक तीन FIR दर्ज की गई है और पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
विरोध करने पर की मारपीट
19 मई को एक झड़प के बाद कुछ लोगों ने चौकीदार की हत्या कर दी। इसके बाद उन्होंने बस्ती में बने 13 घरों को जला दिया और विरोध करने पर लोगों की पिटाई की। जिला प्रशासन का कहना है कि बस्ती को उजाड़ने वाली भीड़ में शामिल लोग भी उसी गांव के रहने वाले है। कुछ अफवाहें उड़ रही हैं कि आक्रमणकारी स्थानीय लोग नहीं हैं। फिलहाल इलाके में पुलिस की तैनाती बढ़ा दी गई है।
2015 में भी हो चुका है विवाद
स्थानीय लोगों का कहना है कि जमीन को लेकर 2015 में भी इस तरह की वारदात हो चुकी थी। उसके बाद यहां तीन साल तक पुलिस चौकी रही थी, लेकिन बाद में इसे हटा दिया गया। लोगों का आरोप है कि 24 अप्रैल को भी कुछ लोगों ने महादलितों के घर में आग लगाकर परिवार की पिटाई की थी। इस बारे में पुलिस में FIR दर्ज कराई गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
उप मुख्यमंत्री बोले- मामले का होगा स्पीडी ट्रायल
उप मुख्यमंत्री तारा किशोर प्रसाद ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि उपद्रवियों और हत्या के आरोपियों को जल्द गिरफ्तार कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में स्पीडी ट्रायल होगा और पीड़ित परिवारों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने राज्य के पुलिस महानिदेशक, जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक से बात कर घटना की पूरी जानकारी ली है। उन्होंने कहा कि इस बात के पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हो।
पीड़ितों की मदद कर रहा जिला प्रशासन- प्रसाद
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला प्रशासन ने सभी पीड़ित परिवारों को सूखा राशन और सहायता राशि उपलब्ध करा दी है। इसके अलावा उन्हें अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों के मुताबिक मुआवजे की राशि भी दिलाई गई है। मृतक के परिवार को मुआवजे की पहली किस्त मिल चुकी है। उन्होंने यह भी कहा है कि पीड़ित परिवारों को सभी सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
गांव के दौरे पर अनुसूचित जाति आयोग के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष
सोमवार को अनुसूचित जाति आयोग के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और बनमनखी विधायक कृष्ण कुमार ऋषि समेत कई नेता मौके पर पहुंचे और पीड़ितों के लिए न्याय की मांग की। ऋषि ने कहा कि यह बेहद दुखद और अमानवीय वारदात है। प्रशासन ने सिर्फ खानापूर्ति के लिए दो लोगों की गिरफ्तारी की है, जबकि इस मामले में 60 लोगों को नामजद किया गया और 100 अज्ञात लोगों के नाम FIR में शामिल है। वो आयोग को इसकी रिपोर्ट भेजेंगे।