अगले हफ्ते भारत आएंगे अमेरिका के रक्षा और विदेश मंत्री, चीन पर करेंगे बात
इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन की चुनौती से निपटने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए अमेरिका के रक्षा और विदेश मंत्री अगले हफ्ते भारत आएंगे। अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने मंगलवार को ये जानकारी दी। भारत को क्षेत्र में अपना सबसे महत्वपूर्ण सहयोगी बताते हुए एस्पर ने कहा कि इस दौरे का मकसद दोनों देशों के संबंधों को मजबूत करना है। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस दौरे पर अधिक खुफिया जानकारी साझा करने पर सहमति बन सकती है।
दोनों देशों के बीच होगी 2+2 स्तर की वार्ता- एस्पर
मंगलवार को अटलांटिक काउंसिल को संबोधित करते हुए एस्पर ने कहा कि वे और विदेश मंत्री माइक पोम्पियो भारत के साथ 2+2 स्तर की वार्ता करेंगे और इसमें इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की चुनौतियों और उनसे निपटने के तरीकों पर चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा कि ये दौरा अमेरिका की उस व्यापक पहल का हिस्सा है जिसके तहत वह रूस और चीन से निपटने के लिए अपने पुराने गठबंधनों को मजबूत कर रहा है और नए बना रहा है।
एस्पर बोले- रोज चीन की आक्रामकता का सामना कर रहा भारत
भारत को इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अमेरिका का इस सदी का सबसे महत्वपूर्ण सहयोगी बताते हुए एस्पर ने कहा, "भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। यह बड़े प्रतिभाशाली देशों का एक सक्षम देश है और वे हर दिन हिमालय पर चीन की आक्रामकता का सामना कर रहे हैं, खासकर वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर।" उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र (इंडो-पैसिफिक) के सभी देश देख रहे हैं कि चीन क्या कर रहा है।
"मुद्दा यह है कि चीन का उदय कैसे हो रहा है"
एस्पर ने कहा, "चीन राजनीति और कूटनतिक दबाव के साथ-साथ भारत जैसे कुछ देशों पर सैन्य दबाव भी बना रहा है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।" एस्पर ने कहा कि यह मुद्दा चीन के उदय का नहीं है, इस बात का है कि उनका उदय कैसे हो रहा है। इसी पर इन बैठकों में चर्चा होती है।" उन्होंने कहा कि सभी देशों को अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन करना होता है और इससे सबको फायदा होता है।
भारत और अमेरिका दोनों देशों के साथ चल रहा है चीन का तनाव
भारत और अमेरिका दोनों ही पिछले कई महीने से चीन की आक्रामकता का सामना कर रहे हैं। भारत के साथ तनाव की बात करें तो लद्दाख में LAC पर कम से कम चार जगहों पर दोनों देशों के सैनिक आमने-सामने हैं और तीन जगहों पर चीन भारत के इलाके में आकर बैठा हुआ है। वहीं दक्षिण चीन सागर में वह अमेरिका के साथ टकराव की स्थिति में है और अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन कर आक्रामक गतिविधियां कर रहा है।
चीन की आक्रामकता के कारण नजदीक आ रहे भारत और अमेरिका
चीन की इस आक्रामकता का नतीजा ये हुआ है कि पिछले कुछ महीनों में भारत और अमेरिका एक-दूसरे के ज्यादा नजदीक आए हैं। दोनों देश जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ मिलकर 'क्वाड' गठबंधन को चीन की काट के तौर पर खड़ा करना चाहते हैं। ये चारों देश अगले महीने ही मालाबार में साझा नौसेना अभ्यास करेंगी। इससे पहले पिछले नवंबर में अमेरिका ने पहली बार भारत के साथ हवाई, जमीनी और समुद्री सैन्य अभ्यास किया था।