महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण से ठीक हुए 52 लोगों की ब्लैक फंगस से हुई मौत
क्या है खबर?
कोरोना संक्रमण से ठीक होने वाले लोगों के लिए जानलेवा बने म्यूकरमायकोसिस यानी ब्लैक फंगस का कहर बढ़ना शुरू हो गया है। इस संक्रमण से महाराष्ट्र में अब तक 52 लोगों की मौत हो चुकी है।
इसके अलावा इसकी चपेट में आए आठ अन्य मरीजों की आंखों की रोशनी भी चली गई।
बता दें कि बिमारी के सामने आने के बाद राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने पहली बार ब्लैक फंगस के कारण मरने वाले लोगों की सूची तैयार की है।
ब्लैक फंगस
क्या होता है म्यूकरमायकोसिस या ब्लैक फंगस?
अमेरिका की सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के अनुसार म्यूकरमायकोसिस या ब्लैक फंगस एक बेहद दुर्लभ संक्रमण है। यह म्यूकर फंगस के कारण होता है जो मिट्टी, पौधों, खाद, सड़े हुए फल और सब्ज़ियों में पनपता है।
CDC के अनुसार यह फंगस मिट्टी के साथ हवा और यहां तक कि स्वस्थ इंसान की नाक और बलगम में भी पाई जाती है। यह फंगस साइनस, आंख, दिमाग़ और फेफड़ों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाती है।
खतरा
कोरोना संक्रमण से ठीक हुए लोगों को है सबसे अधिक खतरा
ब्लैक फंगस का सबसे अधिक खतरा कोरोना संक्रमण से ठीक होने वाले मरीजों में पाया जा रहा है।
इसी तरह यह रोग प्रतिरोधक क्षमता कम करने वाली बीमारियों से ग्रसित लोगों में भी हो सकता है।
इसके प्रमुख लक्षण चेहरे के एक हिस्से में सूजन, सिरदर्द, नाक में संक्रमण, नाक या मुंह के ऊपरी हिस्से पर काले घाव, बुखार, खांसी, छाती में दर्द, सांस लेने में परेशानी, आंखों में सूजन और दर्द, पलकों का गिरना, धुंधला दिखना, अंधापन आदि हैं।
बयान
राज्य में ब्लैक फंगस से हुई 52 लोगों की मौत- स्वास्थ्य अधिकारी
इंडिया टुडे के अनुसार स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि ब्लैक फंगस कोरोना से ठीक हो चुके मरीजों पाई जा रही है। इसके कारण राज्य में अब तक 52 लोगों की मौत हो गई है।
उन्होंने कहा कि ब्लैक फंगस के कारण जान गंवाने वाले सभी लोग हाल ही कोरोना वायरस के संक्रमण से ठीक हुए थे। इसको देखते हुए राज्य सरकार ने पहली बार ऐसे लोगों की सूची तैयार की है।
तैयारी
ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार जुटा रही आंकड़े
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने बताया कि कोविड-19 के मामले बढ़ने और ब्लैक फंगस संक्रमण बढ़ने की रिपोर्टों के बाद राज्य ने आंकड़ें जुटाने तैयार कर दिए हैं। इससे पता चला कि ब्लैक फंगस संक्रमण से 52 लोगों की मौत हो चुकी है।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में 2020 में बहुत कम मौतें हुई थी, लेकिन इस साल ज्यादा मौत हुईं। यह बीमारी मधुमेह रोगियों में अधिक होती है। इन रोगियों के खून में आयरन का स्तर अधिक होता है।
हालात
महाराष्ट्र में ब्लैक फंगस के हैं 1,500 से अधिक मामले- टोपे
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बुधवार को कहा था कि राज्य में ब्लैक फंगस के 1,500 मामले हैं। म्यूकरमायकोसिस के मामले बढ़ने से राज्य के स्वास्थ्य देखभाल ढांचे पर बोझ बढ़ सकता है जो पहले ही दबाव में है।
उन्होंने कुछ दिन पहले कहा था कि राज्य ब्लैक फंगस के मरीजों के उपचार के लिए एक लाख एम्फोटेरिसिन-बी फंगस रोधी इंजेक्शन खरीदने के लिए निविदा निकाली जाएगी। इससे मरीजों के उपचार में थोड़ी राहत मिलेगी।
एडवाइजरी
ICMR ने ब्लैक फंगस को लेकर जारी की एडवाइजरी
बता दें ब्लैक फंगस को लेकर भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने गत दिनों एडवाइजरी जारी की थी।
उसमें कहा गया था कि यह कोरोना संक्रमण से ठीक होने वाले, कमजोर इम्यूनिटी, अत्यधिक मधुमेह यानी शुगर, लंबे समय तक स्टेरॉयड्स लेने वाले, लंबी बीमारी से पीड़ित मरीजों में होता है।
इससे बचाव के लिए सबसे पहले ब्लड शुगर को नियंत्रित करना होता है और ऑक्सीजन पर चल रहे मरीजों को स्टेराइल वॉटर का उपयोग करना होता है।